समाजवादी पार्टी की सरकार में दो नम्बर की हैसियत रखने वाले आजम खान के दिन बहुरेगा या नेपथ्य में चला जायेगा
आजम खान के शपथ ग्रहण पर लगा ग्रहण,विधायक पद की शपथ लेने के लिए नहीं पहुंच पाए विधानसभा, आइये जानें वजह
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। कोर्ट ने आजम को बड़ा झटका दिया। आजम विधानसभा पहुंच कर शपथ नहीं ले पाए। कोर्ट ने जेल प्रशासन की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें शपथ ग्रहण के लिए आजम खान को विधानसभा ले जाने की अनुमति मांगी गई थी। सूत्रों का कहना है कि आजम ने खुद इच्छा जाहिर की थी कि वो आज नहीं जाना चाहते हैं। आजम खान इस समय सीतापुर जेल में बंद हैं। सवाल उठता है कि जब आजम खान की स्वयं की इच्छा विधानसभा में आयोजित विधायकों के शपथ समारोह में जाने की नहीं थी तो वह न्यायालय में अर्जी ही क्यों लगाये ? अर्जी लगाये और जाने की इच्छा भी नहीं है और उपर से उसे मीडिया में प्रोपोगंडा कराकर आजम खान क्या साबित करना चाहते हैं ? फिलहाल सूबे की जनता सारी हकीकत जान चुकी है। अब हल्ला गुहार मचाने और सांसद व विधायक बन जाने से पाप नहीं धुलने वाले। सूबे में बुलडोजर बाबा की सरकार में अब ये सब नहीं चलने वाला है।
सूबे में बुलडोजर बाबा योगी आदित्यनाथ की सरकार में आजम खान जैसे नेताओं की खैर नहीं…
न्यायालय से विधानसभा शपथग्रहण समारोह में शामिल होकर शपथ लेने की अनुमित खारिज होने के बाद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान विधानसभा पहुंचे और विधायक प्रतिनिधि के रूप में शपथ ग्रहण की। उत्तर प्रदेश विधानसभा में जीत दर्ज करके आए प्रदेश के सभी विधायकों को शपथ दिलाई जा रही है। सोमवार को सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधायक के रूप में शपथ ली और उनके बाद नेता विपक्ष अखिलेश यादव ने शपथ ग्रहण किया। पहले दिन 343 विधायकों के शपथ के बाद ये सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा है। हालांकि, नाहिद हसन, आजम खान जैसे कुछ विधायक जेल में बंद हैं। इनका शपथ ग्रहण अभी नहीं हो पाया है। आजम खान इससे पहले रामपुर से सपा के लोकसभा सांसद थे और हाल ही में लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया है। सवाल उठता है कि जब सांसद के रूप में आजम खान रामपुर की जनता का प्रतिनिधित्व कर रहे थे तो विधायक बनने का क्या औचित्य था ? यदि उन्हें लग रहा था कि सत्ता में समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी तो 10 मार्च पर उससे भी पर्दा उठ गया। सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव आजमगढ़ से सांसद पद से त्यागपत्र दिए और कलहल से विधानसभा जीतकर विधान सभा सदस्य पद का पहली बार शपथ लिए तो वह नेता प्रतिपक्ष बने। परन्तु आजम खान को क्या बनना है जो सांसद पद को त्यागकर विधायक पद पर विराजमान होना चाहते हैं ? आखिर यह निर्णय और ऐसे कार्य से देश की जनता के उपर उप चुनाव कराने और उस पर अपब्यय करने का कार्य नहीं है।