जिलाधिकारी ने शासन की विकास प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों व 50 लाख से अधिक लागत की परियोजनाओं एवं कार्यो तथा प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, सांसद निधि के कार्यो की समीक्षा की
जिलाधिकारी कार्यालय प्रतापगढ़ में जनसुनवाई के समय आए हुए शिकायतकर्ताओं की शिकायतों को गंभीरता पूर्वक सुनकर ज़िलाधिकारी डॉ नितिन बंसल ने त्वरित निस्तारण करने का सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिया, उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि अधीनस्थों द्वारा शिकायतों की जाँच कराए जाने पर स्वयं भी उसकी गुणवत्ता की रैंडम जाँच अवश्य करें तथा शिकायतकर्ता को निस्तारण की स्थिति से अवश्य सूचित करें…
प्रतापगढ़। जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल की अध्यक्षता में विकास भवन के सभागार में शासन की विकास प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों, 50 लाख रूपये से अधिक लागत की परियोजनाओं एवं कार्यो तथा प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, सांसद निधि के कार्यो के सम्बन्ध में समीक्षा की गयी जिसमें मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 अरविन्द कुमार श्रीवास्तव, परियोजना निदेशक डी0आर0डी0ए0 आर0सी0 शर्मा, जिला विकास अधिकारी ओम प्रकाश मिश्र, डीसी एनआरएलएम एन0एन0 मिश्रा, जिला सूचना अधिकारी विजय कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक सर्वदानन्द, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र सिंह, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी राजेश सिंह सहित सहित जिला स्तरीय अधिकारियों व कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
लघु सिंचाई विभाग की समीक्षा के दौरान निःशुल्क बोरिंग के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सिंचाई विभाग के कमाण्ड एरिया जहां पर नहरों से सिंचाई हेतु जल की उपलब्धता है ऐसे क्षेत्रों को छोड़कर ही बोरिंग की सुविधा उपलब्ध करायी जाये। उन्होने सहायक अभियन्ता लघु सिंचाई से निःशुल्क बोरिंग से जिन किसानों को लाभान्वित किया गया है उनमें से कितने पम्प को अभी तक ऊर्जीकरण कराया गया है, इस सम्बन्ध में सहायक अभियन्ता सन्तोषजनक जवाब न दे सके। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि निःशुल्क बोरिंग की सूची सत्यापन हेतु उपलब्ध करा दी जाये। जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी से अपेक्षा करते हुये कहा कि एक समिति गठित करें जिसके माध्यम से निःशुल्क बोरिंग के जनपद स्तर पर आवेदकों का अन्तिम रूप से मानक के अनुसार चयन किया जाये, समिति में बिजली एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों को भी नामित करें।
पंचायत विभाग की समीक्षा के दौरान जिला पंचायत राज अधिकारी रविशंकर द्विवेदी द्वारा बताया गया कि 1174 सामुदायिक शौचालय निर्मित है तथा 05 विवादित होने के कारण अनारम्भ है तथा 14 निर्माणाधीन है। जिलाधिकारी ने सामुदायिक शौचालयों का क्रास वेरीफिकेशन कराने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायत में कार्यरत सभी विभागों के कर्मचारियों का एक डेटा मोबाइल नम्बर सहित बनाये जाने हेतु जिला विकास अधिकारी को निर्देश दिया ताकि ग्राम स्तर पर होने वाली किसी समस्या/शिकायत का सत्यापन किया जा सके। जिला विकास अधिकारी द्वारा बताया गया कि जनपद में कुल 110800 हैण्डपम्प लगाये गये है, जिलाधिकारी ने हैण्डपम्पों के एक्सेल सीट पर डेटा तैयार करने का निर्देश दिया ताकि प्रतिवर्ष कराये जाने वाले रिबोर एवं मरम्मत कराये गये हैण्डपम्पों का सत्यापन किया जा सके। दर्जनों जिलाधिकारियों के लाख कोशिश के बाद भी प्रतापगढ़ में हैण्डपम्पों का आज तक सत्यापन नहीं कराया जा सका।
