तेरहवीं के दिन ई-रिक्शा से जिंदा घर लौटे खूंटी गुरु,भगदड़ के बाद लगा बाबा अब नहीं रहे
प्रयागराज। गंगा की रेती पर चल रहे दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ में संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। महाकुंभ में कई चमत्कारिक घटनाएं भी हो रही हैं।संगम नगरी के जीरो रोड इलाके में अपना अधिकतर समय बिताने वाले 65 वर्षीय फक्कड़ स्वभाव के खूंटी गुरु ने लोगों को चौंका दिया।
खूंटी गुरु महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ के बाद से गायब थे।कई दिनों तक खूंटी गुरु का कोई पता नहीं चल पाया।इसके बाद खूंटी गुरु के दोस्तों ने 13 ब्राह्मणों को भोज देने की तैयारी की थी।भोज देने की तैयारी चल ही रही थी कि ई-रिक्शा से खूंटी गुरु घर पहुंच गए।दोस्तों में खूंटी गुरु को जीवित देखकर खुशी की लहर दौड़ गई।
जीरो रोड इलाके में रहने वाले समाजसेवी बाबा अवस्थी ने बताया कि खूंटी गुरु 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का स्नान करने के लिए गए थे।मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ के बाद से वह घर नहीं लौटे।मोहल्ले के उनके साथियों ने कई दिनों तक उनका इंतजार किया।
बाबा अवस्थी ने बताया कि खूंटी गुरु फक्कड़ किस्म के व्यक्ति हैं।भजन में अपना समय व्यतीत करते हैं,उनके पास मोबाइल फोन भी नहीं है।अवस्थी ने बताया कि भगदड़ की घटना के 12 दिन बीत जाने पर मोहल्ले के लोगों को आशंका हुई कि खूंटी गुरु के साथ कोई अनहोनी हो गई होगी और पिछले मंगलवार को लोगों ने उनकी आत्मा की शांति के लिए ब्राह्मण भोज कराने की तैयारी की थी,तभी ई-रिक्शा से खूंटी गुरु घर पहुंच गए।
बाबा अवस्थी ने बताया कि सभी खूंटी गुरु को देखकर चकित रहे गए।बाद में भोज के लिए बना खाना खूंटी गुरु की सकुशल वापसी की खुशी में लोगों ने आपस में बांटकर खा लिया। अवस्थी ने बताया कि खूंटी गुरु से जब पूछा गया कि वह इतने दिन कहां थे तो उन्होंने बताया कि वह मेले में नागा साधुओं के यहां भजन और भोजन कर रहे थे।खूंटी गुरु ने कहा कि उनको वहां बड़ा आनंद आ रहा था, इसलिए वह इतने दिन वहीं टिके रहे। बता दें कि खूंटी गुरु अविवाहित हैं। उनके परिवार में केवल एक बहन है, जिसका विवाह हो चुका है।