नई दिल्ली। अगले साल फरवरी में दिल्ली में विधानसभा चुनाव होना है।सभी सियासी दल तैयारियों में जुट गए हैं।विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर होने की संभावना है।यही कारण है कि इस बार एक-एक वोट के लिए भाजपा और आप में जबरदस्त द्वंद देखने को मिल सकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर फर्जी तरीके से आप समर्थकों के वोट काटने का आरोप लगाया है तो वहीं भाजपा ने कहा है कि इस बार फर्जी वोट डालने वाले जेल भेजे जाएंगे।भाजपा ने कई बूथों पर ऐसे फर्जी मतदाताओं की बड़ी सूची खोजने का दावा किया है,जिसमें लोगों के नाम फर्जी पते पर दर्ज हैं,लेकिन उनमें से कोई भी उस पते पर नहीं रहते हैं।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि कुछ बूथों पर एक कमरे के मकान में 38 से लेकर 45 तक मतदाताओं के नाम दर्ज पाए गए हैं, लेकिन जब भाजपा कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचकर उसकी जांच करने की कोशिश की तो वहां पर कोई भी नहीं रहता हुआ पाया गया। सचदेवा ने कहा कि यहां तक कि एक स्थान पर केवल एक बिजली का मीटर लगा था, लेकिन घर के नाम पर केवल दीवार खड़ी है। इस मकान में लगभग 40 मतदाताओं के नाम दर्ज हैं।
वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया है कि इस स्थान के आसपास के लोगों का कहना है कि कुछ लोग चुनाव के दिन आसपास के इलाकों से बुलाए जाते हैं, वे वोट देकर बाहर चले जाते हैं। पार्टी ने इन्हें फर्जी वोटर करार दिया है।सचदेवा ने दावा किया है कि ऐसे मतदाताओं की बहुत बड़ी संख्या हो सकती है। मीडिया के सामने एक सूची दिखाते हुए सचदेवा ने कहा कि इसमें सभी नाम एक विशेष पते पर दर्ज हैं, लेकिन इनमें से कोई मतदाता उस पते पर नहीं रहता है। ऐसे में ये सभी नाम चुनाव आयोग के द्वारा काटे जा रहे हैं।
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि इस बार जो लोग भी दिल्ली के मतदाता न होकर भी फर्जी तरीके से वोट डालते हुए पकड़े जाएंगे उन्हें जेल जाना होगा। भारतीय न्याय संहिता में फर्जी मतदान करने का आरोप सिद्ध होने पर एक साल तक की कठोर सजा हो सकती है। सचदेवा ने दावा किया है कि इस बार फर्जी वोट डालने की कोशिश करना भारी पड़ सकता है। ऐसे में फर्जी वोट डालने वालों को ऐसा काम करने से दूर रहना चाहिए।
भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि मतदाता सूची से नाम कटवाने के लिए फॉर्म सात पर नाम भरकर देना होता है। एक फॉर्म पर एक व्यक्ति छः से अधिक नामों पर सवाल नहीं खड़े कर सकता है, बांसुरी ने कहा कि जिन नामों को काटने का सुझाव दिया जाता है, उनकी सूची प्रकाशित करना अनिवार्य है। ऐसे मतदाताओं को अपना वाजिब पहचान पत्र दिखाकर अपना नाम काटने का विरोध करने का भी अधिकार होता है। इसके लिए इन मतदाताओं को पर्याप्त समय भी दिया जाता है,लेकिन अरविंद केजरीवाल,आम आदमी पार्टी या उनके समर्थक कानूनी प्रक्रिया का पालन करने की बजाय उल्टी-सीधी बातें कर जनता को बरगला रहे हैं।