कानूनी दांव-पेच से अब खुद को बचा नहीं पा रहा माफिया मुख्तार अंसारी,कस रहा लगातार कानून का शिकंजा
लखनऊ। एक समय सत्ता से लेकर माफिया पर राज करने वाला माफिया मुख्तार अंसारी अब खुद को कानूनी दांव-पेच से बचा नहीं पा रहा है। जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह माफिया मुख्तार अंसारी पर और उसके गिरोह के सदस्यों पर कानून का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है।मुख्तार अंसारी को एक वर्ष के भीतर छठे मुकदमे में सजा सुनिश्चित कराई गई।
इससे पूर्व पुलिस व अभियोजन की प्रभावी पैरवी का परिणाम रहा कि लगभग 40 साल बाद मुख्तार अंसारी को पहली बार हाईकोर्ट ने लखनऊ जेल में साल 2003 में जेलर एसके अवस्थी को धमकाने के मामले में 21 सितंबर, 2022 को सजा सुनाई थी। इसके बाद कभी सटीक कानूनी दांव-पेच के बलबूते खुद को बचाते रहे माफिया मुख्तार अंसारी के लिए मुश्किलें बढ़ती ही गईं।
मुख्तार ऐसा घिरा कि बचाव के रास्ते बंद होने लगे…
माफिया मुख्तार अंसारी अभियोजन के ऐसे जाल में घिरा कि उसके बचाव के रास्ते बंद होने लगे। यही कारण रहा कि मुख्तार को पहली बार हत्या के मुकदमे में भी सजा सुनाई गई। पांच जून को अवधेश राय की हत्या के मामले में मुख्तार दोषी करार दिया गया। अब तक मुख्तार को गैंगस्टर एक्ट के कुल चार मामलों में सजा सुनाई गई है। दिल्ली कोर्ट ने साल 2003 में मुख्तार को आयुष व टाडा अधिनियम के तहत दर्ज केस में दोषी ठहराया था।
बीते दो सालों में मुख्तार के विरुद्ध प्रभावी पैरवी कर लंबे समय बाद नौ मामलों में आरोप तय कराए गए थे। इनमें साल 2021 में दो और साल 2022 में सात मुकदमों में आरोप तय कराए गए थे। अभियोजन निदेशालय के एक अधिकारी के अनुसार वाराणसी में बहुचर्चित नंद किशोर रुंगटा के अपहरण के मामले में वादी को जान से मारने की धमकी देने का मामला विचाराधीन है, जिसमें प्रभावी पैरवी सुनिश्चित कराई जा रही है।
निरस्त कराए गए 175 शस्त्र लाइसेंस…
ऐसे ही अन्य मामलों में भी पैरवी के कदम मजबूती से बढ़ रहे हैं। स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार मुख्तार अंसारी गिरोह के 288 सदस्यों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध 156 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। मुख्तार और उसके सहयोगियों के 175 शस्त्र लाइसेंस निरस्त कराए गए।
एनएसए के तहत की गई कार्रवाई…
मुख्तार अंसारी गिरोह के पांच सक्रिय सदस्य पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। गिरोह के 164 सदस्यों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट तथा छह के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की गई है। गिरोह की 605 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त और धवस्त कराए जाने के साथ ही गिरोह के 215 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध कारोबार को बंद कराया गया है।