सिपाही बेटों के साथ मिलकर पिता ने पड़ोसी के साथ की मारपीट, उल्टे लिखवाया मुकदमा, दूसरे पक्ष को थाने से बेईज्जत कर भगाया
दिन भर सैदपुर थाने की परिक्रमा करना अशोक यादव के आया काम, अपना मुकदमा लिखवाया और दूसरे पक्ष को थाने से बेइज्जत कर भगाने में रहा सफल…
किसी भी घटना का यदि सबूत और साक्ष्य मौजूद हो, फिर भी पुलिस एक पक्ष के खिलाफ कार्रवाई करे और दूसरे पक्ष को थाने से भगा दिया जाए, यह बात चिंताजनक है। ताज्जुब वाली बात यह है कि जो लोग मारे वही लोग उल्टे गरीब और असहाय लोगों के खिलाफ सैदपुर थाना में एक मुकदमा अजय यादव पुत्र राजनेत यादव जो प्राईमरी का शिक्षक भी है, उसकी तहरीर पर अपराध संख्या- 132/2024 दिनांक- 25 जुलाई, 2024 को भारतीय न्याय संहिता- 2023 की धारा- 19 (2), 31, 115 (2), 352, 351 (3) के तहत दर्ज किया गया है।
तहरीर के मुताबिक घटना 24 जुलाई शाम 4 बजकर 15 मिनट की है। अजय यादव की तहरीर के मुताविक विवेक यादव, अतुल यादव, अनुराग यादव, अमन यादव, चन्द्रशेखर यादव को मुकदमें में आरोपी बनाया गया है। अजय यादव के मुताविक भी झगड़े की वजह जमीनी विवाद है। जबकि दूसरे पक्ष से हीरावती देवी पत्नी रामजनम यादव निवासी गाँव- भटौला थाना- सैदपुर, जनपद गाजीपुर की तहरीर पर कोई मुकदमा सैदपुर थाना में दर्ज नहीं किया गया है। दोनों पक्षों में मारपीट की वजह जमीनी विवाद बताया जा रहा है। दोनों पक्षों की तहरीर में जमीनी विवाद का उल्लेख किया गया है।
हीरावती के मुताबिक वह अपने हैण्ड पम्प के सामने सफाई कर रही थी। उसी दौरान अशोक यादव पुत्र सुभाष यादव, अशोक यादव के दो पुत्र अभिषेक यादव एवं सूरज यादव और अजय यादव पुत्र राजनेत यादव तथा सौरभ यादव पुत्र अजय यादव एवं विपुल यादव पुत्र विजय यादव निवासी गाँव- भटौला, थाना- सैदपुर, जनपद गाजीपुर और उनके सहयोग में आकाश यादव पुत्र हरिद्वार यादव निवासी गाँव- अमुवारा, थाना- सैदपुर, जिला- गाजीपुर एक राय होकर गोल बनाकर लाठी, डंडा व सरिया से लैस होकर हीरावती के दरवाजे पर चढ़ आये और भद्दी-भद्दी गालियाँ देने लगे।
मना करने पर हीरावती के घर में घुस गए और घर की महिलाओं प्रभावती देवी, पूजा देवी एवं विवेक, अतुल, जगरदेई सहित हीरावती को मारने-पीटने लगे। हीरावती का आरोप है कि अशोक यादव लाइसेंसी रिवाल्वर से जान मारने की धमकी घर से लेकर थाने के कैम्पस तक देते रहे। क्योंकि अशोक यादव का थाने में अच्छा ख़ासा प्रभाव है और दिन भर वह थाने की परिक्रमा करता रहता है। अशोक यादव के दो लड़के पुलिस विभाग में सिपाही के पद पर तैनात है।
इसलिए अजय यादव का मुकदमा थाना सैदपुर में लिख लिया गया और हीरावती का मुकदमा नहीं लिखा गया। दूसरे पक्ष की हीरावती अपने मायके में नवासा पर रह रही हैं। इसलिए अशोक यादव और अजय यादव के परिवार वालों उन्हें सता रहे हैं, ताकि हीरावती अपने मायके की सम्पत्ति छोड़कर भाग जाये। मारपीट का लाइव वीडियो होने के बाद भी सैदपुर थाना एक पक्ष का मुकदमा लिखना और दूसरे पक्ष को थाने से भगा देना नैसर्गिक न्याय की हत्या जैसा रहा। हीरावती अपनी फरियाद पुलिस अधीक्षक गाजीपुर से भी की हैं, परन्तु खबर लिखे जाने तक हीरावती का मुकदमा दर्ज नहीं हो सका है।