सिपाही ने माफिया मुख्तार अंसारी की मौत पर लगाया स्टेटस, कार्रवाई के लिए EC से मांगी गई अनुमति
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बख्शी तालाब थाने में तैनात सिपाही मोहम्मद फैयाज ने माफिया मुख्तार अंसारी के समर्थन में व्हाट्सएप स्टेटस लगाया।स्टेटस में अलविदा शेर-ऐ-पूर्वांचल मुख्तार अंसारी लिखा है। स्टेटस का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मामला सामने आने के बाद सिपाही को निलंबित करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी गई है। परन्तु पुलिस विभाग जो अनुशासन के लिए जाना जाता है, एक सिपाही का अपराधी के प्रति दर्द पुलिस महकमें के माथे पर कालिख पोतने जैसा है
सिपाही ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है कि मोहम्मद फैयाज जो यूपी पुलिस में है। लखनऊ के बक्शी का तालाब में पोस्टेड है। साफ-साफ यूपी पुलिस पर ब्लेम लगाने का स्टेटस लगा रहा है। ये पुलिस वाला कम मुख्तार अंसारी गैंग का सदस्य ज्यादा लग रहा है। यूपी पुलिस और डीजीपी को टैग कर कार्रवाई की मांग की गई है। मुख़्तार अंसारी की मौत के बाद राजनीतिक पार्टी के नेताओं द्वारा वोटबैंक को बचाने के लिए जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह हेतु विधवा विलाप किया जाना समझ में आता है, परन्तु पुलिस विभाग जो अनुशासन के लिए जाना जाता है। यदि उसका सिपाही इस तरह का पोस्ट सार्वजानिक रूप से लिखकर वायरल कर रहा है तो उसे सेवा में रहने का कोई अधिकार नहीं। उस सिपाही को मुख़्तार अंसारी की गैंग में शामिल हो जाना चाहिए।
पुलिस उपायुक्त की ओर से कहा गया कि आचार संहिता लगी है। इसलिए पुलिस की ओर से सीधी कार्रवाई नहीं की जा सकती। सिपाही फैयाज के निलंबन के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखकर जानकारी दी गई है। चुनाव आयोग के आदेश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस उपायुक्त के मुताबिक सिपाही मोहम्मद फैयाज ने उत्तर प्रदेश पुलिस सोशल मीडिया पॉलिसी और पुलिस अधिकारी दंड एवं अपील नियमावली- 1991 का उल्लंघन किया है। सिपाही के खिलाफ चुनाव आयोग के आदेश पर कार्रवाई की जाएगी। एक सिपाही द्वारा पूरे पुलिस विभाग के अनुशासन पर बदनुमा दाग लगाया जाना किसी भी दशा उचित नहीं हो सकता। देखना होगा कि चुनाव आयोग कितने दिनों में इसका संज्ञान लेता है और किस तरह की कार्रवाई का आदेश देता है ? यह तो समय ही बतायेगा।