उमेश पाल हत्याकांड के बाद केंद्रीय कारागार में मुलाकात को लेकर लगाए गये सख्त नियम
प्रयागराज उमेश पाल हत्याकांड के बाद अब केंद्रीय कारागार में मेल-मुलाकात को लेकर नियम सख्त कर दिए गए हैं। माफिया अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी गिरोह के सदस्यों से कोई भी अकेले में मुलाकात नहीं कर सकेगा। ऐसे कुख्यात अपराधियों से मुलाकात के दौरान एलआईयू मौजूद रहेगी। नैनी केंद्रीय कारागार में अतीक अहमद का पांच लाख का इनामी बेटा अली बंद है। इसके अलावा अतीक गैंग के कुल सात सदस्यों को सूचीबद्ध किया गया है। साथ ही पश्चिम उत्तर प्रदेश से प्रशासनिक आधार पर यहां भेजे गए चार बड़े अपराधी भी इस सूची में शामिल किए गए हैं। फिलहाल जेल प्रशासन ने दो दर्जन कुख्यात अपराधियों की लिस्ट बनाई है। इसमें मुख्तार गैंग के भी गुर्गे शामिल हैं। यह लिस्ट जेल मुख्यालय व जिला पुलिस को भेजी जाएगी। इस लिस्ट में शामिल अपराधियों की मुलाकात अकेले में नहीं होगी। इनसे किसी के मिलने आने पर जेल प्रशासन एलआईयू को इसकी जानकारी देेगा। उमेश पाल हत्याकांड के बाद नैनी जेल प्रशासन माफिया अतीक अहमद व माफिया मुख्तार अंसारी के गैंग सदस्यों पर पैनी निगाह बनाए हुए हैं।
उनकी मुलाकात व गतिविधियों पर शासन स्तर पर नजर रखी जा रही है। इसी क्रम में जेल प्रशासन जेल में बंद कुख्यात अपराधियों की एक लिस्ट तैयार की जा रही है। इसमें अतीक व मुख्तार गैंग से जुड़े कई अपराधियों के नाम है। इस लिस्ट में जो नाम शामिल किए जाएंगे, उनकी मुलाकात जेल प्रशासन एलआईयू की मौजूदगी में कराएगा। अभी तक कश्मीरी, उग्रवादी, बांग्लादेशी बंदियों की ही मुलाकात एलआईयू की मौजूदगी में होती थी। उनकी मुलाकात के साथ बातचीत की पूरी जानकारी एलआईयू जिला पुलिस व जेल प्रशासन को दिया करता था। वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशि कांत सिंह ने बताया कि जेल प्रशासन कुख्यात अपराधियों की लिस्ट तैयार कर रहा है। अभी तक 21 बंदियों को इस लिस्ट के लिए चिह्नित किया गया है। इनकी लिस्ट बनाकर जेल मुख्यालय व जिला पुलिस को भेजी जाएगी।
लिस्ट में शामिल बंदियों की मुलाकात एलआईयू की मौजूदगी में कराई जाएगी। माफिया अतीक अहमद का बेटा अली अहमद उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही काफी बेचैन है। 30 बंदियों की क्षमता वाली बैरक में अकेले बंद अली अब काफी गुमसुम रहने लगा है। उस पर निगरानी के लिए चार लंबरदार के साथ दो बंदी रक्षक व एक बॉडी वार्न कैमरे से लैस सिपाही की बैरक में ड्यूटी लगाई गई है। लेकिन, उसकी बेचैनी इतनी बढ़ गई है कि वह दिन भर अपनी बैरक में टहल कर समय काटता है। अन्य बंदियों से अलग होने के कारण वह बंदी रक्षकों से ही अपने परिवार के सदस्यों और सहयोगियों पर हो रही कार्रवाई की जानकारी ले रहा है। वहीं, जेल प्रशासन उस पर 24 घंटे निगाह बनाए हुए है। साथ ही जेल अधिकारी जेल खुलने व जेल बंद होने के समय अली के बैरक की नियमित तलाशी ले रहे हैं। पुलिस द्वारा कार्रवाई जारी रहेगी।