Loksabha_Election_2024: आईये जाने सूबे की इलाहाबाद लोकसभा सीट का संसदीय इतिहास, वहां का जातिगत समीकरण और चुनावी आंकड़ों की गुणा-गणित
प्रयागराज। पूरब का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद को कई रूप में याद किया जाता है। संगम किनारे बसे इस शहर का जुड़ाव इतिहास के साथ साथ शिक्षा जगत के लिए मशहूर है। पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की जन्मस्थली इलाहाबाद है और ये शहर उस इतिहास को आज भी संजोए हुए है। सदियों से लगने वाले कुंभ मेले, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से निकलने वाले छात्र, और खान पान का अलग रंग सजोए हुए ये शहर पूरी दुनिया में मशहूर है।
संगम नगरी प्रयागराज का राजनैतिक इतिहास भी बेहद खूबसूरत है। लाल बहादुर शास्त्री, डॉ मुरली मनोहर जोशी, राजा मांडा वी पी सिंह, जनेश्वर मिश्र, रीता बहुगुणा जोशी, हेमवती नंदन बहुगुणा, सदी के महानायक अमिताभ बच्चन जैसे दिग्गज यहां से सांसद रहे। इस सीट पर अब तक 16 बार लोकसभा चुनाव और 3 बार उपचुनाव हुए हैं। साल- 1952 से लेकर 1971 तक कांग्रेस का कब्जा रहा।
इलाहाबाद लोकसभा सीट का संसदीय इतिहास
साल- 1952 में पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में स्वतंत्रता सेनानी श्रीप्रकाश कांग्रेस सांसद चुने गए। इसके बाद लाल बहादुर शास्त्री साल- 1957 में इस सीट से चुनाव जीते। शास्त्री साल- 1962 में भी यहां से सांसद रहे। साल- 1967 में हरिकृष्णा शास्त्री और साल- 1971 में हेमवती नंदन बहुगुणा सांसद चुने गए। साल- 1973 में भारतीय क्रांति दल के जनेश्वर मिश्रा सासंद बने। साल- 1977 में जनेश्वर मिश्रा भारतीय लोकदल से चुनाव लड़े और जीते। साल- 1980 के चुनाव में वीएन पंत ने यहां कांग्रेस की वापसी कराई और चुनाव जीते। साल- 1984 में अमिताभ बच्चन कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते। साल- 1988 में हुए उपचुनाव में वीपी सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता।
साल- 1989 के आम चुनाव में जनता दल से जनेश्वर मिश्र चुनाव जीते। फिर साल- 1991 में यहां जनता दल ने सरोज दूबे को टिकट दिया और सरोज दूबे चुनाव जीत गए। लेकिन साल- 1996 में यहां से मुरली मनोहर जोशी ने पहली बार कमल खिलाया। डॉ जोशी यहां से साल- 1998 और साल- 1999 में भी सांसद बने। वहीं साल- 2004 के चुनाव में कुंवर रेवती रमण सिंह यहां से समाजवादी पार्टी के खाते से सांसद बने। साल- 2009 के चुनाव में भी कुंवर रेवती रमण ने जीत हासिल की। लेकिन साल- 2014 के चुनाव में पूर्व सपा नेता और कारोबारी श्यामा चरण गुप्ता बीजेपी में शामिल हो गए और चुनाव जीते। जिसके बाद साल- 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने रीता बहुगुणा जोशी को मैदान में उतारा और वो जीत कर संसद पहुंची।
लोकसभा क्षेत्र इलाहाबाद सीट की 5 विधानसभा सीटें
इलाहाबाद लोकसभा सीट के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें मेजा, करछना, इलाहाबाद दक्षिण, बारा और कोरांव सीटें शामिल हैं। अगर बात साल- 2022 के विधानसभा चुनाव के नतीजों की करें तो मेजा विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने बाजी मारी थी तो वहीं बाकी बची करछना, इलाहाबाद दक्षिण, बारा और कोरांव सीट पर भाजपा और उसके गठबंधन साथी अपना दल ने परचम लहराया था। इससे पहले हुए साल- 2017 के विधानसभा चुनाव में पांच में से चार सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी। तो वहीं करछना सीट पर समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की थी।
लोकसभा सीट इलाहाबाद में मतदाताओं की संख्या
