दलित छात्र की हत्या के बाद कांग्रेस विधायक ने दिया इस्तीफा, कहा-आज़ादी के 75 साल के बाद भी दलितों पर जारी है अत्याचार
जयपुर। राजस्थान के बारां जिले के अटरू विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक पानाचंद मेघवाल ने राज्य में दलितों पर अत्याचार के मामलों से नाराज होकर विधायकी छोड़ दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को त्यागपत्र भेज दिया है। जालोर के एक निजी स्कूल के शिक्षक द्वारा एक दलित छात्र की पिटाई से हुयी उसकी मौत के के दो दिन बाद सत्तारूढ़ दल के विधायक ने मुख्यमंत्री को यह त्यागपत्र दिया है। मेघवाल ने अपने त्यागपत्र में उल्लेख किया कि देश की आजादी को 75 साल हो गए हैं, लेकिन दलित और वंचित वर्गों पर अत्याचार जारी है।
कांग्रेस विधायक ने कहा, ‘‘मैं अत्याचारों को देखकर आहत हूं। जिस तरह से मेरे समुदाय पर अत्याचार हो रहा है, मैं अपने दर्द को शब्दों में बयां नहीं कर सकता।’’ उन्होंने कहा कि दलित और वंचितो को घड़े से पानी पीने, मूंछ रखने, बारात में घोड़ी पर सवार होने के नाम पर मारा जा रहा है। उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया ठप है और जांच की फाइलें एक टेबल से दूसरी टेबल पर भेजी जाती है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में दलितों के खिलाफ अत्याचार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसा लगता है कि भीमराव अंबेडकर द्वारा लिखित संविधान में दिये गए दलितों के अधिकारों की रक्षा करने वाला कोई नहीं है।