नेपाल बस हादसा: गोरखपुर से नेपाल गई भारतीय यात्री बस नदी मे गिरी जिसमे 27 लोगों की हुई मौत, 16 लोग गंभीर रूप से हुए घायल
महाराजगंज: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से नेपाल गई भारतीय यात्री बस मर्सियांगडी नदी में गिर गई। हादसे के समय बस में चालक परिचालक समेत 43 लोग सवार थे। तनहुं बस हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई। इसमें 16 महिलाएं और 11 पुरुष शामिल हैं। वहीं 16 गंभीर रूप से घायलों का काठमांडू में इलाज चल रहा है। सभी पर्यटक महाराष्ट्र से नेपाल के लिए निकले थे। अब मृतकों के शवों को नेपाल से गोरखपुर एयरपोर्ट लाया जाएगा। यहां से विमान के जरिए शवों को महाराष्ट्र में उनके परिवारों को सौंपा जाएगा। महाराजगंज जिले से नौतनवा एसडीएम, सीओ और सोनौली थानाध्यक्ष ने नेपाल पहुंचकर शनिवार सुबह हादसे के शिकार परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने पीड़ित परिवारों को मदद का भरोसा दिया। साथ ही बताया जा रहा है कि शनिवार देर शाम तक पोस्टमार्टम होने के बाद सड़क मार्ग से शवों को गोरखपुर एयरपोर्ट पहुंचाया जाएगा।
आपबीती बता रोने लगे परिवार के लोग…
घायलों में 12 श्रद्धालुओं को इलाज के लिए काठमांडू के एक अस्पताल में एयरलिफ्ट कर ले जाया गया। वहीं इस घटना पर यूपी के सीएम योगी और महाराष्ट्र के डेप्युटी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने हादसे में शिकार लोगों के प्रति संवेदना जताई है और हर संभव मदद का भरोसा दिया है। सीएम योगी के निर्देश पर महाराजगंज जिले के नौतनवा एसडीएम, सीओ और सोनौली थानाध्यक्ष ने नेपाल में जाकर शनिवार सुबह हादसे के शिकार परिजनों से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की। मुलाकात के दौरान मृतकों के परिजनों ने हादसे की आपबीती बताकर रोने लगे। सभी अधिकारियों ने सरकार से हर संभव सहायता की बात कहते हुए परिजनों का ढाढस बढ़ाया। रोते बिलखते श्रद्धालुओं ने बताया की काठमांडू में पशुपतिनाथ दर्शन के बाद यूपी में वाराणसी (काशी) में धार्मिक स्थल पर जाने का प्लान था, उसके बाद घर वापसी थी। रोते हुए परिजन कह रहे थे कि यह हादसा कभी न भूलने वाला गम दे गया।
पशुपतिनाथ दर्शन के लिए जा रहे थे…
महाराष्ट्र के जलगांव जिले के ग्राम भुसाल से 110 लोगों का एक जत्था उत्तर भारत और नेपाल की तीर्थ यात्रा के लिए और पर्यटन के लिए रवाना हुआ था। गोरखपुर की ट्रैवल एजेंसी केशरवानी परिवहन की दो बस और एक मिनी ट्रेवलर को बुक कर 17 अगस्त को सभी श्रद्धालु प्रयागराज से निकले। धार्मिक स्थलों का भ्रमण कर 20 अगस्त को महाराजगंज स्थित सोनौली बॉर्डर से नेपाल में प्रवेश किए। नेपाल में श्रद्धालुओं का यात्रा भंसार (परमिट) आठ दिन के लिए थी। शुक्रवार को सुबह नौ बजे तीनों बसें नेपाल के पोखरा से काठमांडू पशुपतिनाथ दर्शन के लिए रवाना हुईं। इसके बाद साढ़े ग्यारह बजे के आसपास पोखरा मुग्लिंग मार्ग पर भूस्खलन से बने गड्ढे में बस अनियंत्रित होकर 150 मीटर मार्स्यांगडी नदी में खाई में चली गई। साथ में 50 मीटर की अंतराल पर चल रहे दोनों बसों में यात्रियों की चीख पुकार मच गई। किसी ने नेपाल पुलिस को घटना सूचना दी। इसके बाद बस को नदी से खींचकर किनारे की गई और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। जहां 27 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 16 लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया।
नेपाल हादसे के बाद अलर्ट रहा महाराजगंज प्रशासन…
नेपाल में भारतीय यात्रियों से भरी बस की खाई में गिरने की सूचना के बाद जिला प्रशासन अलर्ट हो गया। केंद्र और प्रदेश सरकार से मिले निर्देश के बाद जिलाधिकारी अनुनय झा ने नेपाल स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क स्थापित कर घटना के बारे के जानकारी ली। इस संबंध में जिलाधिकारी अनुनय झा ने बताया कि नौतनवा से एसडीएम, सीओ और सोनौली थानाध्यक्ष को घटनास्थल पर भेजा गया है। वहीं आपात स्थिति के लिए सीमा पर छह एंबुलेंस की भी तैनाती की गई है।
गोरखपुर एयरपोर्ट से महाराष्ट्र भेजे जाएंगे शव…
नेपाल बस हादसे में जिन 27 श्रद्धालुओं की मौत हुई है, उनको नेपाल से सड़क मार्ग से गोरखपुर एयरपोर्ट शनिवार शाम को भेजा जाएगा। जहां एयरक्राफ्ट से सभी शवों को महाराष्ट्र भेजा जाएगा। वहीं घायलों को उपचार के बाद सड़क मार्ग से भारत वापस लाया जाएगा।