इसी तरह से नगर निकाय, प्रधानमंत्री आवास शहरी एवं ग्रामीण, प्रधानमंत्री सड़क योजना, खाद्य सुरक्षा, मत्स्य पालन, औद्यानिक मिशन, आंगनबाड़ी भवन का निर्माण, वृक्षारोपण, कायाकल्प योजना, कौशल विकास मिशन, श्रम विभाग, खादी ग्रामोद्योग आदि विभागों के कार्यो की समीक्षा की गयी। मनरेगा योजना की समीक्षा में डी0सी0 मनरेगा द्वारा बताया गया कि जनपद में 45 अमृत सरोवर पर कार्य शुरू हो गया है, प्रति क्षेत्र पंचायत से 3 अमृत सरोवर का निर्माण कराया जाना है, जिला पंचायत से 05 अमृत सरोवर बनाये जाने है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जिन क्षेत्र पंचायतों में अभी तक अमृत सरोवर का निर्माण प्रारम्भ नही किया गया है उन्हें शासनादेश की प्रति भेजते हुये अनुपालन करने का निर्देश निर्गत करें। जिलाधिकारी ने डीसी मनरेगा को निर्देशित किया कि राजस्व विभाग से अतिक्रमण मुक्त कराये गये चकरोड की सूची प्राप्त कर लें तथा मनरेगा योजना से उस पर मिट्टी डलवाकर सम्पर्क मार्ग बनवा दें ताकि भविष्य में अतिक्रमण जैसी समस्या दुबारा न उत्पन्न हो।
कृषि विभाग की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने उप निदेशक कृषि प्रसार डा0 रघुराज सिंह को निर्देशित किया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में ब्लाकवार सूची बनाकर उसका सत्यापन करायें, यह सुनिश्चित करें इस योजना का लाभ वास्तविक लाभार्थी को ही प्राप्त हो।समाज कल्याण विभाग की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत प्रतिभागियों का सत्यापन अवश्य करा लिया जाये। वृद्धावस्था, दिव्यांग पेंशन, निराश्रित महिला पेंशन के लाभार्थियों का आधार प्रमाणीकरण सन्तोषजनक न होने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की और सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया आधार प्रमाणीकरण के कार्य में तेजी लायी जाये। जिलाधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि जिन पेंशनधारकों का आधार प्रमाणीकरण नही होगा उन्हें पेंशन शासन स्तर से निर्गत नही की जायेगी, अतः अविलम्ब पेंशनधारकों का आधार प्रमाणीकरण कराया जाये। उन्होने मुख्य विकास अधिकारी से कल्याण सेक्टर की सभी योजनाओं की पृथक से बैठक कर समीक्षा करने का निर्देश दिया।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना की समीक्षा में बताया गया कि वर्ष- 2019-20 में 20 गांव का चयन किया गया था जिसमें से 01 गांव जैसांवा विकास खण्ड बिहार में कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शेष 19 गांव में नामित कार्यदायी संस्था यूपी सिडको द्वारा कार्य कराया जा रहा है। प्रथम किस्त में कराये गये कार्यो के सत्यापन हेतु 3 सदस्यीय समिति बनायी गयी थी। किन्तु अभी तक समिति द्वारा सत्यापन रिपोर्ट उपलब्ध नही करायी गयी है। जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुये सम्बन्धित अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने का निर्देश दिया। समाज कल्याण अधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्ष- 2020-21 में 34 गांवों का चयन किया गया है। जिसके सर्वे की कार्यवाही की जा रही है। जिलाधिकारी ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि चयनित आदर्श ग्राम में उनके विभाग द्वारा जो भी लाभार्थीपरक कार्य कराये गये है, उनकी सूची समाज कल्याण अधिकारी को अविलम्ब उपलब्ध करा दें।
