भूपेश बघेल ने अमेठी-रायबरेली को लेकर दिया बड़ा बयान, स्मृति ईरानी पर कही ये बात…
रायबरेली। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करने की बात कही है। बघेल ने कहा कि हम दोनों ही सीटों पर बड़ी जीत दर्ज करने जा रहे हैं और स्मृति ईरानी इस बार हार जाएंगी। भारतीय जनता पार्टी की नेता स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी का विरोध करके अपनी पहचान बनाई है, लेकिन इस बार वह अमेठी में ऐसा नहीं कर पाएंगी और उन्हें हार का सामना करना पड़ेगा। बघेल ने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में अमेठी और रायबरेली दोनों सीटों पर बड़े अंतर से जीत हासिल करेगी।
भूपेश बघेल ने कहा कि दोनों सीटों से गांधी परिवार के घनिष्ठ संबंध रहे हैं। पहले इंदिरा गांधी फिर संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी सभी ने इन दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में से किसी एक से चुनाव लड़ा है। बघेल ने कहा कि यहां के हर घर से उनके पारिवारिक रिश्ते हैं। रायबरेली से राहुल गांधी को उतारने का फैसला आलाकमान का था और हमारे नेता पहले ही इस बारे में बात कर चुके हैं। हम दोनों सीटों से लड़ रहे हैं। किशोरी लाल शर्मा जी 40 वर्षों से अधिक समय से लोगों की सेवा कर रहे हैं। उनका भी हर घर से नाता रहा है।
भूपेश बघेल ने कहा कि दूसरा पक्ष डरा हुआ है, खासकर स्मृति ईरानी ! क्योंकि उनकी पहचान राहुल गांधी के विरोध से ही बनी है। अब वह किसका विरोध करेंगी, वह अब जाल में फंस गई हैं और उन्हें हार का सामना करना पड़ेगा। बघेल ने कहा कि किशोरी लाल शर्मा उन्हें बड़े अंतर से हराएंगे। हम दोनों सीटें बड़े अंतर से जीतेंगे। भूपेश बघेल अभी छत्तीसगढ़ का राज्य गंवा चुके हैं, परन्तु राजनीति में शायद बड़बोलापन को अधिक तवज्जों दी जाती है। भूपेश बघेल जीत के प्रति इतना आश्वस्त हैं तो क्षेत्र में प्रचार करने की क्या जरुरत है ? सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव और कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी संयुक्त रूप से जनसभा करेंगे। दोनों स्टार प्रचारकों को दूसरी सीट जिताने का प्रयास करना चाहिए।
बता दें कि राहुल गांधी को इस बार रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं। राहुल गांधी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। गांधी परिवार के सेवक किशोरी लाल शर्मा अमेठी में स्मृति ईरानी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। राहुल गांधी साल- 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव हार गए थे और ईरानी ने जीत दर्ज की थी। राहुल गांधी को अमेठी की जनता क्या हार का स्वाद चखाया, वह तो एक ही बार हार के स्वाद से अमेठी की जनता से दूरी बना ली। वह डर गए कि कहीं उनकी दूसरी बार न हो जाए और उनका राजनीतिक भविष्य गर्त में न चला जाए।