उमेश पाल हत्याकांड: माफिया अतीक अहमद के मकान के आसपास भी नहीं रहना चाहते लोग, घर छोड़कर कर जाने का रहे हैं पलायन
प्रयागराज के चर्चित उमेश पाल शूटआउट केस ने शहर के एक इलाके की पहचान पर बदनुमा दाग लगा दिया है। इस इलाके में पिछले डेढ़ महीने से हो रही गतिविधियों और आए दिन पुलिस की छापेमारी के चलते लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है। यहां किराए पर रहने वाले तमाम लोग अब घरों को छोड़ने लगे हैं। लोग अब इस इलाके को छोड़कर अब दूसरी जगह पर आशियाना खोजने लगे हैं। बात हो रही है शहर के उस चकिया इलाके की जिसकी पहचान गुजरात की साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के नाम से होती है। अतीक का पुश्तैनी मकान और दफ्तर इसी चकिया इलाके में है। पुश्तैनी मकान पर बुलडोजर चलने के बाद अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन बेटों के साथ इसी इलाके में रहती थीं। अतीक अहमद का ससुराल भी इस इलाके में है। अतीक अहमद के गैंग के ज्यादातर सदस्य और करीबी भी इसी इलाके में रहते हैं। उमेश पाल शूटआउट केस के बाद यहां दो जगहों पर बुलडोजर भी चल चुका है। पांच लाख रुपए का ईनामी गुड्डू मुस्लिम भी इसी इलाके का रहने वाला है। उमेश पाल शूटआउट केस के बाद इस इलाके में लगातार हलचल मची रहती है।
पुलिस और एसटीएफ की टीमें पूरे दिन हूटर बजाते हुए घूमती रहती हैं। दिन में कई जगहों पर छापेमारी की जाती है। इस इलाके से कई आरोपियों और संदिग्धों को पकड़ा गया है। ऐसे में यहां रहने वाले लोगों के मन में इस बात का डर रहता है कहीं वह भी किसी मुश्किल में ना फंस जाएं। इलाके का माहौल खराब होने से यहां किराए पर रहने वाले लोग अब घरों को खाली करने लगे हैं। उन्हें लगने लगा है कि अगर उन्हें पैसे खर्च कर किराए पर रहना है तो वह किसी सुकून और शांति की जगह पर रहें. उमेश पाल शूटआउट केस के बाद यहां बड़ी संख्या में लोगों ने अपने मकानों को छोड़ दिए हैं और दूसरी जगह पर शिफ्ट होने लगे हैं। कई जगहों पर तो घरों पर किराए पर जगह खाली होने का बोर्ड तक लग गया है। अतीक अहमद के पुश्तैनी घर के सामने के मकान पर भी किराए पर जगह खाली होने का बोर्ड लगा हुआ है। इस बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि अतीक और उसके गिरोह के चलते यह इलाका बदनाम हो चुका है। कोई भी बदनाम इलाके में नहीं रहना चाहता। इसी वजह से लोग इस इलाके से पलायन करने को मजबूर हैं।