सरकारी भवनों को गोबर से पेंट करने को लेकर अखिलेश ने कसा तंज,कहा-गोबरनामा भाजपा सरकार का नया कारनामा,भाजपा ने कहा- गोवंश विरोधी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निराश्रित गोवंश संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अधिकारियों को लेकर निर्देश दिए कि गोबर से निर्मित प्राकृतिक पेंट का प्रयोग सरकारी भवनों में भी किया जाए।अब इसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री समाजवादी पार्टा के मुखिया अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए इसे गोबरनामा करार दिया।
अखिलेश यादव ने एक्स पर एक खबर की फोटो साझा करते हुए लिखा कि गोबरनामा,भाजपा सरकार का नया करानामा। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार, बेईमानी और लूट चरम पर है,हर विभाग में भ्रष्टाचार और लूट चल रही है,किसानों की फसलों के खरीद में भारी भ्रष्टाचार चल रहा है,धान खरीद में भ्रष्टाचार का कागजों में रिकार्ड है, विधानसभा से लेकर कई प्लेटफार्म पर शिकायत हुई,लेकिन लूट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है।
बता दें कि बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग की अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान सीएम ने कहा कि गोबर से निर्मित प्राकृतिक पेंट का प्रयोग सरकारी भवनों में भी किया जाए तथा इन पेंट संयंत्र की संख्या बढ़ाई जाए।पशुपालन और दुग्ध विकास प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार है। यह क्षेत्र केवल दुग्ध उत्पादन तक सीमित नहीं, बल्कि इसमें आजीविका, पोषण सुरक्षा और महिला सशक्तीकरण की भी व्यापक संभावनाएं हैं।
सीएम योगी ने कहा कि तकनीक,निवेश और नवाचार को बढ़ावा देते हुए इस क्षेत्र को और सशक्त किया जाना चाहिए। वर्तमान में प्रदेश के 7,693 गो आश्रय स्थलों में 11.49 लाख गोवंश संरक्षित हैं,जिनकी निगरानी सीसीटीवी से की जा रही है और नियमित अंतराल पर निरीक्षण भी किया जा रहा है। सीएम ने निर्देश दिए कि इन आश्रय स्थलों में देखभाल के लिए कर्मचारी की तैनाती, उन्हें समय से वेतन भुगतान, भूसा बैंक की स्थापना, पानी, हरे चारे और चोकर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
सपा मुखिया अखिलेश यादव के बयान पर हमलावर हुए भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि अपने आप को यदुवंशी क्लेम करने वाले अखिलेश यादव ऑस्ट्रेलिया क्या पढ़ने गए,उनके ऊपर विदेशी संस्कारों का प्रभाव पड़ गया है। आज उनको गाय, गोबर और गोवंश से नफरत हो गई है।
राकेश त्रिपाठी ने कहा कि अखिलेश यादव इस सत्य को नकारने का प्रयास कर रहे हैं कि कैसे भारतीय वैज्ञानिकों ने गोबर मिलाकर पेंट बनाने का प्रयास किया है। अखिलेश यादव इस अभिनव और नूतन प्रयास को नकारने का प्रयास कर रहे हैं। त्रिपाठी ने कहा कि बल्कि उन्हें लोगों से आव्हान करना चाहिए था कि गाय के गोबर का इस्तेमाल अलग-अलग चीजों में ज्यादा से ज्यादा कैसे किया जा सकता है।क्या आपको लगता है कि गोबर से बने पेंट का इस्तेमाल भारतीय संस्कृति का एक हिस्सा है।हालांकि आज जब पेंट गोबर से बन रहा है और ये वैज्ञानिक प्रमाणित है, बाजार में भी उपलब्ध है,लेकिन इसके बावजूद उसे नकार कर जानबूझकर सनातन संस्कृति पर प्रहार करने का प्रयास कर रहे हैं।क्योंकि ये अखिलेश यादव की मजहबी तुष्टीकरण की राजनीति को सुहाता है।