हिंदू धर्म का मर्म भूल चुके हैं अखिलेश यादव, मूर्तियों पर दिए बयान पर डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य का ट्वीट
लखनऊ। काशी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में कृष्ण जन्म भूमि केस को लेकर जारी विवाद के बीच मूतिर्यों को लेकर दिए गए बयान पर समाजवादी पार्टी के मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चारो तरफ घिर गए हैं। अखिलेश यादव ने कल मंगलवार को रामनगरी अयोध्या में बयान दिया था कि कहीं भी पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रख दो, लाल झंडा रख दो, मंदिर बन गया। इस बयान पर हिंदू संगठनों के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी ने कड़ी आपत्ति जताई है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी इस बयान को लेकर अखिलेश यादव पर करारा हमला बोला है।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा कि कथित तुष्टीकारण की राजनीति में सराबोर अखिलेश यादव जी सनातन हिंदू धर्म का मर्म भूल चुके हैं। इसलिए हिंदू धर्म के प्रति उनकी अनास्था कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि अखिलेश यादव ने विवादित बातें कह कर हिंदू आस्था का मखौल उड़ाया है। पूनावाला ने कहा कि यह वही अखिलेश यादव हैं, जिनकी राजनीति निर्दोष राम भक्तों पर गोलियां चलवाने वाली पार्टी पर आधारित है। अखिलेश ने हिंदू साधु संतों को चिलमची भी कहा था। भाजपा नेता ने कहा कि अखिलेश की विचारधारा कांग्रेस से मेल खाती है, जिसने भगवान राम का अस्तित्व मानने से ही इंकार कर दिया था।
बताते चलें कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कल मंगलवार रामनगरी अयोध्या में हिंदू देवी-देवताओं को लेकर बयान दिया था। ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर साल 1991 में संसद द्वारा पारित कानून का हवाला देते और सर्वे रिपोर्ट लीक होने पर सवाल उठाते हुए अखिलेश यादव ने कहा था कि हमारे हिंदू धर्म में कहीं भी पत्थर रख दो, एक लाल झंडा रख दो, पीपल के पेड़ के नीचे और मंदिर बन गया। अखिलेश यादव ने ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे को लेकर कहा कि एक समय ऐसा था कि रात के अंधेरे में मूर्तियां रख दी गई थी। भाजपा कुछ भी कर सकती है और कुछ भी करा सकती है। अखिलेश यादव ने आगे कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद कोर्ट का मामला है। सबसे बड़ी बात है कि जिसकी जिम्मेदारी थी सर्वे करने की, आखिरकार वह रिपोर्ट बाहर कैसे आ गई।