मौके पाते ही ED ने की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज शाम उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई ED ने तब की जब उन्हें कल हाईकोर्ट ने किसी तरह से राहत देने से मना कर दिया था। हालांकि अरविंद केजरीवाल को यह एहसास हो चुका था कि देर सबेर वो भी अपने मंत्रियों के बीच पहुंचेंगे। सीएम केजरीवाल के सबसे खास डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी होने के बाद से ही यह खतरा केजरीवाल को सताने लगा था कि एक दिन वह भी अपने किये की सजा अवश्य भुगतेंगे। क्योंकि जब ब्यक्ति अपराध करता है तो उसी समय उसे यह अंदाजा हो जाता है कि इसका अंजाम होगा।
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हाइलाइट्स
- सीएम अरविंद केजरीवाल की नौटंकी से आजिज आकर ED ने आज शाम को किया गिरफ्तार
- शराब नीति मामले में ईडी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को 9वां समन भेजा था
- दिल्ली हाईकोर्ट ने सीएम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम राहत देने से इनकार किया।
- गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार करते हुए हाईकोर्ट ने ईडी से जवाब मांगा है।
- दिल्ली हाईकोर्ट अब इस याचिका पर आगामी 22 अप्रैल को सुनवाई करेगा।
दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से कल जब इनकार कर दिया और कहा कि इस स्तर पर हम अंतरिम राहत देने के इच्छुक नहीं हैं। हालांकि अदालत ने इस नई अंतरिम याचिका पर ईडी से जवाब मांगा और मामले को 22 अप्रैल के लिए टाल दिया। इस तरह केजरीवाल को ईडी की गिरफ्तारी से राहत नहीं मिल पाई है। शराब घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद दिल्ली में मुख्यमंत्री के पद पर कौन आसीन होगा, यह अभी तय नहीं है। फिलहाल आम आदमी पार्टी जिस अंदाज में भ्रष्टाचार को मुद्दा बनकर राजनीति में प्रवेश किया और दिल्ली सहित पंजाब में सरकार बनाई, वह आज भ्रष्टाचार के मामले में बेनकाब हो चुकी है।
केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए और उन्होंने दलील दी कि ईडी का ताजा समन उन्हें 16 मार्च को जारी किया गया था, जिस दिन लोकसभा चुनावों का कार्यक्रम घोषित किया गया था और जांच एजेंसी का दुरुपयोग चुनाव से पहले गैर-स्तरीय अवसर बनाने के लिए किया जा रहा है। सिंघवी ने दलील दी कि ईडी के किसी भी समन से यह स्पष्ट नहीं होगा कि केजरीवाल को आरोपी के रूप में पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है या गवाह के रूप में। वरिष्ठ अधिवक्ता ने उच्चतम न्यायालय के साथ-साथ उच्च न्यायालयों के कुछ आदेशों का भी जिक्र किया जहां ईडी की ओर से जांच किए जा रहे लोगों को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिया गया था।
ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू पेश हुए और दलील दी कि किसी के लिए कानून सिर्फ इसलिए अलग नहीं हो सकता क्योंकि वह एक राज्य का मुख्यमंत्री है। राजू ने स्पष्ट किया कि केजरीवाल को मुख्यमंत्री के तौर पर या आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के तौर पर उनकी आधिकारिक हैसियत से नहीं, बल्कि उनकी निजी हैसियत से बुलाया गया है। केजरीवाल को ईडी नौ समन भेज चुकी है। केजरीवाल को 17 मार्च को 9वां समन भेजा गया था। 19 मार्च को समन के खिलाफ केजरीवाल हाईकोर्ट पहुंच गए थे। उनकी याचिका पर 20 मार्च को सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने बार-बार समन भेजने को लेकर ईडी को भी तलब किया था।
शराब नीति मामले में ईडी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को 9वां समन भेजा था, जिसमें उन्हें गुरुवार को ईडी के समक्ष पेश होना था, लेकिन केजरीवाल इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट चले गए। सुनवाई के बाद कोर्ट ने राहत देने से इनकार करते हुए कहा, ‘हम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर कोई अंतरिम सुरक्षा नहीं दे सकते।’ इससे पहले केजरीवाल ने कोर्ट से कहा था कि वो ईडी के सामने पेश होने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्हें भरोसा दिया जाए कि जांच एजेंसी उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगी। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी को जवाब देने और नई अंतरिम याचिका दायर करने के लिए भी कहा है। मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी।