हाथरस हादसा:बाबा के ब्लैक कमांडो के धक्के से मची भगदड़, जांच रिपोर्ट में खुलासा
हाथरस । उत्तर प्रदेश के हाथरस के सिंकदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलरई गांव में श्रद्धालुओं के लिए मंगलवार काला दिन साबित हुआ। फुलरई गांव में भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई। इस हादसे में 121 लोगों की मौत हो गई है और कई घायल हैं। पुलिस ने सत्संग के आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है।
एसडीएम ने इस हादसे की प्राथमिक जांच रिपोर्ट अब डीएम को सौंपी है। एसडीएम के मुताबिक सत्संग के समापन के बाद श्रद्धालु भोले बाबा के पास पहुंचने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उनके सेवादार और निजी गार्ड्स (ब्लैक कमांडो) ने खुद ही धक्का-मुक्की करनी शुरू कर दी। इसके बाद कार्यक्रम स्थल पर भगदड़ मच गई।
एसडीएम के मुताबिक सत्संग में दो लाख से अधिक श्रद्धालु मौजूद थे। भोले बाबा लगभग दोपहर 12.30 बजे पंडाल में पहुंचे और उनका कार्यक्रम 1 घंटे तक चला। इसी बीच दोपहर 1.40 बजे भोले बाबा पंडाल से निकले तभी श्रद्धालु उनके चरण की धूल छूने के लिए आगे बढ़े। लोग डिवाइडर से कूद-कूद कर बाबा के वाहन की और दौड़ने लगे,लेकिन बाबा के निजी गार्ड्स और सेवादारों ने खुद ही धक्का-मुक्की करनी शुरू कर दी। इसके बाद कुछ लोग नीचे गिर गए। फिर लोग एक-दूसरे को कुचलने लगे।
एसडीएम की रिपोर्ट के मुताबिक कई श्रद्धालु कार्यक्रम स्थल के सामने खेत की ओर भागे,लेकिन खेत बलुई थी इस वजह से कई श्रद्धालु फिसलकर गिर गए। फिर लोग एक-दूसरे के ऊपर पैर रखते हुए भागे।जो नीचे गिरा वह उठ नहीं पाया। इसके बाद कई श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए। मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने घायलों को एम्बुलेंस से अस्पतालों में भर्ती करवाया। इनमें से कुछ को सामुदायिक स्वास्थ्य केंन्द्र में भर्ती करवाया गया और कुछ को एटा और अलीगढ़ के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया।
बता दें कि इस हादसे के बाद पुलिस ने भोले बाबा के मुख्य सेवादार और आयोजकों के खिलाफ केस एफआईआर दर्ज कर लिया है, लेकिन एफआईआर में भोले बाबा का नाम नहीं है। पुलिस की इस एफआईआर पर भी सवाल उठ रहे हैं। वहीं अधिकारियों के मुताबिक सत्संग के लिए अनुमति ली गई थी, लेकिन 80000 श्रद्धालुओं के शामिल होने को लेकर ही अनुमति मांगी थी, पर दो लाख से अधिक श्रद्धालु सत्संग में शामिल होने आए थे।हादसे की जांच के लिए उच्च अधिकारियों की एक टीम का गठन किया है। इस टीम में डीआईजी रैंक के अधिकारी शामिल होंगे।फुलरई गांव में हादसे के बाद सन्नाटा पसरा हुआ है।
बता दें कि श्रद्धालुओं ने सत्संग के आयोजकों और पुलिस पर भी सवाल उठाए हैं। क्योंकि कार्यक्रम स्थल पर एग्जिट और एंट्री पॉइंट नहीं बनाए गए थे, इमरजेंसी रास्ता भी नहीं बना था, मौके पर मेडिकल टीम नहीं थी, गर्मी में पंडाल के अंदर श्रद्धालु पसीने से तर-बतर हो रहे थे, लेकिन उस हिसाब से पंखे और कूलर नहीं लगाए गए थे।पंडाल के आसपास श्रद्धालुओं के लिए खाने-पीने के भी पर्याप्त इंतजाम नहीं थे।