भ्रष्ट और लापरवाह अफसरों पर योगी का एक्शन जारी, भ्रष्टाचार के आरोप में औरेया के डीएम सुनील कुमार वर्मा को सीएम योगी ने किया निलंवित
सोनभद्र DM,गाजियाबाद SSP और अब औरैया के जिलाधिकारी को सस्पेंड कर सीएम योगी ने साफ सन्देश दे दिया है कि इस बार की स्थिति पहले जैसी नहीं रहेगी…
विजलेंस जांच कराये जाने के भी दिये गए निर्देश,कई आईएएस राडार पर…
- विधानसभा चुनाव के दौरान गोपनीय सूचनाएं लीक करने का भी लगा रहा है, आरोप
- 31 मार्च को खनन, निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार में सोनभद्र के जिलाधिकारी टी के शिबू को सीएम योगी ने किया था,सस्पेंड
- 4 अप्रैल को औरैया डीएम पर कार्रवाई करते हुए दूसरे डीएम को सीएम योगी ने कर दिया है,सस्पेंड
लखनऊ। यह सच है कि कुछ मख्खनबाज अफसरों की सांठगांठ राजनीतिक पार्टियों के आकाओं तक से होती है और अपनी राजनैतिक रसूख कायम करने के लिए नजदीकियां बढ़ाते हैं और यह भूल जाते हैं कि एक अफसर का किसी एक राजनैतिक पार्टी से गठजोड़ कितना खतरनाक होता है, शायद इस बात का अंदाजा उस अफसर को नहीं होता। इस बार उत्तर प्रदेश में पांच वर्ष का अनुभव लेकर पुनः मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ की आक्रामक बल्लेबाजी से पक्ष व विपक्ष सहित प्रदेश की नौकरशाही भी भौचक्की नजर आ रही है। इस बार यूपी के कई अफसर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राडार पर हैं।
4 अप्रैल, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औरैया के जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा को सस्पेंड कर दिया है। उनके खिलाफ विजलेंस जांच कराये जाने का भी निर्देश दिया गया है। जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगा है। इसके पीछे सच्चाई यह है कि जिलाधिकारी पद पर रहते हुए सुनील कुमार वर्मा ने अपनी जिम्मेदारी निभाने के बजाय राजनीतिक गठजोड़ साधने में अधिक रुचि रखते रहे। चर्चा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान सुनील कुमार वर्मा ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से संपर्क बना रखा था और उन्हें गोपनीय सूचनाएं लीक कर रहे थे, जो एक नौकरशाही की सेवा नियमावली के विपरीत है।
विधानसभा चुनाव की मतगणना के ठीक पहले समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने ट्वीट किया था कि मुख्यमंत्री कार्यालय से अधिकारियों को फोन जा रहा है कि जहां-जहां भाजपा उम्मीदवार कमजोर हैं, वहां की मतगणना धीमी गति से कराई जाये। इसके बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चौकन्ने हो गये थे। उन्होंने यह जानने की कोशिश शुरू कर दी थी कि यह सूचनाएं कौन लीक कर रहा है। इन सूचनाओं को लीक करने में एक नाम सुनील वर्मा का भी सामने आया था। इस तरह के कई और अफसर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राडार पर हैं जो अपना काम करने के बजाय राजनैतिक गठजोड़ बनाने में जुटे हैं। अभी उन अफसरों के भी पर कतरे जाने हैं जिन्होंने चुनाव में समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने की मुहिम में लगे हुए थे और मतगणना से पहले ही समाजवादी पार्टी की सरकार बना रहे थे और उसी दिशा में कार्य कर थे।