प्रतापगढ़ डिपो की बसों के परिचालक और चालक बिना टिकट कानपुर से प्रतापगढ़ आते समय बस पर लाते हैं, बिल रहित सामान, समान मंगाने वाले करते हैं, जीएसटी की चोरी
प्रतापगढ़। कानपुर वाया रायबरेली-कुंडा से प्रतापगढ़ आने वाली बस जिसका रजिस्ट्रेशन नम्बर-UP72-AT-0645 है। बस कानपुर से प्रतापगढ़ के लिए रवाना हुई। बस का कोई तय रास्ता नहीं। इधर उधर घुमाकर यात्रियों को प्रतापगढ़ ले आती है। परिचालक और चालक इसकी वजह पूँछने पर यात्री को कुछ बताने के लिए तैयार नहीं होते। सबकुछ मनमानी तरह से करना यात्रियों के लिए चिंताजनक है। इससे यात्री को बहुत विलम्ब होता है। उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी कानपुर है। कानपुर से वाया रायबरेली, प्रतापगढ़ आने वाली बस से सामान लादकर भेजा जाता है जो परिचालक जगह-जगह बस को रोकर उसे उतारता है। जगह-जगह उतरने वाले सामान को लेने के लिए पहले से लोग खड़े रहते हैं। परिचालक को फोन करके पता करते रहते हैं कि बस कहाँ पहुँची ? वैसे बस का टाइमिंग सामान मंगाने वाले लोगों को पता रहता है।
कानपुर से सामान बस पर लोड करने वाले को पैसा ऑनलाइन भेज दिया जाता है। ये सारे सामान GST चोरी करके मंगाए जाते हैं। यानि इन सामानों का बिल नहीं होता। बस के चालक और परिचालक के माध्यम से ब्यापारी GST की चोरी करते हैं। बस चालक और परिचालक भी बिना टिकट सामान को लाते हैं और जो भाड़ा उन्हें मिलता है। वह आपस में बांट लेते हैं। एक तरह से देखा जाये तो चालक और परिचालक की मोटी कमाई हो जाती है। इसमें पिसते हैं तो बस में सफर करने वाले यात्री। कानपुर से प्रतापगढ़ की यात्रा 8 घण्टे में पूरी हो पाती है। जबकि दूरी महज 200 किमी ही है। इस तरह राज्य सरकार को दो तरह से घाटा सहन करना पड़ता है। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी UPSRT के आला अधिकारियों को न हो। सबकुछ जानते हुए भी आला अधिकारी भी मौन रहते हैं।