साल- 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद सीट पर कुल वोटरों की संख्या- 16 लाख, 93 हज़ार, 447 थी। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या- 9 लाख, 27 हज़ार, 964 थी। जबकि महिला वोटरों की संख्या- 7 लाख, 65 हज़ार, 288 थी। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 195 थी।
साल- 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
2004 के लोकसभा चुनाव इस सीट पर बड़ा उलटफेर हुआ था। यहां रेवती रमण सिंह ने 3 बार से सांसद रहे बीजेपी के डॉ मुरली मनोहर जोशी को हराकर चुनाव जीता था। इस चुनाव में कुंवर रेवती रमण को कुल 2 लाख, 34 हज़ार, 8 वोट मिले थे। जबकि डॉ मुरली मनोहर जोशी को कुल 2 लाख, 5 हज़ार, 625 वोट मिले। तीसरे नंबर पर बसपा के आर. के. सिंह पटेल रहे। आरके सिंह को कुल 1 लाख, 11 हज़ार, 576 वोट मिले थे।
साल- 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2009 के लोकसभा चुनाव में सपा से कुंवर रेवती रमण सिंह यहां से चुनाव जीते। रेवती रमण ने बसपा के अशोक कुमार बाजपेई को चुनाव हराया था। इस चुनाव में रेवती रमण को कुल 2 लाख, 9 हजार, 431 वोट मिले थे। वहीं अशोक कुमार बाजपेई को 1 लाख, 74 हज़ार, 511 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर बीजेपी के योगेश शुक्ला रहे। योगेश को कुल 60 हज़ार, 997 वोट मिले थे।
साल- 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
इलाहाबाद लोकसभा सीट पर साल- 2014 के चुनाव में सपा से बीजेपी में शामिल होकर श्यामा चरण गुप्ता सांसद बने। श्य़ामा चरण ने सपा के कुंवर रेवती रमण को चुनाव हराया था। श्यामा चरण गुप्ता को कुल 3 लाख, 13 हज़ार, 772 वोट मिले थे। वहीं रेवती रमण को कुल 2 लाख, 51 हज़ार, 763 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर बसपा की केसरी देवी पटेल रही। केसरी देवी पटेल को कुल 1 लाख, 62 हज़ार, 73 वोट मिले थे।
साल- 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी ने समाजवादी पार्टी के राजेंद्र सिंह पटेल को 1 लाख, 84 हजार, 275 वोटो से मात दी थी। रीता बहुगुणा जोशी को कुल 4 लाख, 94 हजार, 454 वोट मिले थे और सपा के राजेंद्र सिंह पटेल को कुल 3 लाख, 10 हजार, 179 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस के योगेश शुक्ला कुल 31 हजार, 953 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे।
लोकसभा चुनाव-2024 में भाजपा और कांग्रेस में कड़ा मुकाबला
इलाहाबाद लोकसभा-2024 के चुनाव में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी (सपा) छोड़ कर आए उज्जवल रमण सिंह को इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं भाजपा ने भी इस बार पुनः अपना उम्मीदवार बदल दिया है। भाजपा ने रीता बहुगुणा जोशी का टिकट काटकर पंडित केसरी नाथ त्रिपाठी के बेटे नीरज त्रिपाठी को प्रत्याशी बनाया है। वहीं बसपा ने रमेश कुमार पटेल को चुनावी मैदान में उतारा है। फ़िलहाल चुनावी संघर्ष कांग्रेस और भाजपा के बीच होता दिख रहा है।
लोकसभा सीट इलाहबाद का जातीय समीकरण
सदी के महानायक अभिनेता अमिताभ बच्चन को संसद पहुंचाने वाली इस सीट का मिजाज बेहद खास रहा है। यूपी की इस वीआईपी लोकसभा सीट ने अब तक देश के दो प्रधानमंत्रियों को चुनाव जीताकर संसद पहुंचाया है। इलाहाबाद लोकसभा सीट पर अब तक हुए चुनावों में ब्राह्मण और ओबीसी वोटर्स खासे निर्णायक साबित हुए है। इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र में ब्राह्मण और कुर्मी वोट दो लाख से अधिक बताए जाते है। इसके अतिरिक्त इस लोकसभा सीट पर सवा लाख यादव मतदाता, ढाई लाख दलित और 2 लाख मुस्लिम मतदाता भी अपनी अहम भूमिका निभाते है। देखना दिलचस्प होगा कि आगामी लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा की लहर जारी रहेगी या इस बार विपक्ष इस सीट पर बाजी मारेगा ?