जिलाधिकारी ने विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा करते हुये खेल स्टेडियम, गौशाला निर्माण, इंजीनियरिंग कालेज, पालीटेक्निक कालेज, नवीन नगर पंचायत भवन, विकास खण्ड सदर, सण्ड़वा चन्द्रिका, मंगरौरा, शिवगढ़ में आवासीय एवं अनावसीय भवनो के निर्माण, आई0टी0आई0 कालेज, ट्रांजिस्ट हास्टल, हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर, आंगनबाड़ी भवन, विद्युत केन्द्र, अग्निशमन केन्द्र आदि की समीक्षा करते हुये कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिया कि जिन परियोजनाओं पर 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है, उन्हें जून माह के अन्त तक पूर्ण कर सम्बन्धित विभाग को हस्तान्तरित कर दिया जाये ताकि उस परियोजना का जनोपयोग हो सके। सच बात तो यह है कि शासन की सारी योजनाएं सिर्फ कागज पर चल रही हैं। धरातल पर कुछ दिखता ही नहीं। सिर्फ ईटिंग, मीटिंग और सलाम पर टिकी है, सारी ब्यवस्था। जनपद में कार्यालय अध्यक्ष तो जिलाधिकारी की समीक्षा बैठक में मस्त हो जा रहे हैं। लाल फीताशाही सिर्फ लूट खसोट में ब्यस्त हैं। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी इन पर अंकुश लगा पाने में अक्षम हैं।
सांसद विकास निधि के अन्तर्गत चल रहे कार्यो की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने परियोजना निदेशक डीआरडीए को निर्देशित किया कि इस योजना के अन्तर्गत जिन कार्यदायी संस्थाओं को धनराशि निर्गत की गयी है उनके कार्यो का सत्यापन कराते हुये पूर्णतः रिपोर्ट प्राप्त कर ली जाये। उन्होने जनपद में लगाये गये हाईमास्ट का सत्यापन कराने का भी निर्देश दिया। बैठक में पीडब्लूडी के 03 प्रखण्डों में से किसी भी अधिशाषी अभियन्ता के बैठक में उपस्थित न रहने पर नाराजगी व्यक्त की, इसके पूर्व भी तहसील दिवस लालगंज एवं कुण्डा में भी अधिशाषी अभियन्ता उपस्थित नही रहे जिस पर जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी से अपेक्षा करते हुये कहा कि सम्बन्धित अधिशाषी अभियन्ता के विरूद्ध शासन को पत्र प्रेषित किया जाये। अन्त में जिलाधिकारी ने आईजीआरएस की समीक्षा करते हुये कहा कि जनपद में आईजीआरएस के माध्यम से प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की स्थिति सन्तोषजनक नही है।
उन्होने कहा कि जिन विभागों के विरूद्ध बार-बार आईजीआरएस पर शिकायते प्राप्त हो रही है और उनके निस्तारण के बाद फीडबैक असन्तोषजनक प्राप्त हो रहा है तो ऐसे अधिकारी स्वयं शिकायतों का स्थलीय सत्यापन कर शिकायतों का सन्तोषजनक समाधान करें, अन्यथा की स्थिति में उनके विरूद्ध शासन द्वारा कार्यवाही सुनिश्चित करायी जायेगी। अन्त में जिलाधिकारी ने समस्त सम्बन्धित जनपद स्तरीय अधिकारियों व कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया कि जनपद स्तरीय अधिकारी अपने विभाग द्वारा निर्माणाधीन परियोजनाओं/कार्य की प्रगति एवं गुणवत्ता का नियमित अनुश्रवण करना सुनिश्चित करें। निर्माणपरक कार्यो में गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाये। यदि किसी भी स्तर पर गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं पायी जाती है तो सम्बन्धित अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारित कर उनके विरूद्ध नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी। सभी परियोजनाओं का कार्य शासन द्वारा निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत गुणवत्ता सहित पूर्ण करने के निर्देश दिये गये।