राष्ट्रपति चुनाव:विपक्षी एकता को लगा झटका,सपा गठबंधन के विधायकों की बैठक से सुभासपा ने किया किनारा
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के गठबंधन से सहयोगी दलों का याराना अब खत्म हो रहा है। उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा चुनाव के चुनावी रण में सपा के साथ गठबंधन कर छह सीटों पर जीत का झंडा गाड़ने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और सपा की दोस्ती में दरार गुरुवार को साफ-साफ दिखने लगी। राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए विपक्ष के साझेदारी वाले उम्मीदवार यशवंत सिन्हा गुरुवार को राजधानी लखनऊ में थे। यशवंत सिन्हा के समर्थन के लिए सपा ने अपने सहयोगी दलों के विधायकों को भी बुलाया था। इस बैठक में ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा के छः विधायक नदारद रहे।
विपक्ष के साझेदारी वाले राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के समर्थन में सपा कार्यालय में सपा मुखिया अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के साथ राष्ट्रीय लोकदल के आठ विधायक थे। सपा के 111 विधायकों में अधिकतर विधायक यशवंत सिन्हा के साथ बैठक में मौजूद रहे। इस बैठक से सुभासपा के छह विधायकों ने जबरदस्त किनारा पकड़ा यानी गायब रहे। लोकसभा के उप चुनाव में आजमगढ़ और रामपुर में जिस तरह सपा को पराजय मिली और उसकी परंपरागत सीट पर मुंह की खानी पड़ी और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पूरे चुनाव में कहीं नजर नहीं आये थे और सहयोगी दल के तौर पर जब सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तंज कसा तो वह आग बबूला हो गए और नसीहत देने से बाज आने की बात कहकर दो टूक में समझा दिया था। तब से सहयोगी दलों में आपसी खींचतान शुरू हुई जिसका स्वरूप बदलता जा रहा है। अब चर्चा जोरो पर है कि सुभासपा खेमे वाले छः विधायक एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन कर सकते हैं।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सपा गठबंधन के विधायकों की बैठक में सुभासपा खेमे के छह विधायकों का किनारा पकड़ने पर कई तरह के सवाल सिर उठा रहे हैं। सुभासपा के एक नेता ने कहा कि हमे बैठक की कोई खबर नही आई। इस बैठक में रालोद मुखिया जयंत चौधरी यशवंत सिन्हा और सपा मुखिया अखिलेश यादव मुख्य मंच पर विराजमान थे। सपा मुखिया अखिलेश यादव और सुभासपा मुखिया ओम प्रकाश राजभर की दोस्ती में बीते दिनों दरार काफी बढ़ गई है। सपा प्रत्याशियों के आजमगढ़ और रामपुर में लोकसभा का उप चुनाव में बुरी तरह से मिली पराजय के बाद ओम प्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव तो एसी में बैठकर राजनीति करने वाला नेता बताया था तो वहीं अखिलेश यादव ने ओम प्रकाश राजभर ऊपर तंज कसा था। इससे पहले महान दल के नेता केशव देव मौर्य ने भी अखिलेश यादव पर तंज कसा था तो सपा ने केशव देव मौर्य को तोहफे में दी गई गाड़ी वापस मंगा ली थी। अखिलेश यादव पर सहयोगी दल के नेताओं का कहना है कि अखिलेश यादव अभी राजनीति में परिपक्व नहीं है और घमंड उनमें कूट-कूट कर भरा हुआ है।