बहराइच में बुलडोजर एक्शन पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई रोक, PWD ने मुख्य आरोपी सहित 23 लोगों को थमाया था नोटिस
बहराइच में बुलडोजर एक्शन पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 15 दिन के लिए रोक लगा दी है। अब इस मामले में बुधवार को सुनवाई होगी। पीडब्ल्यूडी विभाग की तरफ से जिन 23 लोगों के घरों व दुकानों पर नोटिस चिपकाया गया था। उनको जवाब दाखिल करने के लिए 15 दिनों का वक्त दिया गया है। ऐसे में अब 23 अक्टूबर की सुनवाई के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बहराइच हिंसा मामले में मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के वकील कलीम हाशमी ने बताया कि पीडब्ल्यूडी ने 23 लोगों के मकान तोड़ने का नोटिस दिया था। इस पर एपीसीआर की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। जिस पर तत्काल सुनवाई हुई और हाईकोर्ट ने नोटिस पाने वाले सभी 23 लोगों को अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिन का समय दिया है। इस दौरान यह साफ कर दिया गया है कि 15 दिन में शायद बुलडोजर की कार्रवाई नहीं होगी और हमें अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा।
एक आरोपी सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा…
बहराइच हिंसा के एक आरोपी ने राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए विध्वंस नोटिस पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दायर याचिका में कहा गया है कि निर्माण 25 साल पुराना है और हिंसा के बाद अनावश्यक रूप से घरों को निशाना बनाया जा रहा है। आपको बता दें कि देश भर में संपत्तियों पर तोड़फोड़ करने के दिशा-निर्देशों पर शीर्ष अदालत ने पहले ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। तोड़फोड़ पर शीर्ष अदालत की रोक पहले से ही है।
याचिका में कहा गया है कि घटना के सिलसिले में आवेदक संख्या 1 के पिता और भाइयों की हिरासत की मांग पुलिस द्वारा की जा रही है। 16 अक्टूबर को आवेदक संख्या 1 के पिता और उसके 3 भाइयों ने उत्तर प्रदेश पुलिस विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था। यहां तक कि उनकी गिरफ्तारी भी पुलिस रिकॉर्ड में नहीं दिखाई गई है।
PWD ने नोटिस में कही थी ये बात…
बहराइच हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद सहित 23 लोगों के घरों व दुकानों पर पीडब्ल्यूडी ने शनिवार को नोटिस लगा दिया था। विभाग की तरफ से नोटिस सरकारी रास्ते पर अतिक्रमणकर करने को लेकर लगाई गई थी। ऐसे में 3 दिन में ग्रामीण सड़क के मध्य से 60 फीट की दूरी पर बनाए गए निर्माण को हटाने के लिए कहा गया था।
नोटिस में कहा गया था कि उपरोक्त विषय के सम्बन्ध में सूचित करना है कि कुण्डासर महसी नानपारा मार्ग प्रमुख जिला मार्ग की श्रेणी का मार्ग है। विभागीय मानक के अनुसार प्रमुख जिला मार्ग पर रूरल एरिया में मार्ग के मध्य बिन्दु से 60 फुट की दूरी के अंदर बिना विभागीय अनुमति के कोई भी निर्माण कराया जाना अवैध निर्माण की श्रेणी में आता है।
अतः आपको नोटिस के माध्यम से सूचित किया जाता है कि यदि आपने यह निर्माण जिलाधिकारी महोदय, बहराइच या पूर्व विभागीय अनुमति से किया गया है तो उसकी मूल प्रति तत्काल उपलब्ध करायें व उक्त अवैध निर्माण तीन दिवस के अंदर स्वयं हटा लें। अन्यथा की दशा में अवैध निर्माण पुलिस एवं प्रशासन के सहयोग से हटवाने की कार्यवाही की जायेगी। कार्यवाही में किये गये व्यय को राजस्व के माध्यम से आपसे ही वसूला जायेगा।
13-14 अक्टूबर को हुई थी हिंसा…
यूपी के बहराइच में 13-14 अक्टूबर को विसर्जन जुलूस के दौरान हुई हिंसा के बाद शुक्रवार को पुलिस ने पांच आरोपियों अब्दुल हमीद, रिंकू उर्फ सरफराज, फहीम, तालीम व अफजल को सीजेएम प्रतिभा चौधरी के जजेज कालोनी स्थित आवास पर पेश किया। जहां से सीजेएम ने आरोपियों को 14 दिनों की रिमांड पर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।
वहीं, हिंसा के पांचवें दिन शहर में शांति वापस लौटती दिखाई पड़ रही है। शहर कोतवाली के मुख्य बाजार घंटाघर पर हिंसा के बाद जुमे की पहली नमाज के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। हर चौक चौराहों पर पुलिस की कड़ी पहरेदारी थी। शहर की सभी प्रमुख मस्जिदों पर मुस्लिम समाज के लोगों ने शांतिपूर्ण तरह से नमाज अदा की। इस दौरान डीएम मोनिका रानी, एसपी वृंदा शुक्ला सिटी मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर, सिटी पुलिस क्षेत्राधिकारी रमेश पांडेय लगातार शहर भर में भ्रमण करते रहे।
हिंसा में राम गोपाल मिश्रा की हो गई थी मौत…
13 अक्टूबर की शाम हरदी थाना क्षेत्र के महराजगंज बाजार में विसर्जन जुलूस में मामूली कहासुनी के बाद दुर्गा प्रतिमा पर पथराव व धार्मिक झंडा उतारने से उपजे विवाद में गोली चलने से युवक रामगोपाल मिश्रा की मौत हो गई थी। जिसमें पुलिस ने गुरुवार को पांच मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। जिनमें सरफराज व तालीम के नानपारा कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत नानपारा रूपईडीहा हाइवे पर बड़ी नहर के पास पुलिस से हुई मुठभेड़ में पैरों में गोली लग गई थी। उन्हें बहराइच मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। वहीं अन्य तीन आरोपियों अब्दुल हमीद, फहीम व अफजल को पुलिस हिरासत में रखा गया था। जबकि शुक्रवार को पुलिस रिमांड पेशी के बाद उन्हें 14 दिनों की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।