गाजीपुर। पुलिस लाइन स्थित तीन मंजिला बिल्डिंग से संदिग्ध परिस्थिति में गिरने से करंडा थाना में तैनात मीरजापुर जनपद के कछवा रोड भैसहां गांव का निवासी 37 वर्षीय सिपाही विजय प्रताप दुबे की मौत हो गई। जानकारी होने पर पुलिस महकमें में खलबली मच गई। पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा समेत अन्य अधिकारी पहुंचे और मामले की जांच की। सिपाही कैसे बिल्डिंग से गिरा, यह फिलहाल स्पष्ट नहीं हो सका है। उधर, चर्चा है कि मोबाइल पर बात करते समय वह असंतुलित होकर नीचे गिर गया। 

मीरजापुर के भैसहां गांव निवासी विजय शंकर दुबे उत्तर-प्रदेश पुलिस में थे। ड्यूटी के दौरान वर्ष-2010 में उनकी मौत हो गई। पिता की जगह वर्ष-2011 में सबसे छोटा बेटा विजय प्रताप दुबे ने ज्वाइनिंग की। वर्तमान में उसकी तैनाती करंडा थाने में थी। ड्यूटी खत्म होने के बाद वह शाम को पुलिस लाइन स्थित बैरक में आया। इसी बीच संदिग्ध परिस्थिति में रात करीब दस बजे तीसरे मंजिल से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। आनन-फानन पुलिसकर्मी विजय प्रताप को राजकीय मेडिकल कॉलेज के जिला अस्पताल में ले गए, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस के उच्चाधिकारियों की सूचना पर स्वजन रात करीब साढ़े 12 बजे अस्पताल पहुंचे। घरवालों ने बताया कि पुलिस के अनुसार वह तीसरी मंजिल से गिरकर मरा है।

तीन दिन पहले बदला था कमरा…

पुलिसकर्मियों के अनुसार विजय प्रताप दुबे पुलिस लाइन में एक दूसरे कमरे में रहते थे। किसी कारण से उन्होंने उस उस कमरे को छोड़कर दूसरे में रहने लगे। रात करीब दस बजे वह तीसरी मंजिल पर क्या करने गए और कैसे गिर गए, यह फिलहाल किसी को पता नहीं चल सका। घटना के बाद तेज आवाज हुई तो इसकी जानकारी अन्य साथियों को हुई।

एक फरवरी को छुट्टी से लौटकर आए थे ड्यूटी…

करंडा थाने में तैनात सिपाही विजय प्रताप दुबे जनवरी माह में छुट्टी गए थे। अवकाश खत्म होने के बाद एक फरवरी को ड्यूटी पर आए। इस बीच कई बार पत्नी सविता से बात भी हुई लेकिन उन्होंने किसी प्रकार की परेशानी का जिक्र नहीं किया। ऐसे में परिवार के लोग भी इस हादसा ही माने रहे हैं। वैसे पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है।

माता-पिता व एक भाई की हो चुकी है मौत…

विजय प्रताप दुबे के पिता विजय शंकर दुबे, माता आशा व तीसरे नंबर के भाई उदित नारायण की मौत हाे चुकी है। घर में बड़े भाई सुरेंद्र नाथ दुबे, रामकुमार व विजय प्रताप ही रहते थे। सबसे छोटे भाई की मौत से सुरेंद्र व रामकुमार का भी रो-रोकर बुरा हाल था।

सिपाही का एक पुत्र व दो पुत्रियां…

सिपाही विजय प्रताप दुबे की तीन संतान हैं। सबसे बड़ी 16 वर्ष की बेटी गरिमा, इसके बाद 12 वर्षीय ऋतिका व आठ वर्ष का पुत्र देव है। कम उम्र में पिता का साया सिर से उठा तो बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था।

पति के मौत की जानकारी होने पर अस्पताल पहुंची थी सविता…

चार दिन पूर्व पति विजय प्रताप को हंसी-खुशी ड्यूटी के लिए भेजने वाली सविता को क्या पता था कि यह दोनों की आखिरी मुलाकात होगी। देर रात पति के मौत की जानकारी हुई तो वह स्वजन संग अस्पताल पहुंची और दहाड़े मारकर रोने लगी। बाद में स्वजन पत्नी को गांव भेज दिए।