जिलाधिकारी प्रतापगढ़ की नहीं सुन रहे हैं, उनके अधीनस्थ अधिकारी व कर्मचारी, होली के त्योहार पर पचास फीसदी अधिकारी व कर्मचारी जिले से होली मनाने निकल गए, छोड़ा जिला मुख्यालय
प्रतापगढ़। जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी संजीव रंजन ने अवगत कराया था कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 को सकुशल सम्पन्न कराने हेतु दिनांक- 16 मार्च, 2024 को निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा कर दी गयी है। निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के पश्चात् आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गयी है। इस जनपद हेतु निर्वाचन की अधिसूचना हेतु दिनांक- 29 अप्रैल, 2024 एवं निर्वाचन की तिथि 25 मई निर्धारित कर दी गयी है। उन्होने जनपद प्रतापगढ़ के समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों को आदेशित किया है कि वह निर्वाचन से सम्बन्धित सौपे गये समस्त कार्यो को समय से पूर्ण कराना सुनिश्चित करेगें।
जिलाधिकारी की अनुमति के बिना अधिकारी/कर्मचारी न तो मुख्यालय छोड़ेगें और न ही जायेगें, मुख्यालय के बाहर
डीएम प्रतापगढ़ बहुत कड़े शब्दों में इस बात का निर्देश जारी किया था कि कोई भी अधिकारी/कर्मचारी जिलाधिकारी की अनुमति के बिना न तो मुख्यालय छोड़ेगें और न ही मुख्यालय के बाहर जायेगें। यदि किन्हीं अपरिहार्य परिस्थितियों में बैठक आदि के सम्बन्ध में मुख्यालय से बाहर जाने की आवश्यकता हो तो जिलाधिकारी से लिखित अनुमति प्राप्त करने के पश्चात् ही मुख्यालय से बाहर जायेगें। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। आदेश का उल्लघंन करने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-134 के अधीन दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। उक्त समाचार जिला सूचना कार्यालय प्रतापगढ़ द्वारा प्रसारित किया गया था।
डीएम प्रतापगढ़ के आदेश को ठेंगा दिखाकर होली और निर्वाचन जैसे विशेष कार्य की ड्यूटी को नजरंदाज करके होली मनाने अपने-अपने घर पहुँचे
इतने कड़े शब्दों में जिले के मुखिया द्वारा अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जिला मुख्यालय छोड़ने के लिए प्रबंधित किया था, परन्तु जिलाधिकारी प्रतापगढ़ का आदेश को ठेंगा दिखाकर जिले में कार्यरत पचास फीसदी अधिकारी व कर्मचारी आज होली के दिन जिला मुख्यालय छोड़कर अपने-अपने घरों के लिए जा चुके हैं। सिर पुलिस विभाग ही होली के त्योहार पर प्रत्येक वर्ष की भाँती अपनी ड्यूटी के प्रति तटस्थ है और अपनी सेवा दे रहा है। वहीं जिलाधिकारी प्रतापगढ़ संजीव रंजन का आदेश हवा हवाई साबित हुआ। अब देखना है कि जिले के मुखिया अपने ही आदेश का अनुपालन कराने में हाफ रहे हैं। इसकी जाँच सबसे आसान है। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के फोन का लोकेशन निकाल लेने मात्र से आरोपों की पुष्टि हो जायेगी।
अनुशासन सिर्फ और सिर्फ पुलिस महकमें में बचा है, शेष विभाग में अनुशासन तोड़ना ही होता है, पहला लक्ष्य
वहीं सूबे के डीजीपी प्रशांत कुमार ने होली को लेकर पुलिस के जवानों की छुट्टियां रद्द करते हुए आदेश जारी किया था कि 22 मार्च से 27 मार्च तक छुट्टियों पर रोक है। यूपी के सभी विभागीय DG, जोनल ADG, रेंज IG सहित सभी पुलिस कमिश्नर एवं जिला कप्तानों को भी निर्देशित किया था कि छुट्टी पर गए हुए सभी लोगों को बुलाने के आदेश दिया दिया था। अतिआवश्यक कार्य होने पर ही पुलिस महकमें के अफसर अधीनस्थों को छुट्टी दें। ये आदेश सिर्फ पुलिस महकमें में ही लागू रहा, शेष अपने मनमानी पर उतारू होकर अपने-अपने घरों को बिना अनुमति लिए जिला मुख्यालय छोड़ कर एक तरह से गायब हो चुके हैं। अब देखना है कि किसके-किसके खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जाती है ?