प्रतापगढ़ के तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक को विवेचक दौलत राम व नगर कोतवाल ने बरगलाया और खनन माफिया महेश मिश्र को गिरफ्तार करके उसका शांति भंग में कर दिया,चालान
कोतवाली नगर क्षेत्र में भाजपा नेत्री संगीता गुप्ता केस में आया नया मोड़, विवेचक दौलत राम ने ने जानलेवा हमले के आरोपियों में महेश मिश्र व विष्णु मिश्र को गिरफ्तार तो किया, परन्तु चालान शांति भंग के अंदेशा में किया, ताकि उन्हें कुछ ही देर में जमानत मिल सके…
पुलिस विभाग में एक अदद सही घटना का मुकदमा दराज कराना बहुत ही कठिन कार्य है। जबकि फेंक मुकदमा पैसे और प्रभाव के दम पर बिना देर किये ही दर्ज कर लिए जाता है। कोतवाली नगर प्रतापगढ़ में दिनांक-08/06/2022 को समय लगभग 3:30 बजे दिन में भाजपा नेत्री संगीता गुप्ता और उनके पति संतोष कुमार गुप्ता पर चिलबिला के आगे चमरौधा पुल से पहले खनन माफिया महेश मिश्र के साथ आधा दर्जन लोगों ने उनकी कार रोक लिया और उन पर जानलेवा हमला किया था और उनके पति के गले में सोने की चैन और मोबाइल को छीन लिया था। कार को बुरी तरह से तोड़ दिया गया था। संतोष गुप्ता को मेडिकल कालेज प्रतापगढ़ में भर्ती कर उनका ईलाज हुआ था और बहुत प्रयास के बाद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो सका था। मुकदमा तो लिख लिया गया,परन्तु आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उन्हें कोतवाली नगर की पुलिस और चिलबिला चौकी प्रभारी जो उक्त मुकदमें के विवेचक हैं, ने छूट दे दी। आरोपियों से कहा गया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए महेश मिश्र ने हाईकोर्ट खंडपीठ लखनऊ में रिट दाखिल की और स्थगनादेश लेने का प्रयास किया, परन्तु हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।
अब जानलेवा हमले और डकैती जैसे अपराध में वांछित आरोपियों के पास सिर्फ एक विकल्प बचा, वह विकल्प विवेचनाधिकारी दौलत राम यादव रहे। आरोपियों की डील विवेचनाधिकारी से हुई और वह वादिनी मुकदमा को अंधेरे में रखकर सात साल के ऊपर की सजा की दोनों धाराएं- 307 व 395 को हटा लिया गया, ताकि आरोपियों की गिरफ्तारी से मुक्ति मिल सके। परन्तु भाजपा नेत्री संगीता गुप्ता पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ सतपाल अंतिल से लगातार मिलकर अपने मुकदमें में कार्यवाई की मांग करती रही। कल दिनांक- 26/07/2022 को पुलिस अधीक्षक महोदय से मिलकर अपनी पीड़ा बताई और भावना में आकर पुलिस अधीक्षक के सामने ही रोने लगी। कप्तान साहेब ने विवेचक दौलत राम यादव को कर्रा किया और कहा कि आरोपियों की किसी भी दशा में गिरफ्तारी करो, नहीं तो कार्रवाई के लिए तैयार रहो। आनन-फानन में विवेचक दौलत राम यादव ने आज महेश मिश्र को गिरफ्तार किया और कल उसके सगे भाई विष्णु मिश्र को गिरफ्तार किया था। जानते हैं क्या हुआ दोनों की गिरफ्तारी में ? जानलेवा और डकैती के दोनों आरोपियों को शांति भंग के अंदेशे में धारा- 151 व 107/116 में कार्यवाही कर गिरफ्तारी वाली कागजी कार्यवाही पूरी कर दी गई।
मजेदार बात यह है कि साधना गुप्ता का मुकदमा जब लिखा गया तो संतोष गुप्ता बुरी तरह घायलावस्था में हॉस्पिटल में भर्ती होकर अपना ईलाज करवा रहे थे। पहले कोतवाली पुलिस मुकदमा लिखने से भाग रही थी, मुकदमा लिखा तो बाद में बताने लगी कि घटना स्थल थाना-अंतू में पड़ता है। यदि घटना स्थल थाना अंतू क्षेत्र अंतर्गत था तो मुकदमा दर्ज करने के बाद भी उसे अंतू में स्थानतरित किया जा सकता था, जो नहीं किया गया और आरोपियों कि पर्दे के पीछे से कोतवाली नगर की पुलिस मदद पहुँचाने लगी। बढ़ते दबाव के बीच विवेचक दौलत राम यादव ने बड़ी मेहनत के बाद मेडिकल रिपोर्ट, एक्सरे रिपोर्ट व डॉक्टर के बयान को आधार बनाते हुए अपराध संख्या- 0538/2022 धारा-147, 149, 323, 504, 506, 307, 395, 352, 427 में सात साल के ऊपर की सजा की दोनों धाराएं- 307 व 395 को हटा लिया। पूरे मामले में वादिनी मुकदमा व भाजपा नेत्री संगीता गुप्ता का आरोप है कि नगर कोतवाल सत्येन्द्र सिंह जब कंधई में थानाध्यक्ष के पद पर तैनात रहे तो उस दौरान खनन माफिया महेश मिश्र से उनकी नजदीकियां थी, क्योंकि बिना थाना के इंचार्ज को रिश्वत खिलाये खनन का कार्य हो ही नहीं सकता। इसलिए नगर कोतवाल सत्येन्द्र सिंह खनन माफिया जो जानलेवा हमले और डकैती करने जैसे गंभीर अपराध का आरोपी है, उसे वह अभी तक बचा रहे थे। चूँकि महेश मिश्र सबसे अधिक अवैध खनन कंधई थाना क्षेत्र में करता है।