फूलपुर विस उपचुनाव: दो पूर्व विधायकों के साथ राजनीति का नया खिलाड़ी भर रहा दम
फूलपुर। उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में सभी दलों ने पूरी ताकत झोंक रखी है।उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी से बतौर प्रत्याशी दो पूर्व विधायक अपनी-अपनी जीत का दम भर रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी से भाग्य आजमा रहे प्रत्याशी राजनीति के नए खिलाड़ी हैं।भाजपा प्रत्याशी दीपक पटेल 44 वर्षीय हैं तो सपा के मुज्तबा सिद्दीकी 68 वर्षीय हैं,लेकिन इनमें एक समानता यह है कि दोनों पूर्व में बसपा से विधायक रह चुके हैं।
दीपक 2012 में करछना से बसपा से विधायक बने थे तो मुज्तबा बतौर बसपा प्रत्याशी दो बार सोरांव तो एक बार फूलपुर के बगल की प्रतापपुर सीट से विधायक रह चुके हैं। बसपा ने नामांकन से कुछ दिन पूर्व प्रत्याशी बदलते हुए कारोबारी जितेंद्र कुमार सिंह को प्रत्याशी बनाया था, जिनका यह पहला विधानसभा चुनाव है। भाजपा प्रत्याशी दीपक पटेल की मां केशरी देवी पटेल फूलपुर लोकसभा से सांसद के साथ ही लंबे समय तक जिला पंचायत की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। पांच साल के संसदीय कार्यकाल में मां के साथ दीपक भी क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दीपक के पक्ष में दो चुनावी सभाएं कर चुके हैं।हालांकि सीएम ढाई महीने में तीन बार फूलपुर क्षेत्र में आए।
कभी बसपा मुखिया मायावती के वफादार रहे मुज्तबा सिद्दीकी 2022 के विधानसभा चुनाव में भी सपा फूलपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे।चुनाव में मुज्तबा को भाजपा के प्रवीण पटेल से 2732 वोटों से हाराया था।
2024 के लोकसभा चुनाव में सपा को फूलपुर विधानसभा में सबसे अधिक वोट मिले थे।सपा के परंपरागत यादव और सजातीय मुस्लिम वोटों के साथ ही अन्य जातियों के समर्थन का दावा करते हुए मुज्तबा मैदान में डटे हुए हैं।सपा मुखिया अखिलेश यादव ने 14 नवंबर को मुज्तबा के समर्थन में जनसभा की थी।कांग्रेस के गंगापार के जिलाध्यक्ष सुरेश यादव पार्टी से बगावत कर निर्दल प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में हैं। बसपा के परंपरागत वोटों के साथ ही सजातीय वोटों को खुद के साथ बताते हुए बसपा के जितेंद्र कुमार सिंह पार्टी पदाधिकारियों संग जनसंपर्क में जुटे हैं।
बता दें कि प्रयागराज जिले का फूलपुर सबसे तेजी से विकसित होता हुआ क्षेत्र है।इसमें आने वाले झूंसी में गोविन्द बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान,हरिश्चंद्र रिसर्च इंस्टीट्यूट जैसे संस्थान हैं तो गंगा के किनारे उलटा किला भी है।यूपी के साथ ही देश के अन्य हिस्सों में भी खाद की आपूर्ति करने वाला इफको का प्लांट इसी क्षेत्र में है तो सहसो का सबसे बड़ा चौराहा भी इस क्षेत्र की अलग पहचान है।
फूलपुर संसदीय क्षेत्र की पांच विधानसभा में से एक फूलपुर विधानसभा है। इसे परिसीमन से पहले झूंसी के नाम से जाना जाता था। फूलपुर विधानसभा में पहला चुनाव 1974 में हुआ था, तब से 2022 तक हुए तेरह विधानसभा चुनाव में भाजपा, कांग्रेस और जनता दल के प्रत्याशी दो-दो बार चुनाव जीते जबकि जनता पार्टी, जनता पार्टी (सेकुलर ) तथा बसपा को एक-एक और सपा के चार बार सपा के प्रत्याशी जीते।