जिला मजिस्ट्रेट ने जियाउल मुस्तफा के शस्त्र लाइसेंस को किया निरस्त एवं 3 गुण्डांं का किया जिला बदर
जिलाधिकारी प्रतापगढ़ द्वारा थोक के भाव प्रतापगढ़ में बने हैं,शस्त्र लाइसेंस…
प्रतापगढ़। जनपद के शस्त्र लाइसेंसी जो आपराधिक क्रियाकलाप में लिप्त होने एवं शस्त्र अनुज्ञा-पत्र की शर्तो का उल्लंघन करने के दोषी पाये गये व्यक्ति थाना कुण्डा के ग्राम शेखपुर आशिक के जियाउल मुस्तफा पुत्र मो. हारून के शस्त्र लाइसेंस संख्या 233/2005 व 334/2009 को जिला मजिस्ट्रेट डा. नितिन बंसल ने निरस्त कर दिया है। सच बात तो यह है कि प्रतापगढ़ में थोक भाव में शस्त्र का लाइसेंस जारी किया गया है। प्रतापगढ़ के एक जिलाधिकारी तो शराब की बोतल पर सोमोटो शस्त्र लाइसेंस जारी किये हैं। कई शस्त्र लाइसेंस तो गलत पते पर बनाये गए हैं और कई शस्त्र लाइसेंस धारक अपना अपराध छिपाकर शस्त्र लाइसेंस बनवा लिए हैं।
इमानदारी के साथ यदि जाँच करके शस्त्र लाइसेंस निरस्त किया जाए तो कम से कम 500 शस्त्र लाइसेंस निरस्त हो सकते हैं। हाल ही में एक जिलाधिकारी का तवादला जब दूसरे जनपद में हो गया तो दूसरे जिले में चार्ज लेने के बाद भी एक मुंह लगा स्टाफ ने करोड़ों रुपये कमाकर लगभग 150 शस्त्र लाइसेंस बनवाया था। दुखद पहलू यही है कि किसी भी प्रकरण की निष्पक्ष जाँच हो ही नहीं पाती। इसके अलावा जनपद प्रतापगढ़ के जिन व्यक्तियों का आस-पास के क्षेत्रों में आतंक व भय व्याप्त है और उनके विरूद्ध कोई भी व्यक्ति कुछ बोलने अथवा साक्ष्य देने का साहस नहीं करता है। ऐसे 3 व्यक्तियों को जिला मजिस्ट्रेट डा नितिन बंसल ने गुण्डा नियंत्रण अधिनियम की धारा-3 (3) के तहत जनपद की सीमा से 6 माह के लिये निष्कासित कर दिया है। उन्होने थाना कुण्डा के ग्राम मौली के सरताज शाह उर्फ रैना पुत्र सलीम शाह व शहबान पुत्र अशफाक तथा थाना पट्टी अन्तर्गत ग्राम रमईपुर नेवादा के अवधेश वर्मा पुत्र भगवानदीन वर्मा को 6 माह के लिये जिला बदर किया है।