कानपुर देहात में मां-बेटी हत्याकांड के विरोध में अखिल भारतीय के ब्राह्मण महासभा में (रा) का हुआ जोरदार प्रदर्शन
सीएम से लोमहर्षक घटना के दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई कि-की गई मांग…
पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, एक करोड़ मुआवजा व 10 बीघा जमीन देने कि-की गई अपील…
जौनपुर जिले में राष्ट्रीय अध्यक्ष पर हुए प्राणघातक हमले के दोषियों पर सख्त कार्रवाई करें योगी सरकार…
फतेहपुर। विगत दिनों कानपुर देहात जनपद के रूरा क़स्बा स्थित एक गरीब ब्राह्मण परिवार पर योगी सरकार का बुलडोजर ऐसा गरजा की आग की चपेट में आकर जहां मां-बेटी की दर्दनाक मौत हो गयी। वही आपको बुझाने के चक्कर में गृह स्वामी भी बुरी तरह झुलस गया। इस घटना के बाद से जहां प्रदेश की योगी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है, वहीं इस मामले में सरकार द्वारा ठोस कार्यवाही न किए जाने से ब्राह्मण समाज के लोगों में भी गुस्सा पनपने लगा है। सोमवार को अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा (रा) की जिला इकाई के आह्वान पर शहर के पटेल नगर चौराहे पर एकत्र हुए ब्राह्मण समाज के लोग नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा। भेजे गए ज्ञापन में संगठन के लोगों का कहना रहा कि कानपुर देहात में घटित लोमहर्षक घटना के दोषी जिलाधिकारी समेत अन्य प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को तत्काल नौकरी से बर्खास्त करते हुए गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए एवं पीड़ित ब्राह्मण परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, एक करोड़ सरकारी मुआवजा व दस बीघा जमीन देने की मांग की गई।
वही जौनपुर जनपद में राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी पर हुए प्राणघातक हमले की निष्पक्ष जांच कराते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई। संगठन के लोगों का कहना रहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी जाती और ब्राह्मण समाज पर अत्याचार जारी रहा तो सड़क पर उतर कर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से जिला अध्यक्ष आशीष त्रिपाठी, विकास त्रिवेदी, श्रवण कुमार शुक्ला, अतुल दीक्षित, अनुराग शर्मा, दिव्यांश सिंह, अदम्य गुप्ता, रामजी शुक्ला, शुभम तिवारी, गणेश त्रिपाठी, राहुल शुक्ला, सज्जन अग्निहोत्री, राजू तिवारी, अभय शुक्ला, दीपेंद्र शुक्ला, सुशील मिश्रा, अजीत तिवारी, रजनीश तिवारी, मनीष दुबे, रवि गुप्ता, विनय तिवारी, विपिन तिवारी, गौरव गुप्ता, हर्षित पांडे, नारायण द्विवेदी आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।