जिला उद्यान अधिकारी प्रतापगढ़ सीमा सिंह राणा के कार्यालय में उनके शिक्षक पति उमेश सिंह राणा का कारनामा…
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई माइक्रो इरिगेशन योजना वित्तीय वर्ष- 2021-2022 के तहत सीमा सिंह राणा जिला उद्यान अधिकारी प्रतापगढ़ और उनके शिक्षक पति उमेश सिंह राणा द्वारा फर्जी खतौनी लगाकर किया गया करोड़ों रूपये का घोटाला…
एक कहावत है कि सैय्या भये कोतवाल तो डर काहे का… परन्तु प्रतापगढ़ में जिला उद्यान विभाग में मामला जस्ट उल्टा है। जनपद प्रतापगढ़ के उद्यान विभाग में जिला उद्यान अधिकारी सीमा सिंह राणा के पति उमेश सिंह राणा प्रयागराज जनपद के विकास खंड प्रतापपुर, ग्राम वरेस्ता कला में शिक्षक के पद पर तैनात होने के बावजूद अपनी पत्नी के दफ्तर में हाकिम बने बैठे रहते हैं। सरकार की तनख्वाह लेने के बावजूद अपने कर्तब्यों का निर्वहन न करना घोर लापरवाही की श्रेणी में आता है। बच्चों को शिक्षा देने के बजाय प्रतापगढ़ में जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय में अलग से कुर्सी लगाकर DHO की धौंस देना और विभाग में जनता की सुख सुविधाओं में जमकर कमीशनखोरी का कार्य करना उमेश सिंह राणा की नीति और नियति बन चुकी है। स्वयं प्रयागराज में अध्यापक पद पर कार्यरत हैं और पत्नी सीमा सिंह राणा जनपद प्रतापगढ़ में जिला उद्यान अधिकारी के पद पर कार्यरत हों तो कमाई होगी ही,परन्तु प्रयागराज के पॉश इलाके में आलीशॉन बंगला बनवा लेना इमानदारी की कमाई से संभव नहीं है। चूँकि पॉश इलाके में घर बनाना आसान काम नहीं है। प्रयागराज के पॉश इलाके में आशियाना बनाने का मतलब अरबों रूपये का इन्वेस्टमेंट करना, तब कहीं जाकर प्रयागराज के पॉश इलाके में आशियाना बनाने के बारे में सोचना।
वैसे तो शिक्षक उमेश सिंह राणा बहुत सौम्य और सरल ब्यक्तित्व के हैं और नियम कानून के दायरे में रहकर कार्य करने की बात करते हैं, परन्तु स्वयं के मामले में वह स्वयं को अलग रखते हैं। प्रयागराज जनपद के विकासखंड प्रतापपुर, ग्राम वरिस्ता कला में शिक्षक के पद पर तैनात होने के बावजूद वह अपनी नैकरी न करके अपनी पत्नी सीमा सिंह राणा के दफ्तर में हाकिम बने बैठे रहते हैं। उसी प्रभाव में अपनी नौकरी नहीं करते। चार पहिया वाहन से प्रतापगढ़ से प्रयागराज आना-जाना भी किसी रसूख से कम नहीं है। जिला उद्यान विभाग में DHO के पति की हैसियत से घपला और घोटाला सहित ईंट भट्ठों से वसूली करना उमेश सिंह राणा की आदत बन चुकी है। ऐसा आरोप ईंट भट्ठा संचालक संतोष कुमार गुप्ता जिलाधिकारी आवास से लेकर PWD डाक बंगले तक चिल्ला-चिल्ला कर अवैध ईंट भट्ठा के संचालनके एवज में अवैध वसूली का आरोप लगाया था। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई माइक्रो इरिगेशन योजना वित्तीय वर्ष-2021-2022 के तहत सीमा सिंह राणा जिला उद्यान अधिकारी प्रतापगढ़ एवं शिक्षक पति उमेश सिंह राणा द्वारा फर्जी खतौनी लगाकर फील्ड में कार्यक्रम कराये बिना अपने चहेते दलालों के नामों की लाभार्थी कृषक सूची तैयार करके विगत तीन वर्षों में कराये गए कार्यक्रमों के नाम पर जिलाधिकारी प्रतापगढ़ के द्वारा नामित सत्यापन अधिकारी, उप कृषि निदेशक प्रतापगढ़ से सत्यापन कराये बिना माइक्रो इरिगेशन के काम करने वाली संस्था से मिलीभगत करके उक्त योजना की धनराशि लगभग 04 करोड़ का आहरण कर गबन कर लेने का भी आरोप है।
प्रतापगढ़ जनपद में जिला उद्यान विभाग का दफ्तर विकास भवन जाने वाली सड़क पर उप निदेशक कृषि कार्यालय के बगल से रास्ता जाता है जो काफी अंदर है। जिला उद्यान विभाग का जुड़ाव सीधे आम जनमानस से नहीं है। जिला उद्यान विभाग वही जाता है जिसका सीधे कार्य रहता है। जिला उद्यान अधिकारी प्रतापगढ़ के पद पर वर्तमान में सीमा सिंह राणा तैनात हैं। सबसे अहम और मजेदार बात यह है कि जिला उद्यान अधिकारी, प्रतापगढ़ सीमा सिंह राणा के पति उमेश सिंह राणा प्राथमिक विद्यालय वरेस्ता कला, विकास खंड प्रतापपुर जनपद प्रयागराज में अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। फिर भी वह अपनी ड्यूटी न करके प्रायः अपनी पत्नी के साथ उद्यान विभाग प्रतापगढ़ आते हैं और योजनाओं की धनराशि के घोटाले में अपनी पत्नी का योजनाबद्ध तरीके से साथ देते हैं। यदि माइक्रो इरिगेशन के वर्ष-2021-22 के विभिन्न कार्यक्रमों की लाभार्थी सूची के क्षेत्रफल, फील्ड में कराये गये कार्यक्रमों के क्षेत्रफल तथा लाभार्थी कृषक की उपलब्ध जमीन की उच्च स्तरीय जाँच कराई जाए तो उक्त योजना की हड़पी गई धनराशि रूपये 04 करोड़ का सच स्वयं साबित हो जाएगा। घोटाले का जिन्न निकल आएगा। आरोपों का स्थलीय निरीक्षण कराया जाए तो जिस किसान के नाम पर भुगतान करके धन का आहरण किया गया, उस किसान के पास जमीन नहीं है। सवाल उठता है कि जिलाधिकारी के नाक के नीचे इतना बड़ा खेल हो गया और हाकिम को भनक तक न लग सकी।