मुख्तार अंसारी के मौत पर अजय राय की प्रतिक्रिया, सरकार पर आरोप लग रहे हैं तो जांच करानी चाहिये
वाराणसी। लोकसभा चुनाव के बीच पूर्वांचल का माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत के बाद से इस पर सियासी दांवपेच शुरू हो गया है। देश के दिग्गज नेताओं की प्रतिक्रिया लगातार सामने आ रही है। इसीबीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और अवधेश राय के भाई अजय राय ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि जो चला गया, उसके बारे में कोई टिप्पणी करना उचित नहीं है। जो इस दुनिया से चला गया, उसके विषय में कुछ भी कहना सनातन धर्म में भी वर्जित है। मुख़्तार अंसारी के लिए सब जानते थे कि वह किस तरह के इन्सान रहे ? उनकी मौत के बाद किसी को कुछ बताने की आवश्यकता नहीं है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और अवधेश राय के भाई अजय राय ने कहा, ”निश्चित तौर पर आज मुख्तार अंसारी को वहां सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है। ये स्वाभाविक है कि मौत के बाद जलाया या सुपुर्द-ए-खाक ही किया जाता है। अजय राय ने कहा कि हिंदू संस्कृति है कि किसी की मौत के बाद हम उसके बार में बात नहीं करते हैं या उस पर कोई टिप्पणी नहीं करते हैं। इसे अनुचित माना जाता है। फिर भी मुख़्तार अंसारी मेरे ही भाई के हत्यारे नहीं, बल्कि कई दर्जन ब्यक्तियों की हत्या मुख़्तार ने करवाई थी और अपने आतंक से दहशत पैदा करके वह मसीहा बनना चाहते थे जो उनकी भूल थी।
प्रदेशध्यक्ष राय ने अपने बयान में आगे कहा कि कोर्ट से हमें जो उम्मीद थी, हमें वो न्याय मिला। हम सबके साथ कोर्ट ने जस्टिस किया। मैं कोर्ट का आभारी हूं। कोर्ट ने मेरे भाई की हत्या में आजीवन कारावास दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि जो सरकार पर आरोप लग रहे हैं तो सरकार को उन पर लगे आरोपों का ध्यान देना चाहिए और उसकी जांच करानी चाहिए। इनके भाई की हत्या में मुख्तार अंसारी का भी नाम भी शामिल था। अजय राय के सामने समस्या है कि वह वर्तमान में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं और समाजवादी पार्टी से लोकसभा चुनाव में गठबंधन है। दोनों ही राजनीतिक दल मुस्लिम प्रेमी हैं। मुस्लिमों के वोटबैंक के लिए गलत को सही और सही को गलत कहने में संकोच नहीं करते।
वाराणसी संसदीय सीट से अजय राय दो बार लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। परन्तु भाजपा उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के सामने फेल हो गए। साल-2014 में लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के सामने कांग्रेस के टिकट से अजय राय तो आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल थे। माफिया डॉन मुख़्तार अंसारी उस समय जेल में बंद था और जमानत पर छूटने की आशा थी तो कांग्रेस, सपा और आम आदमी पार्टी के नेताओं की लार उस माफिया के समर्थन के लिए टपक रही थी। सारे दल के नेता पूरा जोर लगा लिए, परन्तु भाजपा उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के इरादे के आगे बौने साबित हुए। वही दशा साल-2019 में हुई और अब लोकसभा चुनाव-2024 में अजय राय सपा और कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार हैं। अजय राय की मजबूरी साफ़ साफ़ दिख रही है।
बताते चलें कि वर्ष- 2023 के जून माह को वाराणसी की एक सांसद/विधायक अदालत ने पूर्व कांग्रेस विधायक और वर्तमान उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की हत्या के मामले में अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 3 अगस्त, 1991 को जब अवधेश और उनके भाई अजय राय वाराणसी के लहुराबीर इलाके में अपने घर के बाहर खड़े थे, तब अवधेश राय को गोलियों से भून दिया गया था। जिसमें अजय राय भी घायल हुए थे। फिर भी राजनीति में नफा नुकसान के मद्देनजर आज अजय राय कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं और मुस्लिम वोटबैंक नाराज न हो जाए, इसके लिए बहुत सोच विचार कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। सिर्फ अजय राय लोकसभा संसदीय सीट वाराणसी के उम्मीदवार ही नहीं, बल्कि कांग्रेस के खेवनहार के रूप में देखे जा रहे हैं। भाई की हत्या और हत्यारे को साल-2023 में आजीवन कारावास और अब हत्यारे की मौत के बाद कुछ बोलने के लिए बचा भी नहीं है।