भाजपा में शामिल होने वाली अपर्णा यादव के पास है, करोड़ों रूपये की सम्पत्ति, 6 करोड़ रुपए की कीमत वाली लेम्बोर्गिनी कार में करती हैं,सफर
प्रतीक यादव क्या वाकई मुलायम सिंह यादव के बेटे हैं…???
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रहे ठाकुर अमर सिंह के धोबिया पछाड़ दांव के आगे अखाड़ा के पहलवान मुलायम सिंह यादव का चरखा दांव हो गया फेल, साधना गुप्ता को पत्नी और प्रतीक को बना दिया पुत्र, अखिलेश यादव इसी वजह से ठाकुर अमर सिंह से रखते थे, ईर्ष्या…
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू 19 जनवरी को अपर्णा यादव देश की राजधानी दिल्ली पहुँच कर भाजपा में शामिल हो गई। अपर्णा यादव का भाजपा में कितना महत्व है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सदस्यता ग्रहण का समारोह भाजपा के दिल्ली स्थित मुख्यालय पर किया गया। समारोह में अपर्णा के साथ उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, प्रभारी महासचिव अनिल बलूनी आदि मौजूद रहे। सभी नेताओं ने इसे उपलब्धि बताया कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के छोटे भाई प्रतीक यादव की पत्नी और मुलायम सिंह यादव की छोटी बहु अपर्णा यादव के शामिल होने से भाजपा मजबूत होगी। मीडिया में भी लगातार गाया जा रहा है कि मुलायम सिंह की छोटी बहू भाजपा में शामिल हो गई।राजनीतिक पंडितों का कहना है कि समाजवादी पार्टी ने भाजपा सरकार के तीन मंत्रियों को तोड़ा, उसी का जवाब भाजपा ने मुलायम सिंह यादव के परिवार को तोड़कर दिया है।
मुलायम सिंह यादव पर शुरू से सवाल उठता है कि क्या अपर्णा यादव के पति प्रतीक यादव वाकई मुलायम सिंह के पुत्र हैं ? सब जानते हैं कि मुलायम सिंह यादव ने अपनी पत्नी और अखिलेश यादव की माताजी मालती देवी के वर्ष-2003 में निधन के बाद साधना गुप्ता को अपनी दूसरी पत्नी घोषित किया था। परन्तु पहली पत्नी के रहते हिन्दू मैरिज एक्ट के तहत एक पति यदि दूसरी महिला से बच्चा उत्पन्न करता है तो वह बच्चा नाजायज की श्रेणी में आता है। हिन्दू मैरिज एक्ट के पहली पत्नी की रहते दूसरी औरत को पत्नी की संज्ञा न देकर रखैल की संज्ञा दी गई है। साधना गुप्ता यदि प्रतीक यादव के जन्म के समय पत्नी का दर्जा नहीं पा सकी थी तो उसने जन्मा प्रतीक को कैसे मुलायम सिंह की जायज औलाद माना जाए ? यानि मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी के जीवनकाल वर्ष-2003 तक साधना गुप्ता को मुलायम सिंह ने पत्नी का दर्जा नहीं दे सके थे, जबकि मुलायम सिंह यादव और साधना गुप्ता के बीच पति और पत्नी जैसा सम्बन्ध रहा, तभी तो दोनों से प्रतीक पैदा हुए। प्रतीक यादव को साधना गुप्ता गोंद में लेकर मुलायम सिंह के घर आई थी। ऐसी संतान को गाँव की भाषा में गोहनलगुआ कहते हैं।
साधना का पहला विवाह एक छोटे कारोबारी चंद्र प्रकाश गुप्ता से हुआ, लेकिन साधना के मुलायम सिंह के संपर्क में आने के बाद चंद्र प्रकाश को तलाक देना पड़ा। लेकिन तब तक एक पुत्र का जन्म हो गया। तलाक के बाद साधना गुप्ता अपने पुत्र के साथ ही मुलायम सिंह के साथ रहीं। लेकिन साधना गुप्ता ने कभी भी अपने पुत्र प्रतीक और अखिलेश यादव के बीच फर्क नहीं किया। सौतेली मां होने के बाद भी साधना ने ज्यादा ख्याल अखिलेश का रखा। साधना का मानना रहा कि जब मुलायम सिंह यादव उनका इतना ख्याल रख रहे हैं, तब अखिलेश का ख्याल रखना उनकी जिम्मेदारी है। मुलायम सिंह ने प्रतीक को करोड़ों रुपए की जायदाद का मालिक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मुलायम ने वर्ष-2011 में प्रतीक का विवाह भी धूमधाम से किया। तब अमिताभ बच्चन जैसे सुपर स्टर ने भी उपस्थित होकर विवाह में चाद चांद लगाए। प्रतीक यादव ने तो राजनीति में रुचि नहीं दिखाई, लेकिन अपर्णा यादव हमेशा से ही राजनीति में सक्रिय रहीं। वर्ष-2017 में अपर्णा ने लखनऊ कैंट से सपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा, लेकिन तब वे भाजपा की रीता बहुगुणा से हार गई।
नामांकन में तब अपर्णा ने स्वयं को 23 करोड़ रुपए की चल और अचल सम्पत्ति का मालिक बताया था। इस संपत्ति में 6 करोड़ रुपए की कीमत वाली लेम्बोर्गिनी कार भी शामिल है। 19 जनवरी को भाजपा में शामिल होने पर अपर्णा ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों से प्रभावित होकर ही भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर रही है और अब वे उत्तर प्रदेश में भाजपा में मजबूती के लिए काम करेंगी। मौजूदा समय में मुलायम सिंह यादव किस स्थिति में हैं, यह तो पता नहीं ! लेकिन अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने से अखिलेश यादव को मानसिक तनाव जरूर होगा। क्योंकि अब सपा और मुलायम सिंह के घर में भाजपा की सीधी एप्रोच हो गई है। अब मुलायम सिंह के घर में भाजपा की बैठकें भी हो सकेंगी। जानकार सूत्रों के अनुसार अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने पर मुलायम सिंह की पत्नी साधना गुप्ता की सहमति भी रही है। वर्ष-2012 से लेकर वर्ष-2017 तक जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश यादव बागडोर संभाले थे, तब अमेठी के गायत्री प्रसाद प्रजापति जो अखिलेश की सरकार में खनन मंत्री हुआ करते थे और जो घपले-घोटाले हुए उसका सारा धन मुलायम सिंह की पत्नी साधना गुप्ता के पास जाता रहा। ऐसा आरोप तब लगा था, जब अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल यादव के बीच विवाद शुरू हुआ था।