Loksabha Election 2024: बीजेपी का गढ़ बनी मेरठ लोकसभा सीट का इतिहास, वहां का जातिगत समीकरण और चुनावी आंकड़ों की गुणा-गणित
Loksabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में मेरठ एक लोकसभा सीट है। इस क्षेत्र को क्रांतिकारियों की धरती कहा जाता है। यहां चुनाव हमेशा दिलचस्प होता है। देश में हुए पहले तीन लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की। लेकिन साल- 1967 में हुए चौथे लोकसभा चुनाव में सोशलिस्ट पार्टी ने कांग्रेस को हराकर इस सीट पर जीत का परचम फहरा दिया। साल- 1971 के अलगे ही चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस ने इस सीट पर कब्जा जमाया था।
कांग्रेस, भाजपा और बसपा के उम्मीदवार मेरठ के निर्वाचित होते रहे, सांसद
इमरजेंसी के बाद हुए पहले चुनाव में यह सीट जनता पार्टी के खाते में गई। हालांकि साल- 1980 व 1984 में कांग्रेस की मोहसिना किदवई यहां से लगातार दो चुनाव जीती। लेकिन साल- 1989 में जनता दल से हार गई और इस सीट पर हरीश पाल जीते। साल- 1991 का चुनाव यहां हिंसा के कारण रद्द हो गया। लेकिन साल- 1994 में हुए उपचुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज की। साल- 1996 और साल- 1998 में यहां से लगातार भारतीय जनता पार्टी के ठाकुर अमरपाल सिंह ने लगातार तीन बार जीत दर्ज की।
हालांकि उसके बाद साल- 1999 में कांग्रेस के अवतार सिंह भड़ाना और फिर साल- 2004 में बसपा के शाहिद अखलाक ने यहां से बाजी मारी। उसके बाद से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है। भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र अग्रवाल द्वारा साल- 2009, 2014 और 2019 में भारतीय जनता पार्टी की जीत का परचम यहां पर लहरा रहा है। साल-2024 में भी मेरठ में पीएम मोदी और सूबे के मुखिया आदित्यनाथ और विपक्षी दल के नेता अखिलेश यादव, राहुल गांधी सहित अन्य नेता अपने-अपने प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभा कर चुके हैं।
मेरठ संसदीय सीट में कुल 5 विधानसभा सीटें हैं, शामिल
बता दें कि मेरठ लोकसभा के साथ हापुड़ विधानसभा का इलाका जुड़ा है। इस लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं। जिनमें मेरठ जिले की किठौर, मेरठ कैंट, मेरठ शहर व मेरठ दक्षिण। जबकि हापुड़ जिले की हापुड़ सुरक्षित सीट शामिल है। साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में किठौर और मेरठ शहर सीट पर समाजवादी पार्टी को जीत मिली है। जबकि भारतीय जनता पार्टी ने मेरठ कैंट, मेरठ दक्षिण और हापुड़ सुरक्षित सीट जीती है। वर्तमान में पांच में 2 सीट पर सपा और 3 बीजेपी के खाते में हैं।
मेरठ लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या
साल- 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में मेरठ सीट पर कुल 19 लाख, 64 हजार, 398 मतदाता हैं। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या- 10 लाख, 82 हजार, 181 है। जबकि 8 लाख, 82 हजार, 217 महिला वोटर शामिल हैं। मेरठ सीट पर मतदाता अपना भाग्य विधाता बहुत सोच समझकर चुनते हैं। मेरठ संसदीय सीट पर मतदान प्रतिशत भी अच्छा रहता है। भाजपा से अरुण गोविल, सपा से सुनीता वर्मा और बसपा से देवव्रत कुमार त्यागी उम्मीदवार हैं कुल आठ उम्मीदवार चुनावी मैदान में ताल ठोक रहें हैं।
