नामांकन से एक दिन पहले कांग्रेस के गढ़ रायबरेली से राहुल तो अमेठी से केएल शर्मा को प्रत्याशी घोषित कर संस्पेंस पर लगा विराम
नई दिल्ली। आख़िरकार नामांकन के अंतिम दिन कांग्रेस ने सस्पेंस खत्म करते हुए रायबरेली की सीट पर कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी को चुनावी मैदान में उतरने के लिए राजी कर लिया और अमेठी से सोनिया गांधी के ख़ास सलाहकार किशोरी लाल (केएल शर्मा) के नाम पर मुहर लगाकर कई दिनों से चल रही उठापटक पर विराम लगा दिया।
यूपी की 80 सीटों में सिर्फ 17 सीटों पर कांग्रेस लड़ रही चुनाव, फिर भी नहीं आ रही शर्म…
कांग्रेस पार्टी ने सत्ता परिवर्तन की बात भले ही डंके की चोट पर कह रही हो, परन्तु उसकी कार्य प्रणाली और निर्णय लेने की क्षमता मानों उसे पंगु बना दिया है। ताज्जुब की बात यह है कि जो कांग्रेस पूरे देश में कई दशक शासन किया हो, उस कांग्रेस को क्षेत्रीय पार्टियों का आज पिछलग्गू बनना पड़ रहा है। इससे अधिक शर्म की और क्या बात हो सकती है ? यूपी में कांग्रेस की स्थिति तो नब्बे के बाद तो सुधरी ही नहीं, बल्कि और बिगड़ती गई।
कहते हैं कि दिल्ली दरबार का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है और पूरे देश में सबसे अधिक जनसख्या और लोकसभा सीटें यूपी में हैं। नेहरु से लेकर इंदिरा और संजय गांधी से लेकर राजीव गांधी और अब राहुल गांधी और उनकी माँ सहित बहन प्रियंका भी यूपी के रायबरेली और अमेठी को अपना घर और गढ़ दोनों मानते हैं। एक बार अमेठी से राहुल गांधी क्या चुनाव हार गए, उनकी तो पतलून ही ढीली हो गई और वह अमेठी से चुनाव लड़ने के लिए किसी भी कीमत पर तैयार ही नहीं हुए। किसी तरह माने भी तो रायबरेली संसदीय सीट जो साल-2004 से सोनिया गांधी इस सीट से सांसद निर्वाचित होती रही। मोदी लहर और सुनामी में भी रायबरेली की जनता कांग्रेस का हाथ नहीं छोड़ा।
अमेठी संसदीय सीट पर मोदी की सुनामी के दौरान अमेठी की जनता राहुल गांधी को अपने सिर पर बैठाये रखा, परन्तु इनका ब्यवहार अमेठी की जनता को रास नहीं आया और राहुल गांधी ने अमेठी की जनता पर अविश्वास जताते हुए केरल के वायनाड स्संस्दीय सीट से लोकसभा चुनाव- 2019 लड़ा और अमेठी की जनता ने राहुल को अमेठी से पटखनी देते हुए भाजपा की उम्मीदवार स्मृति इरानी को अपना सांसद चुन लिया। उत्तर की तरह दक्षिण में कांग्रेस मजबूत रही, परन्तु उत्तर की तरफ कांग्रेस के कुकर्मों ने उसे क्षेत्रीय दलों से भी बौना बना दिया। पूरे उत्तर प्रदेश में 80 संसदीय सीटों में सिर्फ एक सीट रायबरेली की बची, बाकी सब कांग्रेस ने गवां दिए।
पांचवे चरण का आज नामांकन का अंतिम दिन है। कई दिनिं से मान मनौवल के बाद कांग्रेस के युवराज अपनी माता सोनिया गांधी की सुरक्षित सीट रायबरेली से नामांकन करने के लिए राजी हुए। राहुल गांधी केरल के वायनाड से पहले चरण में नामांकन कर दिए थे और वहाँ चुनाव भी 19 अप्रेल को हो चुके हैं। राहुल नहीं चाहते हैं कि अमेठी से वह चुनाव फिर लड़े। दोनों स्थिति में राहुल गांधी को नुकसान होगा। यदि राहुल अमेठी से चुनाव लड़ते और चुनाव जीत जाते तो दो सीट में से एक सीट पर उन्हें त्याग पत्र देना पड़ता।
अमेठी जीतने के बाद अमेठी की सीट छोड़ते तो दिक्कत और अमेठी रखकर वायनाड छोड़ते तो भी दिक्कत। क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद केरल में विधान सभा चुनाव होने हैं। राहुल गांधी के वायनाड छोड़ने से केरल के विधानसभा चुनाव पर बुरा प्रभाव पड़ता, क्योंकि स्मृति इरानी केरल के वायनाड वासियों से अपील कर चुकी हैं कि राहुल गांधी एक दिन वायनाड से भी भाग जायेगा। नामांकन के अंतिम दिन यानि आज 3 मई, 2024 की सुबह रायबरेली और अमेठी संसदीय सीट से अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणु गोपाल ने जारी पत्र में रायबरेली से राहुल गांधी और अमेठी से किशोरी लाल शर्मा को प्रत्याशी घोषित किया है। 3मई को नामांकन का आखिरी दिन है। नामांकन की तैयारी यहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पहले से ही कर लिया था। जिला प्रशासन से रायबरेली और अमेठी में रोड शो निकाले जान की अनुमति ली गई है। जिला प्रशासन ने रोड शो के लिए 150 गाड़ियों और 1500 लोगों के शामिल होने की अनुमति प्रदान की है। रायबरेली में नामांकन के लिए राहुल गांधी कुछ ही घंटे में पहुंचेंगे, जबकि रायबरेली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की साथ बैठक कर रहे, किशोरी लाल शर्मा अमेठी के लिए रवाना हो गए हैं।