फरार चल रही हत्यारी पत्नि को पुलिस ने किया गिरफ्तार,रस्सी से गला दबाकर पति की थी हत्या
राजस्थान चुरू जिले में लव मैरिज के साढ़े 1 साल बाद रस्सी से पति की गला दबाकर हत्या करने के मामले में पुलिस ने मंगलवार दोपहर आरोपी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया। सदर पुलिस आरोपी पत्नी से पूछताछ कर मामले की अभी ओर जांच करेगी। सदर थानाधिकारी करतार सिंह ने बताया कि आरोपी महिला 23 वर्षीय सरोज को मंगलवार दोपहर बाद पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सरोज ने कई खुलासे किये है। जिसमें पति की हत्या का मुख्य कारण आये दिन लड़ाई झगड़ा करना बताया है।
सरोज ने किये कई खुलासे…
आरोपी महिला ने बताया कि तीन फरवरी की रात करीब आठ बजे 26 वर्षीय पति मोहनलाल मेघवाल घर आया था। जो आते ही गाली गलोच करने लगा। जिस पर सरोज अपने पड़ौसी के घर चली गयी। जहां काफी देर तक बैठी रही। मोहनलाल चुपचाप अपने कमरे में जाकर सो गया था। रात करीब साढ़े दस बजे सरोज अपने घर गयी। जहां उसने सोये हुए अपने पति मोहनलाल मेघवाल की रस्सी से गला दबाकर हत्या कर दी। जिसके बाद पूरी रात वह पति के शव के पास चुपचाप बैठी रही। चार फरवरी की सुबह उसने हत्या को आत्महत्या का रूप देकर पुलिस को काॅल कर दिया। जिसने कहा कि उसके पति ने फांसी लगाकर सुसाइड कर ली है। पुलिस ने मौके पर पहुचकर शव को डीबी अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया। जहां मृतक के पिता दलबीर सिंह ने अपनी पुत्रवधू सरोज के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करवाया था। थानाधिकारी करतार सिंह ने बताया कि हत्या की आरोपी सरोज को बुधवार दोपहर कोर्ट में पेष करेंगे।
मौसी के घर हुई थी मोहनलाल से जान पहचान…
थानाधिकारी करतार सिंह ने बताया कि प्राथमिक पूछताछ में सरोज ने बताया कि मेरे गांव पड्रेउ टिब्बा में मोहनलाल की मौसी रहती है। जहां वह काफी बार आता जाता था। जहां उसने पहली बार मोहनलाल को देखा था। इसके बाद दोनों की मुलाकात गांव में एक शादी में हुई थी। जिसके बाद हम दोनों एक दूसरे से प्यार करने लग गये थे। मई साल-2019 में दोनों ने घर से भागकर हिसार के आर्य मंदिर में लव मैरिज कर ली थी। सरोज ने बताया कि करीब आठ नौ माह से वह चूरू की ओम काॅलोनी में मोहनलाल मेघवाल के साथ किराये के घर में रहती थी। मोहनलाल मजदूरी करता था। वहीं सरोज भी बाजार में किसी रेडिमेड कपड़े की दुकान पर काम करती थी।
मुझे पसंद नहीं था पहला पति जीवराज…
प्राथमिक पूछताछ में सामने आया कि सरोज की मोहनलाल से लव मैरिज होने से पहले ही शादीषुदा थी। जिसने चलकोई के जीवराज से शादी की थी। मगर वह शादी लम्बी नहीं चली। मगर सरोज जीवराज को पसंद नहीं करती थी। इसलिए शादी के करीब तीन चार महिने बाद ही उससे तलाक ले लिया था। वहीं सामने आया कि तीन फरवरी को ही मोहनलाल के घर पर सरोज की ओर से भरण पोषण के खर्चे के दावे का सम्मन मिला था। जिस पर दलबीर सिंह ने मोहनलाल से काॅल पर बात की और जिसने सरोज से बात करवायी। इसी रात सरोज ने वारदात को अंजाम दिया।