प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र के सपा और भाजपा उम्मीदवार ने क्षेत्र में प्रचार के लिए बनाई एक जैसी रणनीति, मतदाताओं में बना चर्चा का विषय
प्रतापगढ़। लोकसभा संसदीय क्षेत्र में अभी सिर्फ सत्ताधारी दल भाजपा का उम्मीदवार सांसद सनाग्म लाल गुप्ता और सपा यानि INDIA का उम्मीदवार डॉ एस पी सिंह पटेल चुनावी कुरूक्षेत्र में कुलाचे मार रहे हैं। प्रतापगढ़ का चुनाव छठे चरण में हैं। अभी पूरा अप्रैल और मई महीना पड़ा है। मई के अंतिम सप्ताह में 25/05/2024 को यहाँ मतदान होगा। ऐसे में चुनाव अभी चढ़ नहीं पा रहा है। दोनों उमीदवारों को लगता है कि अभी से चुनावी बजट का पिटारा खो दिया जाये तो 4 जून चुनाव परिणाम तक लोग उन्हें कंगाल बनाकर छोड़ेगे। इसीलिये कच्छप गति की चाल चलना बेहतर मान रहे हैं। खरगोश की चाल चलना इस चुनाव में नुकसान प्रद साबित हो सकता है।
प्रतापगढ़ में घोषित दोनों उम्मीदवार सूझबूझ के साथ कर रहे हैं, संसदीय क्षेत्र में अपने-अपने ढंग से प्रचार
सपा उम्मीदवार डॉ एस पी सिंह पटेल भी समाजवादी पार्टी से दो बार एमएलसी रहे हैं और उनकी पत्नी भी एमएलसी रही हैं। दोनों पति और पत्नी राजनीति के अखाड़े के माझे हुए खिलाड़ी हैं। राजनीति में अब सांसद संगम लाल गुप्ता भी सारे दांव पेंच समझ चुके हैं। सिर्फ विधानसभा-2017 के चुनाव में कुछ चालाक किस्म के लोग उन्हें चूना लगा सके थे, क्योंकि उन्हें राजनीति का अनुभव नहीं था। परन्तु लोकसभा चुनाव में संगम लाल गुप्ता पूर्ण रूप से परिपक्व हो चुके हैं। यह तो उनका तीसरा चुनाव है। इसमें वह पूरी तरह से पारंगत हो चुके हैं। किसे, कैसे डील करना है, यह बात वह भलीभांति जान चुके हैं। इसलिए लोग कहने लगे हैं कि उम्मीदवार अब चालाक हो चुके हैं। सही कहा गया है कि करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान। रसरी आवत-जात ते सिल पर पड़त निशान।
होली पर भी निराश हुए पार्टी के उम्मीदवारों से पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्त्ता
भाजपा उम्मीदवार संगम लाल गुप्ता और सपा उम्मीदवार डॉ एस पी सिंह पटेल दोनों प्रत्याशी अपनी संगठित और चयनित टीम के साथ संसदीय क्षेत्र में सुबह ही निकल जाते हैं। जब लोग उनके कार्यालय पहुँचाते हैं तो वह क्षेत्र के लिए निकल चुके होते हैं। सूत्रों के अनुसार दोनों उम्मीदवार बड़ी ही चालाकी से यह कार्य कर रहे हैं। जिसे साथ चलाना है और वास्तव में एक जगह ही आस्था के साथ बने रहना है वह तो उनके साथ क्षेत्र में जनसंपर्क में चला जाता है और जिसे दिन भर का खर्च और वाहन में ईधन का खर्च चाहिए वह निराश होकर वापस आ जाता है और दिन भर दोनों उम्मीदवारों को अपने हिसाब से हरवा, जितवाता रहे है।
पार्टी कार्यकर्त्ता और पदाधिकारी चुनाव प्रचार में नहीं ले रहे हैं, दिलचश्पी
भाजपाई और अपना दल एस के कथित कार्यकर्त्ता और पदाधिकारी भी इस चुनाव को समझ पाने में असमर्थ हैं। वह समझ ही नहीं पा रहे हैं कि वह क्या करें, जिससे उम्मीदवार उन्हें पूंछे ? इस चुनाव में उनका दिमाग ही काम नहीं कर पा रहा है कि उम्मीदवार से कैसे धनादोहन किया जाए ? देखना होगा कि ये स्थिति अंत तक बनी रहती है कि चुनाव से कुछ दिन पहले कुबेर का खजाना ये उम्मीदवार खोलकर नाराज लोगों की नाराजगी दूर कर पाते हैं कि इन्हें इनके हाल पर ही छोड़ देते हैं। दोनों उम्मीदवार भी इस बात को समझ चुके हैं कि हमारा वही विरोध कर रहा है, जिसके पास अपने घर के सदस्यों का वोट नहीं है। उनके कहने पर उनकी बीबी व बच्चे भी वोट नहीं देते। फिर ऐसे लोग की राग भैरवी तान छेड़ने का कोई मतलब नहीं रह जाता।
चुनावी माहौल में उम्मीदवारों के नजरंदाज करने पर चौराहे की चायपान की दुकान पर बिता रहे हैं, नेतागण समय
खाटी समाजवादी तो ट्रेजरी चौराहे से गांजी चौराहे पर दिख जाते है और सहयोगी दल कांग्रेस के खाटी कांग्रेसी अम्बेडकर चौराहे से लेकर कचेहरी और ट्रेजरी चौराहे पर चायपान की दुकान पर गप्पे लड़ाते दिख जाते हैं। वह कहते है कि उनका उम्मीदवार उन्हें पूंछ ही रहा तो वह क्या करने क्षेत्र में जाए ? कमोवेश यही हल भाजपा उम्मीदवार संगम लाल गुप्ता की भी है। वह तो सुबह 7 से 8 बजे के बीच क्षेत्र में निकल जाते हैं और मध्य रात्रि 12 बजे तक वापस आते हैं। ऐसे में सिर्फ वेशर्म और निघर्घट किस्म के लोग ही उनकी बाट जोहते रहते हैं कि सांसद जी आ जाये और हजार-पांच सौ ही दे देते तो भी काम बन जाता। शर्माते-शर्माते सांसद संगम लाल गुप्ता जो रात्रि 1 बजे तक रातजगी किया रहता है, उसे कुछ न कुछ प्रसाद के तौर पर दे ही देते हैं। प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र के दोनों घोषित उम्मीदवारों की चुनावी कम्पेन की शैली एक जैसे चल रही है, जिसकी चर्चा भी क्षेत्र में जोरों से हो रही है।