सियासी गलियारों में चर्चा हुई तेज,एनडीए में शामिल होंगे जयंत,मुजफ्फरनगर सीट को लेकर फंसा पेंच
बागपत। इंडिया गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के बीच एक सीट को लेकर बात नहीं बनती हुई नजर आ रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर पेंच फंसता हुआ नजर आ रहा है। अभी इस सीट पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।अब अखिलेश और जयंत के बीच इस सीट को लेकर बड़ा संकट आ गया है। सियासी गलियारों में यह भी चर्चा है कि चयंत गठबंधन को छोड़ एनडीए में शामिल हो सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक सपा ने कैराना, मुजफ्फरनगर और बिजनौर में उम्मीदवार अपना और निशान रालोद का रहने की शर्त रखी है। रालोद कैराना और बिजनौर पर तो राजी है, लेकिन मुजफ्फरनगर पर पेंच फंस गया। रालोद ने ऐसी स्थिति में अपने हिस्से की सीटें बढ़ाने की बात रखी है।
रालोद के मुजफ्फरनगर न छोड़ने के वाजिब कारण भी हैं। यहां से पिछला चुनाव चौधरी अजित सिंह मात्र साढ़े छह हजार वोटों से भाजपा के डॉ. संजीव बालियान से हारे थे। इस लोस सीट के अंतर्गत आने वाली पांच विधासनभा सीटों में से दो बुढ़ाना और खतौली पर रालोद का कब्जा है।खतौली सीट रालोद ने उपचुनाव में जीती थी। उधर कांग्रेस और सपा के बीच भी बात बनती नहीं दिख रही। कांग्रेस 11 सीटों से संतुष्ट नहीं है।
सियासी गलियारों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उदाहरण देकर चर्चा गरम है कि सियासत में कभी भी कुछ भी हो सकता है। बता दें कि इससे पहले चार फरवरी को मथुरा में रालोद का युवा संसद कार्यक्रम भी खराब मौसम का कारण बताकर स्थगित कर दिया गया था।