जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश कुमार सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार और जालसाजी का मामला हुआ दर्ज
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विजिलेंस ने वाराणसी के वर्तमान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश कुमार सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया है। मामले में बलिया में बर्खास्त शिक्षक को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बहाल करने और निलंबन व बर्खास्तगी के दौरान वेतन दिलाने का आरोप है। बलिया में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की पद स्थापना के दौरान राकेश कुमार सिंह ने कार्यालय आशुलिपिक एवं नियुक्ति अधिकारी अखिलेश कुमार यादव के साथ न केवल बर्खास्त शिक्षक सुरेंद्र नाथ यादव को बहाल किया, बल्कि प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नत कर बर्खास्तगी अवधि का वेतन भी दे दिया।
बीएसए राकेश कुमार सिंह इतने मनबढ़ निकले कि बहाली से जुड़े दस्तावेज भी गायब कर दिए गए। इस बात की जानकारी जब बलिया के बैरिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह को हुई तो उन्होंने मार्च, 2018 में मुख्यमंत्री कार्यालय में इस सन्दर्भ में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद विजिलेंस ने मामले की जांच शुरू की। विजिलेंस की जाँच टीम को जांच में विधायक द्वारा लगाए गए आरोप सही पाये गए और सरकार से प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी। शासन से अनुमति मिलने के बाद विजिलेंस के वाराणसी सेक्टर थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है।
बता दें कि तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बलिया एवं वर्तमान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, वाराणसी राकेश सिंह द्वारा जिले में अपने कार्यावधि के दौरान राज्य परियोजना निदेशक सर्व शिक्षा अभियान उप्र, लखनऊ के 27 मार्च, 2015 का अनुपालन सुनिश्चित न कर सर्व शिक्षा अभियान परियोजना पैकेज से 1 अप्रैल, 2015 से जनवरी, 2017 तक नियम विरुद्ध वेतन आहरित व भुगतान प्राप्त करने सम्बन्धी अनियमितताओं के मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाये गए हैं। इस गंभीर अनियमितता के दोषी पाये जाने के कारण शासन ने तत्कालीन बीएसए राकेश सिंह के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही संस्थित करते हुये जांच बैठाई थी। पीएम मोदी और सीएम योगी उस कथन पर ये अधिकारी पलीता लगाते रहते हैं।