![जब सत्ताधारी दल के नेता ही कानून तोड़ेंगे तो आम जनता भी उसी का करेगी अनुशरण...](https://khulasaindia.com/wp-content/uploads/2022/06/hari-pratap-701x430.jpg)
प्रतापगढ़ जिला प्रशासन का आदेश ठेंगे पे, सई नदी के तटीय क्षेत्र में प्रतिबन्ध के बावजूद भाजपा नेता हरि प्रताप सिंह का कुकृत्य योगी सरकार को कटघरे में कर रही है,खड़ा
प्रतापगढ़। नीच, निर्लज्ज, वेशर्म, बेहया और बेगैरत जैसे शब्द जिसके लिए कम हो वह कुछ भी कर सकता है। जब ब्यक्ति का नैतिक पतन हो जाए तो जान लेना चाहिए कि उसके लिए इस धरती पर धन ही सबकुछ है। वह अपने लाभ के लिए कुछ भी कर सकता है। उसे लेशमात्र का भी भय नहीं कि लोग उसे क्या कहेंगे ? उसके कुकर्म के विषय में क्या सोचेंगे ? सभ्य समाज में सामाजिक लज्जा बहुत ही आवश्यक माना गया है। विधानसभा चुनाव के समय में सई नदी की तलहटी में नगरपालिका के अध्यक्ष पद पर 20 वर्षों तक येन-केन-प्रकारेण कब्जा जमाने वाले भाजपा नेता हरि प्रताप सिंह जो नब्बे के दशक में सदर मोड़ से पहले अजीत नगर में किराये के मकान में अपना आवास बनाकर सर्वजीतपुर से रहने आये थे, वह आज इस कदर शक्तिशाली हो गए हैं कि SDM सदर के आदेश को दरकिनार कर सई नदी के तट तक मल्टी कॉम्प्लेक्स बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू कराये, सूचना पर विनियमित क्षेत्र के नियत प्राधिकारी अधिकारी एवं SDM सदर प्रतापगढ़ ने विनियमित क्षेत्र के अवर अभियंता की रिपोर्ट पर किये जा रहे निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी।
एमएलसी के चुनाव में काफी किरकिरी कराने वाले भाजपा उम्मीदवार हरि प्रताप सिंह एमएलसी चुनाव परिणाम के बाद चुनाव में करारी शिकस्त खाने के बाद कुछ दिन शांत रहे। महज तीन महीने बाद ही भाजपा नेता हरि प्रताप सिंह सत्ता की हनक के आगे पुनः अपने पद और शक्ति के बल पर सई नदी की तलहटी में अपनी मल्टी कॉम्प्लेक्स बिल्डिंग का निर्माण शुरू कराकर योगी सरकार को खुली चुनौती दे दी है। सूबे में मुख्यमंत्री के रूप में योगी जी ने दूसरी बार शपथ लेने के बाद माफियाओं पर शिकंजा कसना शुरू किया और संदेश दिया था कि उनके राज्य में माफियाओं पर कड़ाई से कार्रवाई की जायेगी। परन्तु प्रतापगढ़ में योगी जी की कोई घोषणाएं धरातल पर दिख नहीं रही हैं। यदि दिखती होती तो भाजपा नेता हरि प्रताप सिंह सई नदी के तट पर प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध निर्माण न कराते। ऐसा प्रतीत होता है कि जिला प्रशासन के आदेश को भाजपा नेता अपनी जूती में रखते हैं, तभी तो वह SDM सदर के आदेश को दरकिनार करते हुए सई नदी के प्रतिबंधित क्षेत्र में निर्माण कार्य करा रहे हैं।