साल- 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
अगर साल- 2004 के लोकसभा चुनाव की बात करें, तो इस सीट पर बसपा ने जीत दर्ज की थी। हाथी के निशान पर शाहिद अखलाक इस सीट से सांसद बने थे। शाहिद ने आरएलडी प्रत्याशी मलूक नागर को हराया था। इस चुनाव में शाहिद अखलाक को 2 लाख 52 हजार 518 वोट मिले थे। जबकि आरएलडी प्रत्याशी मलूक नागर को 1 लाख 83 हजार 182 वोट मिले। वहीं तीसरे नंबर पर जदयू के प्रत्याशी केसी त्यागी रहे थे। केसी ने 1 लाख 67 हजार 221 वोट पाए थे।
साल- 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में भी मेरठ सीट बीजेपी के पास थी। राजेंद्र अग्रवाल ही इस सीट से सांसद चुने गए थे। राजेंद्र अग्रवाल 2 लाख, 32 हजार, 137 वोट पाकर जीते थे। जबकि बसपा प्रत्याशी मलूक नागर 1 लाख, 84 हजार, 991 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे थे। वहीं सपा प्रत्याशी शाहिद मंजूर तीसरे नंबर पर थे। शाहिद मंजूर को 1 लाख, 83 हजार, 527 वोट ही मिले थे।
साल- 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2014 में हुए लोकसभा चुनाव पर नजर डालें, तो बीजेपी के राजेंद्र अग्रवाल ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। राजेंद्र को 5 लाख, 32 हजार, 981 वोट मिले थे। जबकि दूसरे स्थान पर बसपा के शाहिद अखलाक रहे थे, जिनको 3 लाख, 655 वोट मिले। वहीं सपा के शाहिद मंजूर 2 लाख, 11 हजार, 759 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे थे।
साल- 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
मेरठ लोकसभा सीट पर साल- 2019 में हुए चुनाव पर नज़र डालें तो इस सीट पर बीजेपी के राजेंद्र अग्रवाल ने तीसरी बार जीत दर्ज की थी। राजेंद्र अग्रवाल ने बसपा के हाजी याकूब कुरैशी को बेहद नजदीकी मुकाबले में करीब 4700 मतों के अंतर से हराया था। राजेंद्र अग्रवाल को कुल 5 लाख, 86 हज़ार, 188 वोट मिले थे। जबकि बसपा के हाजी याकूब को 5 लाख, 81 हजार, 455 वोट मिले। वहीं तीसरे नंबर पर कांग्रेस के हरेंद्र अग्रवाल थे। जिनको 34 हज़ार, 479 ही वोट मिले थे।
मेरठ संसदीय सीट मुस्लिम, दलित और वैश्य बहुल सीट मानी जाती है
मेरठ लोकसभा उत्तर प्रदेश की सीट नंबर-10 है। ये मुस्लिम, दलित और वैश्य बहुल सीट मानी जाती है। जबकि ब्राह्मण त्यागी, जाट, गुर्जर, राजपूत और सिख पंजाबी मतदाताओं की भी इस सीट पर महत्वपूर्ण भूमिका है। बाकी ओबीसी बिरादरी यहां निर्णायक हैं। पिछले तीन चुनाव से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है।
भाजपा नेता राजेंद्र अग्रवाल मेरठ लोकसभा सीट से जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं, लेकिन इस बार बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया है। इस सीट पर लगातार डेढ़ दशक से सांसद राजेंद्र अग्रवाल के स्थान पर बीजेपी ने रामानंद सागर द्वारा प्रस्तुत की गई रामायण में प्रभु श्रीराम की भूमिका का निर्वहन करने वाले पर्दे के राम अरुण गोविल को प्रत्याशी बनाया है। सपा-कांग्रेस गठबंधन में ये सीट सपा के खाते में गई है। जबकि कई बार यूपी में सरकार बनाने वाली सपा का यहां लोकसभा चुनाव में खाता तक नहीं खुल पाया है।