स्वाति मालीवाल पर हुई सवालों की बौछार तो चुप्पी साध गए केजरीवाल, माइक अखिलेश की तरफ खिसकाया
लखनऊ। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार द्वारा आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से साथ किए गए दुर्व्यवहार के मामले में सियासत गरमाती जा रही है। गुरुवार को लखनऊ पहुंचे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ बिभव कुमार दिखाए दिए।
बिभव कुमार एयरपोर्ट से लेकर समाजवादी पार्टी के कार्यालय तक हर वक्त केजरीवाल के साथ दिखे। सपा कार्यालय में सपा मुखिया अखिलेश यादव के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में जब केजरीवाल से मीडिया ने स्वाति मालीवाल से जुड़े सवाल पूछे तो उन्होंने चुप्पी साध ली। बिभव से जुड़े सवालों पर भी वह कुछ नहीं बोले। बचाव में आप नेता संजय सिंह को उतरना पड़ा और उन्होंने इसका जवाब दिया।
स्वाति मालीवाल और बिभव कुमार प्रकरण पर मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल पर अरविंद केजरीवाल की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया। अखिलेश यादव ने बीच में आकर कहा कि स्वाति मालीवाल से भी बड़े मुद्दे हैं, आप उन पर बात कीजिए। हालांकि पार्टी की तरफ से संजय सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी हमारा परिवार है। इस मसले पर पार्टी ने अपना रुख साफ कर दिया है।
मैं चाहता हूं कि जितने विषय आपके सामने रखें हैं, पीएम नरेंद्र मोदी उन पर जवाब दें। संजय सिंह ने कहा कि जब स्वाति मालीवाल जंतर मंतर पर पहलवान बेटियों के लिए न्याय मांगने पहुंची थीं तो पुलिस ने उन्हें सड़कों पर घसीटा था। पीएम ने तब इस पर जवाब क्यों नहीं दिया। इस तरह न तो केजरीवाल और न ही संजय सिंह की तरफ से इस मुद्दे पर खुलकर कोई जवाब दिया गया। आम आदमी पार्टी के नेता की आदत है कि जब वह सवालों में बुरी तरह फंसते हैं तो वह उल्टे उत्तर देने की जगह स्वयं सवाल पूंछने लगते हैं। जबकि सवाल पूंछने से मामला खत्म नहीं हो जाता।
उधर बिभव कुमार सपा कार्यालय के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म होने के बाद कार में बैठे नजर आए, लेकिन पार्टी कार्यकर्ता उनकी कार को घेरे रहे। किसी भी मीडियाकर्मी को उनकी कार तक पहुंचने नहीं दिया गया, जो भी कार के पास जाता, उसे आगे जाने से रोक दिया जाता। मीडिया की ओर से जब इस पर सवाल पूछा गया तो एक पार्टी कार्यकर्ता ने कहा कि छिपाने के लिए कुछ नहीं है, यह पार्टी के भीतर का मामला है। अब उन्हें कौन समझाए कि जब मामला घर की दहलीज से निकल कर पुलिस थाना पहुँच जाए तो वह निजी मामला नहीं रह जाता, बल्कि सार्वजानिक मामला हो जाता है और उस विषय पर जवाब देना चाहिए न कि मुद्दे से भागना चाहिए।