गाजीपुर में उधारी के डीजल पर दौड़ रही हैं प्रशासन की गाड़ियां,एक करोड़ से ऊपर पहुंचा तेल का बकाया
गाजीपुर। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में जिलाधिकारी से लेकर तहसील स्तर तक के अधिकारियों की गाड़ियां पिछले कई महीनों से उधार के डीजल पर दौड़ लगा रहीं हैं। जिलाधिकारी कार्यालय के साथ ही तहसील तक में चलने वाली गाड़ियों पर लगभग एक करोड़ से अधिक पेट्रोल और डीजल का बकाया हो गया है। इतनी भारी उधारी को लेकर अब गाज़ीपुर पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन जिला प्रशासन से दो-दो हाथ करने के मूड में है।
इसको लेकर गाजीपुर पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन का कहना है कि अगर नवंबर महीने तक उनके पैसे का भुगतान नहीं किया गया तो 1 दिसंबर से जिला प्रशासन को पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति करना बंद कर देंगे और इसके बाद प्रशासन की गाड़ियों का चक्का जाम हो सकता है।
गाजीपुर पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ मार्कंडेय सिंह ने बताया कि विधानसभा चुनाव के साथ ही पिछले 6 महीने से ऊपर से पेट्रोलियम डीलर के द्वारा लगातार पेट्रोल और डीजल की सप्लाई दी जा रही है, जो प्रत्येक तहसीलों में प्रतिमाह लगभग 80 से 90 हजार रुपए तक का जाता है,लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा उनके पैसे का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
मार्कंडेय सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन उधारी पर तेल भराए जा रहा है,जबकि पेट्रोलियम कंपनियों के द्वारा नगद भुगतान करने के बाद ही पेट्रोल और डीजल की उन्हें सप्लाई दी जाती है ,जिसके चलते इन लोगों को करोड़ों का बकाया हो जाने के चलते बैंकों से लोन लेने को मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसे में अन्य लोगों ने एक दिन पूर्व एक बैठक कर अब जिला प्रशासन से उनके करोड़ों का भुगतान नहीं होने पर दो-दो हाथ करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने बताया कि एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि यदि इन लोगों को नवंबर माह के अंत तक इनका भुगतान नहीं होता है तो यह लोग 1 दिसंबर से पेट्रोलियम की आपूर्ति जिला प्रशासन को देना बंद कर देंगे। उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग पर भी बकाया है,लेकिन पुलिस विभाग के द्वारा समय-समय पर उनका भुगतान कर दिया जाता है।
मार्कंडेय सिंह ने बताया कि इन्हीं सब बातों के लिए आज एक बार फिर पेट्रोलियम संगठन के लोगों ने अपर जिला अधिकारी फाइनेंस के कार्यालय पहुंचकर अपने निर्णय के संबंध में उन्हें अवगत कराना चाहा, लेकिन अपर जिला अधिकारी फाइनेंस अरुण कुमार सिंह कोर्ट में बैठे होने के चलते इन लोगों से मुलाकात नहीं कर पाए।