अपने आतंक से दूसरों में खौफ पैदा करने वाला आजकल स्वयं खौफ में जी रहा है और बाप बेटे और माँ लगाते रहे, सुरक्षा की गुहार
पेशी के लिए बांदा से अदालत तक पहुँचने के रास्ते में बाहुबली मुख्तार को सताता रहा जान का डर, पूरा परिवार लगाता रहा जीवन के संकट गुहार…
लखनऊ। बाहुबली मुख्तार अंसारी को लखनऊ जेल में मारपीट के मामले में सोमवार को एमपी/एमएलए कोर्ट में पेश किया गया। मुख्तार ने अदालत से अपनी जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई। एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने स्कॉट प्रभारी को निर्देश दिया कि वो मुख्तार अंसारी को यथाशीघ्र पूरी सुरक्षा के साथ बांदा जेल में दाखिला कराना सुरक्षित सुनिश्चित करें। बता दें कि बाहुबली मुख्तार अंसारी ने अदालत में एक प्रार्थना पत्र दिया है। प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि जेल से लेकर अदालत आने जाने तक कभी भी उस पर जानलेवा हमला हो सकता है। उस पर हमले का मुख्य आरोपी बृजेश सिंह इस समय भाजपा समर्थित सत्तारूढ़ दल में शामिल है। पुलिस और प्रशासन पर प्रभाव डालकर प्रार्थी को उस मुकदमे में गवाही न देने का दबाव बनाया जा रहा है। सहायक अभियोजन अधिकारी सोनू सिंह ने बचाव पक्ष की इस अर्जी का विरोध किया। उन्होंने कहा कि अभियुक्त ऐसा इसलिए कह रहा है कि उसे अदालत में न आना पड़े। प्रार्थना पत्र के विरोध में कहा अगली तिथि पर आरोपी पर आरोप तय करने के लिए नियत है। लिहाजा उसकी उपस्थिति अनिवार्य है।
विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार के समय मंच से माफिया मुख्तार अंसारी के पुत्र जो स्वयं समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव पार्टी से उम्मीदवार रहा, वह खुलेआम धमकी दिया कि पहले होगा हिसाब-किताब और जब अपनी बारी आई तो बिल में समा गये…
प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व विधायक बाहुबली मुख्तार अंसारी को बांदा जेल से लखनऊ ले जाने की सूचना मिलने के बाद मुख्तार के घर पर देर रात से हलचल बढ़ गई। सुबह से ही समर्थक और रिश्तेदार भी दर्जी मुहल्ले स्थित पैतृक घर फाटक पर पहुंच गए। घर पर मौजूद पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी ने लोगों से मुलाकात की और लखनऊ के दो मामलों में पेशी की जानकारी दी। मुख्तार पर हो रही प्रशासनिक कार्रवाई पर भी लोगों ने चर्चा की। लोगों ने इसको कुछ अफसरों की मनमानी बताया।बैरहाल घर पर टीवी के जरिए सभी जानकारी लेते रहे।मुख्तार के बड़े भाई और पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी ने बताया कि सरकार एवं जेल प्रशासन के द्वारा परिजनों को मुख्तार के बारे में कोई सूचना नहीं दी गई है। रिश्तेदार एवं शुभचिंतकों को भी अचानक बांदा से लखनऊ मूवमेंट को लेकर परेशान हैं। रात से ही सैकड़ों फोन आ चुके हैं और हम सभी प्रशासनिक कार्रवाई से बेखबर हैं। आज माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के परिजन जिस तरह से डरने की बात कर रहे हैं, उससे पहले तो वह दूसरों को डराते रहे और तिल-तिल जीने के लिए मजबूर किया।
परिजनों का आरोप कि उन लोगों को टेलीविजन पर प्रसारित हो रही खबरों से ही सूचना मिलती रही कि मुख्तार अंसारी को अचानक बाँदा से लखनऊ ले जाया जा रहा है…
डीजीपी कार्यालय की ओर से गाजीपुर पुलिस और प्रशासन को मुख्तार की पेशी को लेकर रविवार रात ही अलर्ट दे दिया गया था। सुबह से ही पुलिस के अलावा खुफिया विभाग की टीमें सतर्क नजर आई। मुख्तार के घर के अंदर और बाहर के हर गतिविधियों पर नजर रखने के लिए टीम के सदस्यों ने आसपास की दुकानों को अपना डेरा जमा लिया था। सुबह से लेकर शाम तक टीम के सदस्य घर के बाहर ही रहे। पुलिस की परिजनों के अलावा कुछ खास करीबियों पर भी नजर रही। मुख्तार की पेशी के उनकी मौजूदगी, गैर मौजूदगी से लेकर हर हरकत पर नजर रखने की कोशिश जारी रही। फर्जी दस्तावेजों के सहारे लखनऊ के जियामऊ में सरकारी जमीन में अवैध कब्जा कर मकान बनाने के मामले में मुख्तार की जमानत अर्जी पर एमपी/ एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने संबंधित थाने से आपराधिक इतिहास तलब करते हुए दो अप्रैल को सुनवाई की तिथि तय की है। मुख्तार को पुलिस ने बांदा जेल से सुबह सात बजे एंबुलेंस से लेकर लखनऊ के लिए निकली। बांदा से निकलते समय मुख्तार की निगरानी में लगा वज्र वाहन खराब हो गया। पुलिस ने फौरन दूसरे वज्र वाहन की व्यवस्था की और मुख्तार को रवाना किया। पुलिस लाइन के आरआई ने कहा कि गाड़ी है खराब होती रहती है। इसमें चूक जैसी कोई बात नहीं है। मुख्तार को पुलिस के सख्त सुरक्षा घेरे में सोमवार की दोपहर एसीजेएम तृतीय की कोर्ट में पेश किया गया। मुख्तार के पहुंचने से पहले ही पुराने हाईकोर्ट गेट से परिसर में पूरा परिसर छावनी में बदल दिया गया था।