दुर्दांत अपराधी गैंगेस्टर माफिया अतीक अहमद को लोकसभा में दी गई श्रद्धांजलि पर जानें स्पीकर ओम बिरला ने क्या कहा
नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत गुरुवार से हो गई। परंपरा के तहत पहले दिन लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने पूर्व सांसदों के निधन पर शोक व्यक्त किया। इस लिस्ट में दो मौजूदा और 11 पूर्व सांसद का नाम था। ओम बिरला ने उत्तर प्रदेश के माफिया से नेता बने अतीक अहमद को श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि देते हुए स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि अतीक अहमद उत्तर प्रदेश के फूलपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से 14वीं लोकसभा के सदस्य थे। साथ ही अतीक अहमद रेल संबंधी समिति के सदस्य रहे। इससे पहले वह उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य भी रहे। अतीक अहमद का निधन 15 अप्रैल, 2023 को 60 वर्ष की आयु में प्रयागराज में हुआ।
देश का लोकतंत्र ऐसा है यदि इस देश में भगोड़ा दाउद इब्राहिम, अबू सलेम, छोटा राजन भी चुनाव में प्रतिभाग करें तो इस देश की जनता उन्हें भी अपना भाग्य विधाता बना लेगी और उन्हें आतंकवादी से माननीय बनाकर उसके अपराध को क्षम्य कर देगी। एक बार आजमगढ़ में अबू सलेम को पुलिस संरक्षण में लाया गया था, उसे देखने के लिए इस कदर भीड़ एकत्र हुई थी कि प्रशासन के हाथ पाँव फूल आए थे। अबू सलेम अपार भीड़ देखकर जनता से कहा कि यदे वह चुनाव लड़ सके तो क्या आप सब उसे चुनाव में जीत दिलाओगे ? जानते हो जनता ने हुंकार भरते हुए उसे चुनाव में जीत दिलाने का दम्भ भरी थी। यदि ऐसी ब्यवस्था बने तो ऐसे में सारे घोषित आतंकवादी भी चुनाव लड़कर सांसद बन जायेंगे और एक दिन उन्हें भी श्रद्धांजलि देना पड़ेगा…
इसके बाद ओम बिरला ने मौजूदा सांसद रतन लाल कटारिया और बालूभाऊ उर्फ सुरेश नारायण धानोरकर को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, रणजीत सिंह, सुजान सिंह बुंदेला, संदीपन थोराट, विश्वनाथ कनिथि, त्रिलोचन कानूनगो, इलियास आजमी, अनादि चरण दास, निहाल सिंह और राज करण सिंह को भी श्रद्धांजलि दी गई। सभी श्रद्धांजलियां पढ़ने के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने उनकी मौतों पर दुख व्यक्त किया। उनके परिवारों के प्रति सदन की ओर से संवेदना जाहिर किया। इसके बाद लोकसभा में मौजूद सभी सदस्य खड़े हो गए और कुछ पल का मौन रखा।
प्रयागराज के अधिवक्ता उमेश पाल की फ़िल्मी स्टाइल में हत्या से समूचा देश हतप्रभ हो गया था, माफिया अतीक अहमद और शार्प शूटर अशरफ की मौत के बाद पाकिस्तान से उनके सम्बन्ध का खुलासा हुआ था, असलहे की तस्करी तक के आरोप लगे। एक तरह से अपराध का पर्याय बन चुके माफिया अतीक अहमद को आतंकवादी कहना गलत न होगा, फिर एक देशद्रोही को संसद के अंदर उसकी श्रद्धांजलि देना मोदी की सरकार पर सवाल खड़ा करता है। जब देश में UPA की सरकार थी और देश के पीएम डॉ मनमोहन सिंह थे, तब हाफिज सईद को कांग्रेस के नेताओं द्वारा जी कहकर बुलाने पर यही भाजपाईयों ने विधवा विलाप कर बहुत शोर मचाया था, पर बारी जब अपनी आई तो सारे भाजपाईयों को साँप सूँघ गया और हाफिज सईद से भी खतरनाक माफिया अतीक अहमद की संसद भवन में श्रद्धांजलि दी गई…
बता दें कि देश को झकझोर देने वाला प्रयागराज का अधिवक्ता उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद और उसका भाई माफिया अशरफ को पुलिस 15 अप्रैल को मेडिकल जांच के लिए प्रयागराज जिला अस्पताल लेकर जा रही थी। तभी खुद को पत्रकार बताने वाले तीन लोगों ने माफिया अतीक और अशरफ पर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इससे पहले 13 अप्रैल को अतीक के बेटे असद अहमद को एसटीएफ ने झांसी में एनकाउंटर में मार गिराया था। अतीक के खिलाफ हत्या, अपहरण और जबरन वसूली सहित 90 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे। अतीक पर साल 2018 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में एक प्रोफेसर से मारपीट का भी आरोप लगा था। उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि बिहार सहित पंजाब में भी माफिया अतीक अहमद का आतंक रहता था। अपने आतंक के बल पर माफिया से विधायक और विधायक से सांसद बनने का सफर अतीक अहमद ने तय किया था।