प्रतापगढ़ से पूर्व सांसद कुंवर हरिवंश सिंह लड़ने की इच्छा रखते हैं, परन्तु भाजप से टिकट मिलेगा तब, नहीं तो दूसरे दल से नहीं लड़ेंगे, चुनाव
प्रतापगढ़। भाजपा से सांसद संगम लाल गुप्ता पर पार्टी ने जहाँ भरोसा जताते हुए उन्हें पुनः उम्मीदवार बनाया तो वहीं समाजवादी पार्टी ने पट्टी और रानीगंज के विधानसभा चुनाव-2022 की सफलता को ध्यान में रखकर प्रतापगढ़ से पटेल विरादरी के डॉ एसपी सिंह पटेल को अपना उम्मीदवार बनाकर वैतरणी पार करने की योजना बना डाली। डॉ एस पी सिंह पटेल समाजवादी पार्टी के एमएलसी रहे हैं और शिक्षा जगत में उन्हें शिक्षा माफिया के नाम से जाना जाता है।
बसपा के नए-नए उम्मीदवार की कयासबाजी से प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र में बढ़ाया जा रहा है, राजनीतिक पारा
सपा और भाजप के उम्मीदवार घोषित होने के बाद सिर्फ लोंगों की निगाह बसपा पर टिकी है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म से लेकर राजनीतिक गलियारे में सिर्फ एक बात की चर्चा हो रही है कि प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र से बसपा का कौन उम्मीदवार होगा ? कई पत्रकार भी अपने स्तर से सोशल मीडिया से लेकर वेब न्यूज़ पोर्टल पर बसपा उम्मीदवार के नाम को चर्चा में लाया। परन्तु खुलासा इण्डिया ने जब उस नेता से बातचीत किया तो उसने मना कर दिया कि सवाल ही नहीं उठता कि वह बसपा से लड़ेंगे।
इस बार लोकसभा चुनाव में बसपा से उम्मीदवारी को लेकर कोई ख़ास दिलचस्पी नहीं दिख रही है। नहीं तो पूर्व में बसपा से उम्मीदवारी के लिए लोग धन की पोटली खोलकर बैठे रहते थे कि पार्टी फंडिग करके उन्हें टिकट कोई दिला दे तो उसे भी अलग से उसका खिदमतदारी कर दी जायेगी। परन्तु इस बार बसपा को कोई कंडीडेट खोजे नहीं मिल रहा है। कई मोहरे तलाशे गए, पर बात अभी तक न बन सकी। सांसद संगम लाल गुप्ता से नाराज खेमा चाहता है कि कोई सवर्ण चेहरा आता तो वह भाजपा का नुकसान करता और सपा का फायदा पहुँचता।
भाजपा से नाराज लोग बसपा से सवर्ण उम्मीदवार चाहते हैं और सपा से नाराज लोग मुस्लिम अथवा पिछड़ी जाति से पटेल उम्मीदवार की रखते हैं, चाहत
इसी उधेड़बुन में कभी बसपा के पूर्व विधायक संजय त्रिपाठी के नाम की चर्चा होती है तो कभी पूर्व सांसद कुँवर हरिवंश सिंह की चर्चा होती है। सपा उमीदवार डॉ एसपी सिंह पटेल से नाराज लोग संसदीय क्षेत्र प्रतापगढ़ में बसपा से मुस्लिम उम्मीदवार शकील अहमद अथवा पटेल उम्मीदवार उतारने का सगूफा छोड़ने में परहेज नहीं करते। दोनों पक्षों का सिर्फ एक मकसद है कि सपा और भाजपा उम्मीदवार की धड़कने बढ़े और उनकी पूंछ हो। आज बसपा के उम्मीदवार के रूप में प्रतापगढ़ के पूर्व सांसद कुंवर हरिवंश सिंह के नाम की हवा उड़ी, जिससे भाजपा उम्मीदवार खेमे में खासी बेचैनी भी हुई।
भारतीय जनता पार्टी व अपना दल गठबंधन से साल-2014 के चुनाव में प्रतापगढ़ से वह सांसद रह चुके हैं। वह भी बसपा के टिकट दावेदारों की सूची में आज कथित रूप में शामिल हो गए हैं। सारे उम्मीदवार सूत्रों के सहारे चुनावी मैदान में उतारे जा रहे हैं। इस सम्बन्ध में जब खुलासा इंडिया ने पूर्व सांसद कुंवर हरिवंश सिंह से प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र से बसपा के टिकट पर हाथी की सवारी करने के सम्बन्ध में जानकारी की तो उन्होंने दो टूक में कहा कि यदि वह प्रतापगढ़ से चुनाव लड़ेंगे तो भाजपा के सिम्बल कमल के फूल से ही चुनाव लड़ेंगे अन्यथा किसी अन्य दल से चुनाव लड़ने की बाते अफवाह हैं।
पूर्व सांसद कुंवर हरिवंश सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि अभी भाजपा टिकट बदल सकती है। शीर्ष नेतृत्व प्रतापगढ़ संसदीय सीट पर अभी भी मंथन कर रहा है। उनकी बात शीर्ष नेतृत्व से हुई है, यदि भाजपा शीर्ष नेतृत्व उन्हें टिकट देती है तो वह प्रतापगढ़ से चुनाव लड़ सकते हैं। दूसरे दल से लड़ने का सवाल ही नहीं उठता। यदि वह किसी अन्य दल से प्रतापगढ़ संसदीय सीट से चुनाव लड़ने का मन बनाते तो सबसे पहले प्रतापगढ़ के अपने तमाम शुभचिंतकों से राय विमर्श किया करते। फिलहाल बसपा जब तक अपना पत्ता नहीं खोलती तब तक सगूफेबाजी खत्म नहीं होगी और रोज एक उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरता रहेगा।