प्रतापगढ़ के बहुचर्चित होटल में फिर हुआ एक और काण्ड, होटल यात्री की संदिग्ध दशा में हुई मौत, कमरे में मिला अर्ध नग्न शव
विवादित और बहुचर्चित होटल में फिर हुआ एक और हादसा, घटना की जानकारी होने पर लोगों को जून, 2015 का मंजर आया याद…
मानक के विपरीत बनी बिल्डिंग में रसूख के दम पर संचालित हो रहा है, होटल
प्रतापगढ़। शहर में प्रयागराज-अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग के बगल स्थित एक चर्चित होटल में गुजरात का 55 वर्षीय अधेड़ मृत अवस्था में पाया गया। आधार कार्ड के अनुसार उसका नाम दीपक कुमार पुत्र सुरेंद्र सिंह, पार्वती नगर दाहोद गुजरात दर्ज है। शनिवार दोपहर बाद वह कमरे में नग्न अवस्था में मृत पाया गया। शहर कोतवाल अर्जुन सिंह का कहना है कि उसकी मौत कैसे हुई, इसकी जांच की जा रही है।
नगर कोतवाल अर्जुन सिंह ने बताया कि मृतक दीपक कुमार मूलतः उत्तर प्रदेश के जौनपुर का निवासी था और अपनी सम्पत्ति बेंचकर गुजरात शिफ्ट हो गया था। उसके पिता सुरेंद्र सिंह को घटना की सूचना दे दी गई है और उसके कुछ रिश्तेदार आ भी गए हैं। परिजन कल तक पहुँच जायेगे तब मृतक का पोस्टमार्टम कराया जायेगा। मृतक दीपक कुमार ब्यापार के सिलसिले में प्रतापगढ़ आया था और 12 अगस्त को शाम होटल सत्यम इन् में रुका।
16 अगस्त की शाम को होटल के रेस्टोरेंट से मृतक दिया था, डीनर का ऑर्डर
होटल के विवरण के अनुसार मृतक दीपक कुमार 16 अगस्त को शाम को भोजन का ऑर्डर भी सत्यम इन् के रेस्टोरेंट में दिया था। आज सुबह जब साफ़-सफाई के लिए होटल के कर्मचारी कमरे को खटखटाया तो कमरे के अन्दर से कोई जवाब नही आया। होटल के कर्मचारी ने इसकी सूचना होटल के प्रबंधक सुनील कुमार गोयल को दिया तो सुनील कुमार गोयल इसकी जानकारी कोतवाली नगर को दी।
सूचना पर पहुँचे नगर कोतवाल अर्जुन सिंह माय हमराह और उनके सहयोगी सब इंस्पेक्टर भी होटल सत्यम इन् पहुँचे और कमरे का ताला होटल की मास्टर चाभी से खुलाया तो देखा गया कि दीपक कुमार बेड पर चित्त पड़ा था, उसकी गर्दन टेढ़ी थी। उसे हिलाया गया तो उसकी शरीर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। विस्तर पर कुछ दवाईयां और सिरप पड़ा था। शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं थे।
मृतक दीपक कुमार का शव बिस्तर पर अर्धनग्न दशा में था, जिससे होटल प्रबंधन पर भी उठ रहे हैं, सवाल
होटल में ठहरे यात्री दीपक कुमार की मौत कैसे हुई यह कह पाना कठिन है। परिजन के आने और मृतक के शव का जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आ जाता, तब तक मौत के कारण को नहीं बताया जा सकता। फिलहाल मृतक दीपक कुमार की मौत अभी संदिग्ध बनी हुई है। नगर कोतवाल अर्जुन सिंह होटल का कमरा सील कर दिया गया है और होटल के सीसीटीवी फुटेज भी ले लिया है। जाँच जारी है।
अगली कार्रवाई परिजनों के आने और पोस्टमार्टम के रिपोर्ट मिलने के बाद ही संभव है। फिलहाल जिस होटल में दीपक कुमार की संदिग्ध मौत हुई है, उस होटल की गतिविधि ठीक नहीं है। साल- 2015 में होटल प्रबंधन की घोर लापरवाही से रात में सोते समय होटल में आग लग गई और होटल में सोये हुए 10 लोग जिन्दा जल मरे थे और दो दर्जन से अधिक लोग मरणासन्न हुए थे। होटल के प्रबंधक सुनील कुमार गोयल और मैनेजर जेल भी गए थे।
गोयल रेजीडेंसी में 10 लोगों की मौत से जिला हिल उठा था, होटल प्रबंधन और शासन स्तर से मृतकों के परिजनों को नहीं मिली थी, फूटी कौड़ी
बाबागंज में स्थित होटल सत्यम इन् जिस बिल्डिंग में संचालित है, उसी बिल्डिंग में दिनांक- 19 जून, 2015 तक गोयल रेजीडेंसी संचालित हुआ करता था। अग्निकांड के बाद होटल को मौखिक रूप से जिला प्रशासन सील कर दिया था और दो साल होटल बंद रहा। जब होटल प्रबंधक सुनील कुमार गोयल जेल से रिहा हुए तो होटल की बिल्डिंग को पुनः दुरुस्त कराकर उसी बिल्डिंग में नाम बदल कर सत्यम इन् नाम से होटल खोल दिया।
होटल प्रबंधक सुनील कुमार गोयल अपने इस होटल को फिर से संचालित करने के लिए साल-2017 में जब भाजपा सत्ता में आयी तो उसमें शामिल हो गए और अधिकारियों व भाजपा के नेताओं की आवभगत करके गोयल रेजीडेंसी वाली बिल्डिंग में फिर से होटल का ब्यवसाय शुरू कर दिया। जबकि तत्कालीन जिलाधिकारी प्रतापगढ़ अमृत त्रिपाठी ने उस बिल्डिंग को ध्वस्त किये जाने का आदेश जारी किया था, परन्तु चांदी के जूते ने ऐसा कमाल किया कि उसी बिल्डिंग में फिर से होटल का संचालन होने लगा और बाहर के लोग जो नहीं जानते वह आकर उस होटल में रुक भी जाते हैं और जो जानते हैं, उसमें रुकने की जहमत नहीं उठाते।