अखिलेश यादव की बढ़ी बेचैनी:एनडीए में जयंत की वापसी की कयास के बीच बोले अखिलेश यादव,पढ़े लिखे हैं,किसानों की लड़ाई कमजोर नहीं होने देंगे
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल से नजदीकी बढ़ाने और गठबंधन की अटकलों के बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की बेचैनी बढ़ गई है।अखिलेश यादव ने इन चर्चाओं को लेकर पहली बार प्रतिक्रिया दी है।अखिलेश ने कहा कि जयंत पढ़े लिखे हैं, किसानों की राजनीति करते हैं। वो राजनीति को समझते हैं और मुझे उम्मीद है कि वो किसानों की लड़ाई को कमजोर नहीं होने देंगे।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में अमेठी से शामिल होने पर कहा कि क्योंकि अमेठी लखनऊ से नजदीक है इसीलिए मैं यहां से शामिल होऊंगा। मैंने इसका पक्ष पहले भी भेज दिया है।जबकि अयोध्या दर्शन पर अखिलेश ने कहा कि जब भगवान राम का बुलावा आएगा तो हम परिवार समेत प्रभु राम के दर्शन करने जाएंगे।ये बात मैं पहले भी बोल चुका हूं।
डिंपल यादव ने कहा कि जयंत जी के साथ टिकट की भी घोषणाएं की जा चुकी हैं और ये फेसबुक, ट्विटर पर भी तस्वीरें पोस्ट की गई थीं।मेरा मानना है कि जो जैसे तालमेल बैठा हुआ था अगर तालमेल बिगड़ा है तो इसकी बहुत बड़ी वजह हो सकती है। उन्होंने कहा कि जिस तरह भाजपा सरकार किसानों के विरुद्ध काम कर रही है, बजट में किसी भी प्रकार की एमएसपी का जिक्र नहीं है, भाजपा के द्वारा हमारी पहलवान बहनों का अपमान हुआ है, मैं नहीं मानती की आरएलडी के नेता जयंत चौधरी इस तरह का कोई कदम उठाएंगे, जिससे किसानों को नुकसान पहुंचे।
सपा नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव ने कहा कि आरएलडी की गठबंधन की फर्जी अफवाह बीजेपी चला रही है।इसमें कोई सच्चाई नहीं है। आरएलडी हमारे साथ है और आगे चुनाव में भी हमारे साथ ही रहेगी। हम लोग मिलकर चुनाव लड़ेंगे और बीजेपी को हराएंगे।
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले इंडियन गठबंधन से राष्ट्रीय लोकदल के अलग होने की चर्चा जोरों पर है।कहा जा रहा है कि जयंत चौधरी सपा का साथ छोड़कर एनडीए में शामिल हो सकते हैं।जयंत के एनडीए में शामिल होने की चर्चाओं के बीच सपा नेताओं के बयान आने शुरू हो गए हैं।पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 12 सीटों पर राष्ट्रीय लोकदल का खासा प्रभाव है। इसी वजह से इंडिया और एनडीए दोनों को रालोद का साथ चाहिए,जिस गठबंधन में रालोद रहेगा उसका पलड़ा यहां भारी हो जाएगा। मुरादाबाद मंडल की हारी हुई सीटों पर भी रालोद की अच्छी पैठ है।