अपर जिला जज ने जिला कारागार का किया निरीक्षण एवं बन्दियों को विधिक रूप से किया जागरूक
प्रतापगढ़। माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अब्दुल शाहिद के मार्गदर्शन में जिला कारागार का अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नीरज कुमार बरनवाल ने निरीक्षण किया एवं बन्दियों को विधिक रूप से जागरूक किया। निरीक्षण के दौरान जेलर राजेश कुमार राय द्वारा अवगत कराया गया कि जिला कारागार में 1199 बन्दी निरूद्ध है जिसमें 1029 विचाराधीन बन्दी है इसमें महिला 31 तथा 955 पुरूष एवं किशोर (18 से 21 वर्ष आयु समूह) बन्दियों की संख्या 43 है। सिद्धदोष बन्दियों की संख्या 158 बतायी गयी जिसमें 03 महिला बन्दी व 154 पुरूष एवं 01 किशोर बन्दी शामिल है। जेल में निरूद्ध महिला बन्दियों के साथ कुल 04 बच्चे रह रहे है। सचिव द्वारा जिला कारागार में स्थित महिला बैरक एवं किशोर बैरक, पाकशाला, जेल अस्पताल, लीगल एण्ड क्लीनिक एवं वीडियो कान्फ्रेसिंग रूम, पुस्तकालय कौशल विकास योजना के अन्तर्गत स्थापित प्रशिक्षण केन्द्र सहित जेल परिसर की साफ-सफाई, महिला बन्दियों की तलाशी रूम का निरीक्षण किया गया। प्रत्येक बैरिक में मनोरंजन के लिये टी0वी0 लगी है जो चालू हालत में बतायी गयी। इस अवसर पर बालचक्र में निरूद्ध किशोर बन्दियों से मिलकर उनके अपराध और उनकी आयु के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गई।
जिला कारागार में 18 वर्ष से कम आयु के निरूद्ध बन्दियों को चिन्हित करने और ऐसे बन्दियों को विधिक सहायता उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में जेल अधिकारी को निर्देशित किया गया। किशोर बैरिक में किशोर बन्दियों को शिक्षित करने हेतु व्यवस्था की गई है, जिसमें बैरिक परिसर में एक ब्लैक बोर्ड लगाया गया है। किशोर बन्दी कुन्दन द्वारा भी निरूद्ध किशोर बन्दियों को पढ़ाने व लिखाने का कार्य किया जाता है। किशोर बैरिक में 28 किशोर बन्दियों को शारीरिक व्यायाम का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जेल अस्पताल के निरीक्षण के दौरान ड्यूटी पर कार्यरत चिकित्सक द्वारा बताया गया कि जेल अस्पताल में कुल 12 बन्दी भर्ती है। यह भी जानकारी दी गयी कि गम्भीर रूप से बीमार बन्दी ललित सरोज को चिकित्सक द्वारा एस0आर0एन0 प्रयागराज इलाज हेतु रिफर किया गया था किन्तु वहां पर बन्दी की बीमारी की गम्भीरता के अनुसार समुचित उपचार नही किया गया और बन्दी को भर्ती भी नही किया गया। यह भी जानकारी दी गयी कि जिला कारागार में कुल 05 बन्दी एच0आई0बी0 ग्रसित पाये गये, जिनका समय समय पर जांच और उपचार किया जा रहा है।
जेल अस्पताल में हेपेटाइटिस से ग्रसित एक बन्दी बताया गया। कौशल विकास योजना के अन्तर्गत स्थापित प्रशिक्षण केन्द्र के निरीक्षण के दौरान बन्दियों को आंवले की बर्फी और लड्डू बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बन्दियों में उत्साह देखा गया। जेलर को यह भी निर्देशित किया गया कि जिन सिद्धदोष बन्दियों की अपील हो गयी है, अपील सम्बन्धित रजिस्टर में उनका पूर्ण विवरण अंकित किया जाना सुनिश्चित किया जाये, ऐसे चिन्हित सिद्धदोष बन्दी जो आर्थिक कठिनाई के कारण या अन्य किसी कारण से अपील करने में सक्षम नहीं है उनकी निःशुल्क अपील कराने के लिये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय को अवगत कराया जाये। जेलर को निर्देशित किया गया कि जिन बन्दियों को अपने मुकदमें की पैरवी हेतु निःशुल्क पैनल अधिवक्ता की आवश्यकता है उनके आवेदन पत्र लिखित रूप में प्राप्त करके उनके आवेदन पत्र को प्राप्त करके नालसा के निर्देशानुसार एलएसएमएस पोर्टल पर अपलोड किया जाये और उसकी एक प्रति कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को उपलब्ध कराया जाये जिससे बन्दियों को उनके मुकदमें की पैरवी हेतु निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जा सके।
इस अवसर पर जेल विजिटर विश्वनाथ प्रसाद त्रिपाठी एडवोकेट द्वारा किशोर बन्दियों को उनके विधिक अधिकारों एवं प्लीबारगेनिंग तथा जमानत के सम्बन्ध में विधिक जानकारी देते हुये जागरूक किया गया। उन्होने बताया कि शासन द्वारा लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल पद पर अधिवक्ताओं की नियुक्ति राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार की गई है। जिन बन्दियों के पास मुकदमें की पैरवी हेतु अधिवक्ता नहीं है उन बन्दियों के मुकदमों की पैरवी लीगल एड फिडेन्स काउन्सिल के पद पर चयनित अधिवक्ताओं द्वारा की जा रही हैं। उन्होने यह भी बताया कि जेल में निरूद्ध बन्दियों के कौशल विकास हेतु जिला कारागार में फूड प्रोसेसिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा इलेक्ट्रेशियन प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान उप जेलर द्वारा जानकारी दी गयी कि जेल में निरूद्ध अधिकांश सिद्धदोष बन्दियों की अपील हो चुकी है। इस अवसर पर जेलर राजेश कुमार राय, उप जेलर आफताब अहमद अंसारी, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल अभय प्रताप सिंह व असिण्टेण्ट तजीन फातिमा उपस्थित रहे।