नगरपालिका परिषद् बेला- प्रतापगढ़ के बड़बोले और जातीय मानसिकता से ग्रसित, लापरवाह ईओ राम अचल कुरील को शासन द्वारा किया गया निलंबित
प्रतापगढ़ नगरपालिका को ग्रहण लग चुका है, पहले नपाध्यक्ष हरि प्रताप सिंह की 22 मई, 2024 को राजधानी दिल्ली में इलाज के दौरान मौत हुई और डेढ़ महीने में ही ईओ राम अचल कुरील को निलंबित होना पड़ा, जबकि अध्यक्ष पद पर शासन ने प्रशासक के तौर पर जिलाधिकारी को कमान सौंपी है, अब देखना होगा कि उ. प्र. शासन प्रतापगढ़ की श्रेणी-2 की नगरपालिका में ईओ किसे बनाती है…
प्रतापगढ़। योगी सरकार अब लापरवाह अफसरों की कुंडली बना रही है और उन्हें दण्डित करने का कार्य भी करना शुरू कर दिया है। उसी कड़ी में प्रतापगढ़ नगरपलिका परिषद् में तैनात अधिशासी अधिकारी राम अचल कुरील को शासन ने निलम्बित कर दिया है। राम अचल कुरील निकाय चुनाव- 2023 से पहले चित्रकूट से प्रतापगढ़ के लिए तैनात किये गए थे। राम अचल कुरील अब्यवहारिक और जातिवादी सोच के अधिकारी हैं।
अधिशासी अधिकारी राम अचल कुरील पर आरोप है कि नगर पालिका परिषद बेला प्रतापगढ़ में स्थित (sevrage treatment plant) एवं कंस्ट्रक्टेड वेटलैंड का दिनांक- 2 मई, 2024 को औचक निरीक्षण किया गया। निरक्षण के समय राम अचल कुरील उपस्थित नही थे। नगर निकाय के निदेशक डॉ नितिन बंसल के निरक्षण में पाया गया कि वेटलैंड साइट पर ठोस अपशिष्ट को डंप किया जा रहा है तथा उसमें आग लगी है जो सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स- 2016 एवं स्वच्छ भारत मिशन- नगरीय के दिशा-निर्देशों के सर्वथा विपरीत है।
इस प्रकार नगर पालिका परिषद बेला प्रतापगढ़ में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन वैज्ञानिक तरीके से नहीं किया जा रहा है, जो सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स- 2016 एवं शासन के आदेशों की अवहेलना की जा रही है। साथ ही एसटीपी के संचालन में घोर लापरवाही बरती जा रही थी, जिसे शासन ने संज्ञान लिया और ईओ राम अचल कुरील को दोषी मानते हुए पहले उन्हें नोटिस दिया और उनके जवाब से संतुष्ट न होने पर 29 जून को उन्हें सस्पेंड कर दिया।
राम अचल कुरील अधिशासी अधिकारी श्रेणी-2, नगरपालिका परिषद् बेला-प्रतापगढ़ द्वारा कार्यालय में अनुपस्थित रहने, वेटलैंड साईट पर ठोस अपशिष्ट को डंप कराये जाने एवं उसमें अग्नि लगी होने तथा ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन वैज्ञानिक तरीके से न करके सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स- 2016 एवं स्वच्छ भारत मिशन- नगरीय के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने एवं शासन शासन के आदेशों की अवहेलना करने के कारण उन्हें सस्पेंड किया गया है।
निलंबन के दौरान जिलाधिकारी प्रतापगढ़ के कार्यालय से उन्हें सम्बद्ध किया गया है। उनके जीवन निर्वाह भत्ते आदि का भुगतान नगरपलिका परिषद् बेला-प्रतापगढ़ द्वारा सुनिश्चित किया जायेगा। निलंबन के समस्त आरोपों की जांच हेतु निदेशक ने ऋतु सुहास, अपर निदेशक, नगर निकाय निदेशालय, उ. प्र. लखनऊ को जांच अधिकारी बनाया गया है। जांच अधिकारी से यह अपेक्षा की गई है कि 9 जुलाई तक जांच पूर्ण कर आख्या प्रेषित करें।
ईओ राम अचल कुरील के बारे में जो जानकारी मिली वह बहुत ही गंभीर है। ईओ राम अचल कुरील शासन से अलग-अलग मदों से लगभग 12 करोड़ से अधिक का धन अपने प्रयास से नगरपलिका के विकास हेतु लाये थे। उनका सारा ध्यान इस लाये गए बजट को खत्म करके उसमें मोटा कमीशन प्राप्त कर अपनी जेब भरना ही एक मात्र उदेश्य था, जिसे शासन ने फेल कर दिया और इस बजट को खर्च कर अब दूसरा ईओ मालामाल होगा।