पिछड़ा जाति का बड़ा नेता बनाने के उद्देश्य से राजकुमार पाल को अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने बनाया प्रदेश अध्यक्ष, राजकुमार पाल ने जताया अनुप्रिया पटेल का आभार
लखनऊ। अपना दल एस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार पाल ने शुक्रवार 11 फरवरी, 2022 को लखनऊ में पार्टी कार्यालय पर अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल से मुलाकात की। उन्होंने पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने के लिए अनुप्रिया पटेल को धन्यवाद ज्ञापित किया और उनका आभार भी जताया। बता दें राजकुमार पाल उप चुनाव में प्रतापगढ़ जिले की सदर सीट से वर्ष-2019 में विधायक निर्वाचित हुए थे। वर्ष- 2022 के विधानसभा चुनाव में अपना दल एस ने 248-प्रतापगढ़ की सदर सीट को भाजपा को वापस कर दिया है। अब यहां से भाजपा ने राजेन्द्र मौर्य को गठबंधन का संयुक्त उम्मीदवार बनाया है। इसकी घोषणा किये जाने के बाद पाल समाज को बैलेंस करने के लिए अनुप्रिया पटेल ने राजकुमार पाल को अपना दल एस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है।
हालांकि कार्यकारी अध्यक्ष के पद पर आशीष सिंह विराजमान हैं और जो वह चाहते हैं वही पार्टी में होता है। आशीष सिंह की वजह से अनुप्रिया पटेल के घर में विखराव हुआ और माँ कृष्णा पटेल और बहन पल्लवी पटेल से अनुप्रिया पटेल के आकड़े ३६ के हो गए। स्थिति इतनी ख़राब हुई की अपना दल दो गुटों में विभाजित हो गया। वर्ष- 2016 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बहुत ही चालाकी के साथ प्रयागराज जनपद के फूलपुर निवासी जवाहरलाल पटेल के नाम अपना दल एस का रजिस्ट्रेशन भारत निर्वाचन में कराकर वर्ष- 2017 में अनुप्रिया पटेल से उत्तर प्रदेश की विधानसभा चुनाव में गठबंधन कर उन्हें 11 सीटें देकर अपना दल के कृष्णा पटेल गुट को ढक्कन बना दिया और उनको कहीं का न छोड़ा। उस समय अपना दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जवाहर लाल पटेल ही थे। विधानसभा चुनाव- 2017 के सम्पन्न हो जाने के बाद जब अपना दल एस से 9 विधायक निर्वाचित हो गए तो धीरे से अपना दल एस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी पर अनुप्रिया पटेल के पति आशीष सिंह विराजमान हो गए और जवाहर लाल पटेल भूमिगत हो गए।
राष्ट्रीय अध्यक्ष के कुर्सी पर विराजमान होते ही आशीष पटेल सबसे पहले अपनी पत्नी अनुप्रिया पटेल के सबसे चहेते विधायक डॉ आर के वर्मा का पर काटना शुरू किया। क्योंकि डॉ आर के वर्मा जब प्रदेश अध्यक्ष पद विराजमान थे तो मीटिंग और जनसभाओं में वह अनुप्रिया पटेल के बगल ही बैठते थे, जो अनुप्रिया पटेल के पति आशीष सिंह को नागवार लगती थी। उन्हें इंतजार था, उस वक्त का जब वह डॉ आर के वर्मा का पर कतर सकें। वह समय जब आया तो आशीष सिंह ने बिना देर किये डॉ आर के वर्मा को अपना दल एस से समाजवादी पार्टी में जाने के लिए विवश कर दिया। वर्ष- 2019 में जब मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू हुआ तो अनुप्रिया पटेल कैबिनेट मंत्री बनाये जाने के लिए जिद पकड़ ली, जिससे उन्हें मंत्रिमंडल में नहीं शामिल किया गया। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में जो मंत्री का बंगला मिला था वह बिना मंत्री के खाली कराने की जब नोटिस आई तो अनुप्रिया पटेल का सिर चकराने लगा और फिर वह मोटा भाई के कदमों में जा गिरी। फिर उनके सुझाव पर अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनकर अपना मंत्री वाला बंगला अनुप्रिया पटेल बचा सकी।
उत्तर प्रदेश विधानसभा-2022 के चुनाव से पहले मोटा भाई ने फिर से गोटी विछाई और अनुप्रिया पटेल को मोदी मंत्रिमंडल विस्तार में एकबार फिर शामिल करने का आमंत्रण भेजा, जिसे अनुप्रिया पटेल सहज स्वीकार कर लिया और वह मोदी मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री बन गई। इसके पहले उत्तर प्रदेश के एमएलसी के चुनाव में भाजपा ने अनुप्रिया पटेल के कहने पर उनके पति आशीष सिंह को एमएलसी बनाया गया, परन्तु लाख चाहने के बाद भी योगी मंत्रिमंडल में आशीष सिंह को मंत्री नहीं बनाया गया। ऐसे में आशीष सिंह एमएलसी पद के साथ-साथ अपना दल एस के कार्यकारी अध्यक्ष बनकर पार्टी की चाबुक अपने हाथ में रखने का कार्य किया। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव-2022 में अपना दल कमेरावादी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल और राष्ट्रीय महासचिव पल्लवी पटेल ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर चुनाव के मैदान में कूद पड़ी। अब आशीष सिंह और अनुप्रिया पटेल ही अपना दल एस के सर्वेसर्वा हैं और वह दोनों किसी और की दखल पार्टी में पसंद नहीं करते। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष की कमान राजकुमार पाल को दिया गया है, ताकि पटेल विरादरी के साथ पाल विरादरी भी अपना दल एस से जुड़े रहे। परन्तु इन सबके बीच आशीष सिंह और अनुप्रिया पटेल के बीच में राजकुमार पाल की भी वही दशा न हो जाए जो डॉ आर के वर्मा की हुई थी।