भाजपा का राष्ट्रीय स्तर पर चल रहा है सदस्यता अभियान और धरातल पर उसके जमीनी कार्यकर्ताओं में पैदा हो रहा है, भारी असंतोष
लोकसभा चुनाव- 2024 को 100 दिन बीत गए, परन्तु हार के कारणों पर बूथ लेबल की मीटिंग पर नहीं हो सका कोई निर्णय
सच कड़वा होता है, पर झुठलाया नहीं जा सकता- भाजपा का जमीनी कार्यकर्ता लल्लू राम गुप्ता
जिन लोगो की वजह से हमारा भारत देश 900 वर्षो तक गुलाम रहा और महान वीर योद्धा पृथ्वीराज चौहान और महाराणा प्रताप के साथ गद्दारी किए। ऐसे ही लोग आज भारतीय जनता पार्टी संगठन में जुआड़ पद्धति से उच्च पदों पर आसीन हैं। चापलूसों की भाजपा में भरमार हो चुकी है और उनके आगे जमीनी कार्यकर्ताओं की कोई सुनवाई नहीं होती और अन्ततः निराश होकर मूल कार्यकर्त्ता अपने घर बैठ जाने के लिए मजबूर हो जाता है। भाजपा का एक जमीनी कार्यकर्ता का आज जब मन की पीड़ा उसके जुबां पर आई तो वह अपने को रोक न सका। वह कार्यकर्ता प्रतापगढ़ जनपद का है और उसका नाम है, लल्लू राम गुप्ता।
वर्तमान में बीजेपी संगठन सिर्फ और सिर्फ दलालों और चाटुकारों के मकड़जाल में है, उलझा
हकीकत में जो लोग चुनाव के समय भाजपा उम्मीदवार को हराने के लिए साम, दाम, दंड, भेद अपनाते हैं, बाद में वही लोग सत्ता मिलते ही वे लोग पुनः सत्ता की चासनी चाटने के लिए चीभ निकाल कर सबसे आगे की कतार में बैठे मिल जाते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि ऐसे लोग भाजपा के उम्मीदवार को हराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़े रहते, बल्कि जमकर भीतरघात करते हैं। चुनाव बाद पार्टी शीर्ष नेतृत्व कहता है कि बूथवार समीक्षा होगी और ऐसे गद्दार लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जायेगा, परन्तु पार्टी का शीर्ष नेतृत्व सिर्फ दिखाने के लिए बूथवार समीक्षा करता है, परन्तु सच यह है कि किसी भी गद्दार के खिलाफ पार्टी शीर्ष नेतृत्व कोई कार्रवाई नहीं करता।
भाजपा की दशा दिन प्रतिदिन होती जा रही है, खराब
ऐसे लोग पार्टी में सिर्फ और सिर्फ हाईलाइट होकर सत्ता का लाभ लेते रहते हैं। आज उन्ही के कारण भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में केवल 35 सीटो पर सिमट कर रह गई है। यदि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व उड़ीसा में सीटें न आई होती तो श्री नरेंद्र मोदी जी आज प्रधानमंत्री न बन पाते और ऐसे ही लोंगो के दम पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव साल- 2027 का विधानसभा चुनाव जीत लेने का दम्भ भर रहे हैं। ऐसी दशा में विधानसभा चुनाव- 2027 में भाजपा की नैया डूबने से कोई रोक नहीं सकता। लोकसभा में सीट आधी हो गई और पार्टी शीर्ष नेतृव की आँख फिर भी नहीं खुल रही है। वर्तमान में सिर्फ और सिर्फ दलालों और चाटुकारों से पार्टी शीर्ष नेतृत्व बुरी तरह से घिरा हुआ है।