सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने नैतिक अधमता के दोषी तत्कालीन क्षेत्राधिकारी पट्टी, जनपद प्रतापगढ़ नवनीत नायक को सेवा से बर्खास्त करने का लिया है, निर्णय
चाकू चाहे सेब पर गिरे अथवा सेब चाकू पर गिरे,कटना तो सेब को ही पड़ता है, फेसबुक पर दोस्ती करने के बाद मध्य प्रदेश की महिला को सीओ नवनीत नायक ने पहले प्रेमजाल में फंसाया, दोनों के बीच कई बार स्थापित हुए शारीरिक संबंध…
प्रतापगढ़। बहुत हीला-हवाली के बाद दुराचार के मामले में पट्टी के पूर्व सीओ नवनीत नायक के खिलाफ दुराचार का केस दर्ज किया गया। एसपी एल आर कुमार के आदेश पर पट्टी कोतवाली में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज होने से पुलिस महकमें में इस बात की चर्चा होती रही कि पुलिस पर किसी भी प्रकार का आरोप यदि लगा तो उसमें आरोपी पुलिसकर्मी को नुकसान उठाना तय रहता है। महिला की शिकायत पर शासन ने पहले ही सीओ नवनीत नायक को सस्पेंड कर दिया था। पीड़ित युवती का आरोप है कि पट्टी तहसील में सीओ नवनीत नायक ने तैनाती के दौरान मध्यप्रदेश की युवती से लंबे समय तक दुष्कर्म किया था। शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करता रहा। दुष्कर्म का आरोपी सीओ नवनीत नायक वर्तमान में शाहजहांपुर में तैनात है। शादी से इन्कार के बाद युवती और सीओ में झगड़ा हो गया। पीड़ित महिला ने सीओ के खिलाफ शासन में शिकायत कर दिया, जिस पर सीओ के खिलाफ शासन स्तर से जाँच शुरू हो गई और सीओ पर शिकंजा कसा जाने लगा। एसपी ने युवती का बयान भी दर्ज करा दिया है।
योगी सरकार में प्रतापगढ़ जिले में 6 जुलाई, 2021 को पट्टी कोतवाली में उसी सर्किल के पूर्व डिप्टी एसपी नवनीत नायक के विरुद्ध फेसबुक फ्रेंड के साथ दुराचार किये जाने का मामला दर्ज किया गया। आरोप है कि मध्य प्रदेश की रहने वाली महिला को प्रेमजाल में फंसाकर नवनीत नायक ने उसका यौन शोषण किया था। पीड़िता का बयान लेने के बाद पुलिस ने उसे मेडिकल के लिए भेजा। जनपद के पट्टी सर्किल में बतौर सीओ तैनात रहे नवनीत नायक की करतूत से खाकी एक बार फिर कलंकित हुई है। ऐसे मामलों में अक्सर देखा गया है कि मामला रजामंदी का रहता है और जब रजामंदी में कोई अड़चन आती है तो वह दुराचार में कन्वर्ट हो जाता है। इस मामले में भी पीड़िता और सीओ के बीच जो सम्बन्ध स्थापित हुए वह एक-दूसरे के रजामंदी से हुए हैं। दोनों के रजामंदी के बगैर शारीरिक सम्बन्ध वह भी होटल में रुकर संभव नहीं हो सकता। सीओ नवनीत नायक की प्रतापगढ़ में जुलाई- 2019 में प्रतापगढ़ में तैनाती हुई थी। उन्हें पट्टी सर्किल का सीओ बनाया गया था। इससे करीब एक साल पहले मध्य प्रदेश की एक महिला से फेसबुक के जरिए उनकी दोस्ती हुई।
पीड़ित महिला आजमगढ़ जनपद में एक संस्था में काम करती है। उसका आरोप है कि प्रतापगढ़ में तैनाती के दौरान वह अक्सर आजमगढ़ से सीओ से मिलने पट्टी आती-जाती रही। वह शहर के एक होटल में रुकती थी। सीओ साहेब भी उसी होटल में आकर रुकते थे और दोनों एक साथ एक कमरे में रुक कर मौज मस्ती करते थे। अब महिला पीड़िता हो चुकी है और उसके मुताविक उसके साथ उसका यौन शोषण किया गया। यह बात कम समझ में आती है कि एक पीपीएस रैंक का अधिकारी जो सीओ पट्टी रहते किसी महिला मित्र को अपने चंगुल में फांसकर और उसे शादी का झांसा देकर उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाए। इस आरोप में भी कोई बल प्रतीत नहीं होता कि सीओ नवनीत नायक महिला द्वारा शादी की बात कहने पर गाली गलौज करते हुए ब्लैक मेलिंग के फर्जी केस में फंसाने की धमकी देकर उसे भगा दिया करते थे। इस प्रकरण में पीड़िता की बातों से ही ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इसमें सीओ साहेब को कहीं न कहीं फंसाया जा रहा है। दो वयस्क लोग एक होटल में रुके और उनके बीच सम्बन्ध बिना शादी के ही पति और पत्नी जैसा हो तो ऐसी दशा में सिर्फ पुरुष को दोषी मानना कत्तई उचित नहीं है। पीड़िता की शिकायत के बाद भी उस समय न तो पट्टी पुलिस ने कार्रवाई की और न ही जिले सहित रेंज और जोन के पुलिस अफसरों ने ही कोई कार्रवाई की। पीड़ित महिला थक हारकर अंत में मुख्यमंत्री से अपनी शिकायत की।
मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद इस मामले की जांच शुरू हुई थी। जांच में पाया गया कि पीड़ित महिला प्रतापगढ़ आती-जाती थी और सीओ पट्टी से मिले वह पट्टी भी जाती रही। जब यह तय हो गया कि पीड़ित महिला और सीओ नवनीत नायक के बीच सम्बन्ध रहे तो सर्वप्रथम वर्तमान में शाहजहांपुर में तैनात रहे सीओ नवनीत नायक को दो दिन पहले शासन द्वारा निलंबित कर दिया गया। अब उनके खिलाफ पट्टी कोतवाली में दुष्कर्म समेत अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज हुआ था। पीड़ित महिला का पुलिस ने मेडिकल कराया और बयान दर्ज किया था। अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि पीड़िता का न्यायालय में बयान दर्ज कराया गया था। कई मामले में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने यह निर्णय सुनाया है कि दो बयस्क लोग यदि आपस में सहमति के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाया हो तो सिर्फ पुरुष को ही दोषी मानना उचित न होगा। चूँकि आपस की रजामंदी से किया गया दोनों के बीच शारीरिक सम्बन्ध दुराचार की श्रेणी में नहीं आता है। फिर भी शिकायत के बाद मुकदमा तो लिखा जाना ही था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले ही चरण में दुष्कर्म के आरोपी नवनीत नायक को उनके पद से बर्खास्त करके साफ़ सन्देश दे दिया कि इस बार उनकी कार्य करने की विधा बदल चुकी है। आरोपी कोई भी हो, पर वह बख्शा नहीं जायेगा।
प्रतापगढ़ पुलिस लाइन के गेस्ट हाउस में भी सीओ ने बनाए थे,पीड़िता से संबंध
निलंबित सीओ नवनीत नायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला का पुलिस लाइन स्थित गेस्ट हाउस में भी आना-जाना था। उसकी तहरीर में जबरन शारीरिक संबंध बनाने का घटना स्थल ट्रांजिस्ट हास्टल पुलिस लाइन बताया गया है। जहां तबादले पर आने वाले सीओ समेत दूसरे अफसर रुकते हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार पीड़ित महिला का कोर्ट में बयान कराने के बाद पुलिस निलंबित सीओ नवनीत नायक को गिरफ्तार करने की कवायद शुरू करेगी। मामला पुलिस अफसर से जुड़ा होने के कारण विवेचक फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं। पीड़िता का बयान कोर्ट में होने के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई में तेजी लाएगी।
हनीट्रेप के शिकार तो नहीं हो गए डिप्टी एसपी…
मध्य प्रदेश पिछले कई सालों से हनीट्रैप गिरोह को लेकर चर्चा हैं। यहां महिलाओं का एक गिरोह है जो अफसरों को टारगेट कर पहले उससे नजदीकी बनाती हैं, फिर प्रेमजाल में फंसाकर वसूली करना शुरू कर देती हैं और उसका अंत रेप केस दर्ज कराये जाने से होता है। इस मामले में क्या है, यह तो डिप्टी एसपी नवनीत नायक ही जानें ! पर कहीं वह हनीट्रैप का शिकार तो नहीं हो गये। फिलहाल इस मामले में पुलिस हर पहलू पर पड़ताल की गई थी और गोपनीय रिपोर्ट शासबी को भेजी गई थी। आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्कालीन क्षेत्राधिकारी पट्टी नवनीत नायक को नैतिक अधमता का दोषी मानकर उन्हें पुलिस विभाग के डिप्टी एसपी पद से बर्खास्त कर दिया है। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से नौकरशाही में सनसनी मच गई और आशिक मिजाज किस्म के लोग सतर्क हो गए।