दुल्हन रहे बीमार निरहुआ सटल रहने वाला दिनेश यादव आजमगढ़ के रास्ते दिल्ली हो गया, सेटल
लखनऊ। गांव की आवाज जाके दिल्ली में उठाएंगे, केहू जौन किया नाही कर के दिखाएंगे। लगभग 20 साल पहले जब सीडी कैसेट का बाजार नया-नया धूम मचा रहा था। उसी समय एक भोजपुरी गाना आया था। गाना था आ गइले नेता जी नाम से। इस पैराग्राफ की शुरुआती लाइन उसी गाने के बोल हैं। उस समय दुबले पतले दिखने वाले जिस लड़के ने ये गाना गाया था आज वो भोजपुरी फिल्म का सुपरस्टार है और जो लाइनें कभी रील लाइफ के लिए लिखी गई थी, आज उसने सच कर दिखाया हैं। हम बात कर रहे हैं, निरहुआ नाम से मशहूर दिनेश लाल यादव की जो आजमगढ़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव को पटखनी दी है।
निरहुआ ने सपा के गढ़ में खिलाया कमल…
आजमगढ़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव को नजदीकी मुकाबले में पटकनी दी है। आजमगढ़ में निरहुआ की जीत कई मायनों में खास है। ये सीट सिर्फ समाजवादी पार्टी की गढ़ ही नहीं रही है। यहां से मुलायम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव संसद जा चुके हैं। इस बार उपचुनाव अखिलेश यादव के इस सीट से इस्तीफा देने के बाद हुआ था। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से अखिलेश यादव ने भारी अंतर से जीत दर्ज की थी। उस समय अखिलेश यादव के सामने निरहुआ थे जो भारी अंतर से चुनाव हार गए थे।
सपा का गढ़ रही है,आजमगढ़ सीट…
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से चुनाव जीते। अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश विधानसभा में ही बने रहने का फैसला किया। आजमगढ़ लोकसभा सीट से अखिलेश यादव ने इस्तीफा दे दिया। अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद यहां उपचुनाव हुआ। अखिलेश यादव ने आजमगढ़ उपचुनाव में अपने परिवार के ही सदस्य धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा था, लेकिन तीन साल में ही हालात ऐसे बदले कि जो दिनेश लाल यादव यहां से चुनाव हारे थे, उसने ही समाजवादी पार्टी के मजबूत किले को ही ढहा दिया है। एक बात और ये वही आजमगढ़ है, जहां 2022 विधानसभा चुनाव में 10 की 10 सीटों पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज कर अपना दम दिखाया था।
भोजपुरी फिल्म का सुपरस्टार राजनीति में भी हिट…
आजमगढ़ से दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने अपनी राजनीतिक पारी का नया अध्याय भले शुरू किया है और आज सुर्खियों में है, लेकिन निरहुआ किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में निरहुआ का रुतबा सुपरस्टार का है। उत्तर प्रदेश बिहार और झारखंड में आज शायद ही कोई होगा जो निरहुआ को न जानता हो। गाना गाने के अपने सफर की शुरुआत करने वाले निरहुआ ने स्टेज के लिए अपना एक नाम चुना निरहुआ। इस नाम के साथ निरहुआ का ऐसा रिश्ता जुड़ा कि न फिर वे इससे अलग हो पाए और न ये नाम उनसे छूटा। आज निरहुआ ढेर सारे फैन तो ऐसे हैं जो उनका असली नाम जानते ही नहीं।
निरहुआ नाम के साथ है,गहरा रिश्ता…
आइए पहले निरहुआ नाम की कहानी समझ लेते हैं। आपको फिर से इस स्टोरी के शुरू में चलना होगा। लगभग 20 साल पहले सीडी वाले जमाने में।दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ का पहला एलबम आया था। एलबम का नाम था, निरहुआ सटल रहे। इसी एलबम में दिनेश यादव के कैरेक्टर का नाम था निरहू। गांव में बदलते समाज की स्थितियों को दिखाता हुआ ये एलबम जबर्दस्त हिट हुआ था। ये गाना बस, टेम्पो से लेकर ट्रैक्टर तक में बजने लगा था।
म्यूजिक से फिल्म इंडस्ट्री का रुख…
इसी हिट को भुनाते हुए दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने आगे भी अपनों गानों में निरहुआ नाम का इस्तेमाल किया। बाद में जब गाना गाने से भोजपुरी फिल्मों की दुनिया में कदम रखा तो वहां भी निरहुआ नाम बनाए रखा। ये वो दौर था जब भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में मनोज तिवारी, रवि किशन जैसे दिग्गज कलाकारों का सिक्का चल रहा था। इसी दौर में निरहुआ ने भोजपुरी फिल्म की दुनिया में कदम रखा। पहली फिल्म रिलीज हुई निरहुआ रिक्शा वाला।
पहली ही फिल्म ने गाड़ा सफलता का झंडा…
फिल्म निरहुआ रिक्शवाला ने सफलता के झंडे गाड़ दिए और इसके साथ ही दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ के नाम की गूंज भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में भी सुनाई देने लगी। इसके बाद तो निरहुआ ने फिल्मों की झड़ी लगा दी। निरहुआ ने आम जनमानस पर अपनी जबरदस्त छाप छोड़ी तो जनता ने भी खूब प्यार दिया।निरहुआ को जनता का प्यार मिल रहा था और निरहुआ लगातार जनता का मनोरंजन कर रहा था। निरहुआ ने कई फिल्मों के शीर्षक ही इस नाम से रखे। जैसे निरहुआ रिक्शावाला, निरहुआ हिंदुस्तानी, निरहुआ चला ससुराल, निरहुआ चला लंदन।
राजनीति में आते ही निरहुआ ने दिखा दिए तेवर…
साल 2019 के आम चुनाव के पहले दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। ये वो समय था जब भोजपुरी इंडस्ट्री में निरहुआ का जलवा चल रहा था और ऐसे समय में एक्टर कम ही राजनीति की तरफ जाते हैं, लेकिन निरहुआ नई भूमिका के लिए तैयार थे और अभी उनके सामने बड़ा चैलेंज आया जब भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के खिलाफ मैदान में उतार दिया।
दिल्ली चला निरहुआ रिक्शावाला…
अखिलेश यादव जैसे दिग्गज के सामने आजमगढ़ सीट से चुनाव में उतरना खुद पांव पर कुल्हाड़ी मारने जैसा था, लेकिन निरहुआ ने हिम्मत नही हारी और जमकर प्रचार किया। परिणाम भले ही बुरे रहे और भारी अंतर से हार चुके थे। निरहुआ आजमगढ़ सीट से भले हार गए लेकिन आजमगढ़ के लोगों से रिश्ता जो बना तो फिर आगे भी बरकरार रहा। निरहुआ हार के बाद भी आजमगढ़ आते रहे और लोगों से मिलते रहे। आज उपचुनाव के नतीजों के साथ ये साबित हो गया है कि निरहुआ चलल दिल्ली। वैसे निरहू चाहें तो इस पर फिल्म भी बना सकते हैं।